तिरुपति मंदिर बोर्ड ने विशेष प्रवेश टिकटों में अनियमितताओं की जांच के बाद विभिन्न राज्यों के एपी पर्यटन निगम द्वारा आवंटित दर्शन कोटा को समाप्त करने का फैसला किया है।
Tirupati Temple: तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) की पहली बैठक हाल ही में संपन्न हुई, जिसमें नए अध्यक्ष बीआर नायडू के नेतृत्व में कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए। इस बैठक में मंदिर में दर्शन का समय कम करने, गैर-हिंदू कर्मचारियों के ट्रांसफर, और विशेष प्रवेश टिकटों की अनियमितताओं की जांच जैसे कई अहम फैसले किए गए।
दर्शन समय में कमी के लिए विशेषज्ञ पैनल का गठन
टीटीडी ने भगवान वेंकटेश्वर मंदिर के दर्शन समय को दो से तीन घंटे तक कम करने के लिए एक विशेषज्ञ पैनल गठित करने का निर्णय लिया है। पैनल का उद्देश्य दर्शन को सुव्यवस्थित करना और भक्तों के अनुभव को बेहतर बनाना है।
राजनीतिक बयानबाजी पर प्रतिबंध
बैठक में यह भी तय किया गया कि तिरुमाला में किसी भी प्रकार की राजनीतिक बयानबाजी पर प्रतिबंध लगाया जाएगा। मंदिर में दर्शन करने के बाद राजनेताओं द्वारा दिए जाने वाले बयान और भाषणों पर पूरी तरह से रोक लगा दी जाएगी। इस संबंध में टीटीडी ने कहा कि राजनीतिक बयान देने वालों और उनका प्रचार करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
एआई और तकनीकी उपायों से भीड़ नियंत्रण
टीटीडी के कार्यकारी अधिकारी जे श्यामला राव ने बताया कि भगवान वेंकटेश्वर के दर्शन के लिए प्रतीक्षा समय को कम करने के लिए एआई (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) और अन्य तकनीकी उपायों का उपयोग किया जाएगा। इस उद्देश्य के लिए एक पैनल गठित किया जाएगा जो भीड़ नियंत्रण और दर्शन को सुव्यवस्थित करने के तरीकों पर विचार करेगा।
गैर-हिंदू कर्मचारियों पर फैसला
टीटीडी ने राज्य सरकार को पत्र लिखकर तिरुमाला में काम करने वाले गैर-हिंदू धर्म के कर्मचारियों के ट्रांसफर या वीआरएस (स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना) देने का प्रस्ताव भेजा है। अधिकारियों का मानना है कि यह कदम मंदिर के धार्मिक और आध्यात्मिक मूल्यों के अनुरूप कर्मचारियों की नियुक्ति सुनिश्चित करेगा।
दर्शन कोटा और राजनीतिक भाषणों पर कार्रवाई
टीटीडी ने विशेष प्रवेश टिकटों की अनियमितताओं के बाद विभिन्न राज्यों के एपी पर्यटन निगम के दर्शन कोटा को समाप्त करने का फैसला किया है। इसके अलावा, तिरुमाला में राजनीतिक भाषणों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है, और इसे लागू करने के लिए कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी गई है।
टीटीडी की वित्तीय योजनाएं
टीटीडी ने अपनी जमा राशियों को निजी बैंकों से निकालकर सरकारी बैंकों में जमा करने का निर्णय लिया है। इस कदम का उद्देश्य मंदिर की वित्तीय स्थिति को मजबूत करना है और सरकारी बैंकों में जमा राशि से अधिक पारदर्शिता सुनिश्चित करना है। इसके अलावा, प्रसाद बनाने के लिए उच्च गुणवत्ता वाले घी की खरीद के लिए निविदाएं फिर से जारी की जाएंगी।
वार्षिक ब्रह्मोत्सवम के कर्मचारियों के लिए नकद पुरस्कार
टीटीडी ने 4 से 13 अक्टूबर तक आयोजित वार्षिक ब्रह्मोत्सवम में विशेष सेवाएं देने वाले कर्मचारियों के लिए नकद पुरस्कार में 10 प्रतिशत की वृद्धि को मंजूरी दी है। इस फैसले का उद्देश्य कर्मचारियों को उनके उत्कृष्ट कार्य के लिए प्रेरित करना है।