SEBI New Chairman: तुहिन कांत पांडेय बने सेबी के नए चेयरमैन, सरकार ने सौंपी बड़ी जिम्मेदारी

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केंद्र सरकार ने वरिष्ठ आईएएस अधिकारी तुहिन कांत पांडेय को भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) का नया चेयरमैन नियुक्त किया है। माधबी पुरी बुच का कार्यकाल समाप्त होने के बाद वित्त सचिव पांडेय इस पद की जिम्मेदारी संभालेंगे। उनकी नियुक्ति तीन वर्षों के लिए होगी।

वित्त मंत्रालय से बाजार नियामक तक सफर

1987 बैच के ओडिशा कैडर के आईएएस अधिकारी तुहिन कांत पांडेय वित्त मंत्रालय में अपनी भूमिका के लिए पहचाने जाते हैं। उन्होंने नीतिगत फैसलों में वित्त मंत्री को सलाह देने, लोक लेखा समिति के समक्ष मंत्रालय का प्रतिनिधित्व करने, और भारत की राजकोषीय रणनीतियों को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई हैं।

अब सेबी की कमान संभालने के बाद, उनका मुख्य ध्यान बाजार नियमन, निवेशकों की सुरक्षा और कॉर्पोरेट प्रशासन को मजबूत करने पर रहेगा। वित्तीय क्षेत्र में उनके व्यापक अनुभव से शेयर बाजार और पूंजी बाजार में स्थिरता और पारदर्शिता आने की उम्मीद की जा रही हैं।

एयर इंडिया विनिवेश और एलआईसी लिस्टिंग के रणनीतिकार

पांडेय निवेश और सार्वजनिक परिसंपत्ति प्रबंधन विभाग (DIPAM) के सचिव के रूप में भी कार्य कर चुके हैं। इस दौरान उन्होंने सरकार के महत्वपूर्ण विनिवेश कार्यक्रमों, विशेष रूप से एयर इंडिया की ऐतिहासिक बिक्री और एलआईसी की सार्वजनिक लिस्टिंग को सफलतापूर्वक अंजाम दिया। तुहिन कांत पांडेय ने पंजाब विश्वविद्यालय से इकोनॉमिक्स में मास्टर डिग्री और यूनाइटेड किंगडम से MBA किया हैं।

उनका प्रशासनिक करियर ओडिशा राज्य सरकार से लेकर केंद्र सरकार तक फैला हुआ है, जहां उन्होंने स्वास्थ्य, परिवहन, वाणिज्य और कर प्रशासन जैसे विभिन्न क्षेत्रों में काम किया है। तुहिन कांत पांडेय की नियुक्ति ऐसे समय में हुई है जब भारतीय शेयर बाजार नई ऊंचाइयों पर पहुँच रहा है और विदेशी निवेशकों की रुचि लगातार बढ़ रही है। उनके अनुभव और रणनीतिक सोच से बाजार की पारदर्शिता और निवेशकों का विश्वास मजबूत होने की उम्मीद हैं।

सेबी के सामने क्या होंगी चुनौतियाँ?

* स्टार्टअप्स और यूनिकॉर्न कंपनियों के लिए सूचीबद्धता के नियमों को सरल बनाना
* शेयर बाजार में खुदरा निवेशकों की भागीदारी को बढ़ावा देना
* क्रिप्टोकरेंसी और अन्य डिजिटल एसेट्स के लिए नियामक ढांचा तैयार करना
* इनसाइडर ट्रेडिंग और मनी लॉन्ड्रिंग जैसी अनियमितताओं पर सख्त नियंत्रण

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