झारखंड के गिरिडीह से महिला वार्ड सदस्य ने गरीब स्वजनों को सरकारी गाइडलाइन के कारण अबुआ आवास का लाभ नहीं दिला पाने के कारण त्यागपत्र दे दिया है। वहीं, VDO अधिकारी निशा कुमारी ने वार्ड सदस्य के त्यागपत्र को स्वीकार किया है।
Jharkhand News: झारखंड के गिरिडीह में एक सियासी मामला सामने आया है। जहां बेंगावाद पंचायत प्रतिनिधि होते हुए गरीब परिवार के सदस्यों को आवास योजना का लाभ नहीं दिला पाने के कारण एक महिला वार्ड सदस्य ने अपने पद से त्यागपत्र दे दिया। subkuz.com को मिली जानकारी के अनुसार यह मामला गिरिडीह के भंडारीडीह पंचायत के वार्ड नंबर 01 का है।
VDO अधिकारी ने स्वीकार किया इस्तीफा
बताया जा रहा है कि महिला वार्ड के इस्तीफा देने के बाद बेंगाबाद की VDO अधिकारी निशा कुमारी ने उस वार्ड सदस्य के त्यागपत्र को स्वीकार कर लिया है। इसके बाद उन्होंने गिरिडीह जिला मुख्यालय भेज दिया है। वहीं, वार्ड सदस्य पानमुनी टुडू ने बताया है कि उस महिला वार्ड के पति तीन भाई हैं, जबकि ससुर की मृत्यु हो चुकी है।
आखिर क्या है मामला?
मिली जानकारी के अनुसार, उस महिला वार्ड के पति सहित तीनों भाई मजदूरी कर अपना गुजारा करते हैं और अलग-अलग स्थान पर रहते हैं। उन्होंने बताया कि वह वह, उसके पति के दोनों भाई और विधवा सास का नाम आवास योजना की सूची जुड़ा हुआ है, जबकि सभी कच्चे घर में रहकर अपना जीवन यापन कर रहे हैं। इसके साथ ही आर्थिक स्थिति दयनीय रहने की वजह से वह स्वयं से घर बनाने में सक्षम नहीं है।
उनका कहना है कि उनके वार्ड सदस्य निर्वाचित हो जाने के बाद स्थानीय मुखिया और पंचायत सचिव ने जनप्रतिनिधि बन जाने का हवाला देकर उनसे अलग रहने वाले उनके परिजनों को भी अबुआ आवास योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है। इस वजह से वे सभी लोग उन्हें खरीकोटि सुनाते हैं।
त्यागपत्र देना समझा उचित
उस वार्ड सदस्य ने subkuz.com टीम को बताया कि वार्ड सदस्य की इतनी आमदनी नहीं कि वह अपनी कमाई के जरिए अपना घर बना सके या परिवार के अन्य सदस्यों को मकान बनाने में उनका सहयोग करे। इसलिए उन्होंने अपने पद से त्यागपत्र देना ही उचित समझा।
दूसरी तरफ वार्ड मुखिया पति मुन्ना वर्मा ने कहा कि सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन के तहत एक जनप्रतिनिधि के परिवार को आवास योजना का लाभ नहीं दिया जा सकता। वहीं, VDO निशा कुमारी ने भी यहीं बताया कि सरकारी कर्मचारी या जनप्रतिनिधि के परिवार के सदस्य को योजना का लाभ देने का कोई प्रावधान नहीं है।