Samosa Controversy: हिमाचल में BJP विधायक ने CM सुक्खू के लिए ऑर्डर किए समोसे, सोशल मीडिया पर यूजर्स ले रहे जमकर मजे

Samosa Controversy: हिमाचल में BJP विधायक ने CM सुक्खू के लिए ऑर्डर किए समोसे, सोशल मीडिया पर यूजर्स ले रहे जमकर मजे
Last Updated: 09 नवंबर 2024

हिमाचल प्रदेश में समोसे को लेकर चल रहे विवाद के बीच भाजपा विधायक आशीष शर्मा ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के लिए ऑनलाइन 11 समोसे ऑर्डर किए। यह कदम सरकार द्वारा समोसे की जांच के आदेश के खिलाफ एक विरोध था।

शिमला: हिमाचल प्रदेश में समोसे को लेकर चल रहा विवाद अब राजनीति के नए मोड़ पर पहुंच गया है। भाजपा विधायक आशीष शर्मा ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के लिए ऑनलाइन 11 समोसे ऑर्डर किए, और इसे सरकार द्वारा समोसे की जांच के आदेश के विरोध के रूप में पेश किया। उन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए कहा कि राज्य पहले से ही बेरोजगारी, वित्तीय संकट, कर्मचारियों की पेंशन में देरी और डीए बकाया जैसी गंभीर समस्याओं का सामना कर रहा है, और ऐसे समय में समोसों पर सीआईडी जांच का आदेश देना बेहद निराशाजनक हैं।

शर्मा का कहना था कि सरकार को इन छोटे और निरर्थक मुद्दों के बजाय असली मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए, क्योंकि हिमाचल के लोग अब अपनी असली समस्याओं के समाधान के लिए संघर्ष कर रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि उन्होंने मुख्यमंत्री को समोसे भेजकर यह संदेश देने की कोशिश की कि राज्य के विकास और जनता की वास्तविक समस्याओं को प्राथमिकता दी जानी चाहिए।

क्या है समोसा विवाद?

हिमाचल प्रदेश में समोसे को लेकर राजनीतिक विवाद अब और गहरा गया है। 21 अक्टूबर को मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू शिमला में सीआईडी मुख्यालय में एक कार्यक्रम में शामिल होने गए थे, जहां उनके लिए समोसे और केक लाए गए थे। यह खाद्य सामग्री उनके कर्मचारियों को परोसी गई, लेकिन इसके बाद सीआईडी अधिकारियों ने इस प्रकरण की जांच के आदेश दे दिए। जांच रिपोर्ट में एक वरिष्ठ अधिकारी की टिप्पणी में कहा गया कि यह कृत्य सरकार और सीआईडी के खिलाफ था।

इस घटना के बाद भाजपा के धर्मशाला से विधायक सुधीर शर्मा ने कांग्रेस सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि इस घटना ने हिमाचल प्रदेश को देशभर में हंसी का पात्र बना दिया है। उन्होंने यह भी कहा कि समोसे पर हुई जांच की कार्रवाई राज्य की वास्तविक समस्याओं से ध्यान हटाने की कोशिश हैं।

समोसा कांड- सोशल मीडिया पर यूजर्स ले रहे जमकर मजे

हिमाचल प्रदेश में समोसा विवाद अब राजनीतिक मोड़ ले चुका है और प्रदेश भाजपा इस पर कड़ी आलोचना कर रही है। भाजपा उपाध्यक्ष और कांगड़ा के सांसद राजीव भारद्वाज ने सवाल उठाया कि समोसे के साथ डिब्बे में ऐसा क्या था, जिसके कारण सरकार को जांच के आदेश देने पड़े। उन्होंने इस मुद्दे पर सरकार की कार्रवाई पर संदेह जताया और इसे तूल देने के बजाय राज्य की असली समस्याओं पर ध्यान केंद्रित करने की अपील की।

इस बीच, भाजपा की युवा शाखा भारतीय जनता युवा मोर्चा (भाजयुमो) ने शिमला में समोसे बांटते हुए सरकार के खिलाफ नारेबाजी की और कहा कि सरकार गंभीर मुद्दों को नजरअंदाज कर छोटे-मोटे मामलों पर ध्यान दे रही है। प्रदेश भाजयुमो अध्यक्ष तिलक राज ने यह भी आरोप लगाया कि हिमाचल में बेरोजगारी, युवाओं की नशे की लत और खराब कानून-व्यवस्था की स्थिति जैसे मुद्दों पर सरकार कोई ध्यान नहीं दे रही है, जबकि सीआईडी समोसे की परोसने की जांच कर रही हैं।

इस पर भाजपा के मीडिया प्रभारी करण नंदा ने भी हमला बोलते हुए कहा कि राज्य सरकार सभी मोर्चों पर विफल रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि हिमाचल प्रदेश, जिसे "देवभूमि" के रूप में जाना जाता है, अब शौचालय कर, माल ढुलाई कर और समोसे की जांच जैसे गलत कारणों से चर्चा में है। राजनीतिक दृष्टि से यह विवाद भाजपा और कांग्रेस के बीच तीखी बयानबाजी का कारण बन चुका है, जहां भाजपा सरकार पर असली मुद्दों की अनदेखी का आरोप लगा रही है, जबकि कांग्रेस इसे सस्ती राजनीति से जोड़कर जवाब दे रही हैं।

सीआईडी डायरेक्टर और मुख्यमंत्री ने दी सफाई

मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार नरेश चौहान ने समोसा विवाद पर बयान देते हुए कहा कि राज्य सरकार ने इस मामले में किसी भी प्रकार की जांच का आदेश नहीं दिया है, और यह सीआईडी का आंतरिक मामला हो सकता है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि एजेंसी ने भी इसी रुख को अपनाया है। सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने शुक्रवार को बयान दिया था कि यह मामला अधिकारियों के दुर्व्यवहार से जुड़ा था, लेकिन मीडिया ने इसे समोसे गायब होने की जांच के रूप में पेश किया। उनका कहना था कि भाजपा विधानसभा चुनावों में अपनी पार्टी की बहुमत हासिल करने के बाद से कांग्रेस सरकार के खिलाफ बदनामी का अभियान चला रही हैं।

सीआईडी के महानिदेशक रंजन ओझा ने शिमला में कहा कि यह एक आंतरिक मामला है और उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री साइबर अपराध शाखा के लिए एक डेटा सेंटर के शुभारंभ पर मुख्य अतिथि थे। कार्यक्रम के बाद अधिकारी कार्यालय में चाय पी रहे थे, और जब किसी ने खाने-पीने की चीजों के बारे में सवाल पूछा तो उन्होंने बस यह कहा, "पता करो क्या हुआ।" ओझा ने यह भी कहा कि सीआईडी ने न तो कोई नोटिस जारी किया है और न ही कोई स्पष्टीकरण मांगा है। उनका कहना था कि मामले को राजनीतिक रूप से न लिया जाए, और केवल यह जानने के लिए स्पष्टीकरण मांगा गया कि क्या हुआ, और एक लिखित रिपोर्ट प्रस्तुत की गई हैं।

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