तिरुपति लड्डू में पशु चर्बी की कथित मिलावट के मामले में सुप्रीम कोर्ट शुक्रवार को सुनवाई करेगा। इस मामले में अदालत की निगरानी में जांच की मांग समेत कई अन्य याचिकाएं भी शामिल हैं। न्यायमूर्ति बीआर गवई की अध्यक्षता वाली पीठ ने इस अनुरोध को स्वीकार करते हुए शुक्रवार सुबह सबसे पहले सुनवाई करने का निर्णय लिया। पहले अदालत ने यह भी स्पष्ट किया था कि भगवान को राजनीति से दूर रखना चाहिए।
Supreme Court: तिरुपति लड्डू में पशु चर्बी की संदिग्ध मिलावट के मामले में सुप्रीम कोर्ट शुक्रवार को सुनवाई करेगा, जिसमें अदालत की निगरानी में जांच की मांग समेत कई अन्य याचिकाएं भी शामिल हैं।
सालिसिटर जनरल तुषार मेहता ने अदालत से अनुरोध किया कि इस मामले की सुनवाई गुरुवार दोपहर के बजाय शुक्रवार सुबह सुनिश्चित की जाए। न्यायमूर्ति बीआर गवई की अध्यक्षता वाली पीठ ने इस अनुरोध को स्वीकार करते हुए शुक्रवार सुबह सबसे पहले सुनवाई करने का निर्देश दिया।
मामले में कोर्ट ने दिया था आदेश
तिरुपति लड्डू विवाद में सुनवाई के दौरान अदालत ने जांच के मुद्दे को लेकर टिप्पणी की थी। 30 सितंबर को अदालत ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से कहा कि वे यह निर्णय करें कि इस मामले की जांच राज्य द्वारा गठित विशेष जांच टीम (एसआईटी) द्वारा की जाए या इसे किसी स्वतंत्र एजेंसी को सौंपा जाए।
‘भगवान को राजनीति से दूर रखें’- SC
अदालत ने कहा था कि भगवान को राजनीति से दूर रखना चाहिए, जिसका तात्पर्य यह है कि धार्मिक और आस्था से जुड़े मामलों को राजनीति में नहीं घसीटना चाहिए, क्योंकि इससे सामाजिक और धार्मिक संवेदनाओं पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
इसके अलावा, अदालत ने जांच की गुणवत्ता पर भी सवाल उठाए थे। अदालत ने कहा कि प्रयोगशाला की जांच रिपोर्ट स्पष्ट नहीं है, क्योंकि ऐसा प्रतीत होता है कि अस्वीकृत घी का परीक्षण किया गया था। इसका मतलब है कि जिस घी का उपयोग तिरुपति लड्डू के निर्माण में हुआ, उसकी जांच सही तरीके से नहीं की गई या जांच के लिए सही नमूने नहीं लिए गए थे।