Tejas: भारतीय रक्षा क्षेत्र में नया इतिहास, तेजस में उड़ान भरेंगे वायुसेना और थलसेना प्रमुख, जानिए बेंगलुरु की खास तैयारियां

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भारतीय वायुसेना प्रमुख ए पी सिंह और थलसेना प्रमुख उपेंद्र द्विवेदी आज बेंगलुरु में LCA तेजस में उड़ान भरेंगे। यह उड़ान एयरो इंडिया 2025 से पहले भारत की रक्षा ताकत प्रदर्शित करेगी।

Tejas Takeoff with Indian Air Force and Army Chief: भारतीय वायुसेना और थल सेना के चीफ आज (9 फरवरी 2025) बेंगलुरु में एक साथ LCA तेजस में उड़ान भरेंगे। यह उड़ान एयरो इंडिया 2025 के उद्घाटन से ठीक एक दिन पहले होगी। इंडियन एयरफोर्स चीफ एयर चीफ मार्शल ए पी सिंह और थल सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी बैचमेट हैं और यह उड़ान भारत की रक्षा क्षमताओं का प्रदर्शन करेगी।

वादा निभाने का दिन

कुछ दिनों पहले जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने बताया था कि एयर चीफ मार्शल ए पी सिंह ने उनसे वादा किया था कि जब वह तेजस उड़ाएंगे, तब उन्हें भी अपने साथ ले जाएंगे। आज एयर चीफ मार्शल ए पी सिंह अपना यह वादा पूरा करने जा रहे हैं।

तेजस उड़ान की तैयारियां पूरी

बेंगलुरु में इस ऐतिहासिक उड़ान को लेकर पूरी तैयारियां कर ली गई हैं। इस मिशन में एयरफोर्स चीफ तेजस के पायलट होंगे और थल सेना प्रमुख पिछली सीट पर बैठेंगे। यह उड़ान भारतीय सेना की ताकत को दर्शाएगी और दुश्मन देशों के लिए एक कड़ा संदेश होगी।

सुरक्षा नियमों में छूट

रक्षा मंत्रालय के नियमों के अनुसार, सुरक्षा कारणों से दोनों सेना प्रमुख एक ही एयरक्राफ्ट में सफर नहीं करते। लेकिन इस बार बेंगलुरु में यह ऐतिहासिक क्षण देखने को मिलेगा। तेजस दोपहर में येलहंका एयरबेस से उड़ान भरेगा। एयरफोर्स चीफ 10 फरवरी को भी तेजस फॉर्मेशन में उड़ान भरते नजर आएंगे।

तेजस: भारत का गर्व

तेजस 4.5 जेनरेशन का डेल्टा विंग मल्टी-रोल कॉम्बैट एयरक्राफ्ट है, जिसे DRDO की एरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी (ADA) ने डिजाइन किया और HAL इसका निर्माण कर रही है।

पहली उड़ान: 2001
भारतीय वायुसेना में शामिल: 2015
पहला स्क्वाड्रन: 2016 (सुलूर में 45 स्क्वाड्रन "फ्लाइंग डैगर")
दूसरा स्क्वाड्रन: 2020 (सुलूर में 18 स्क्वाड्रन "फ्लाइंग बुलेट")

तेजस की विशेषताएं

सबसे हल्का सुपरसोनिक कॉम्बैट एयरक्राफ्ट
अधिकतम गति: 2220 किमी/घंटा (1.8 मैक)
कॉम्बैट रेंज: 739 किमी (हवा में ईंधन भरने पर 3000 किमी)
अधिकतम ऊंचाई: 50,000 फीट
हथियार भार क्षमता: 5300 किलोग्राम

तेजस की यह उड़ान भारत की रक्षा ताकत को और मजबूत बनाएगी और अंतरराष्ट्रीय मंच पर देश का नाम रोशन करेगी।

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