UP National Highway Projects: यूपी वालों को मिलेगा बड़ा तोहफा, योगी सरकार ने गडकरी से की दस नेशनल हाई वे की मांग, देखें पूरी जानकारी

UP National Highway Projects: यूपी वालों को मिलेगा बड़ा तोहफा, योगी सरकार ने गडकरी से की दस नेशनल हाई वे की मांग, देखें पूरी जानकारी
Last Updated: 14 अगस्त 2024

सीएम योगी आदित्यनाथ ने नई दिल्ली में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के समक्ष यूपी के लिए 10 नए राष्ट्रीय मार्गों की स्थापना की मांग की। सीएम ने इस मुद्दे को उठाते हुए कहा कि नए मार्गों की स्थापना से केवल यातायात में सुधार होगा, बल्कि आर्थिक गतिविधियों को भी बढ़ावा मिलेगा।

UP National Highway Projects: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दिल्ली में केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी के साथ एक बैठक में उत्तर प्रदेश के लिए 10 नए राष्ट्रीय मार्ग (कॉरिडोर) बनाने का प्रस्ताव रखा। राष्ट्रीय राजमार्गों की आवश्यकताओं पर चर्चा करते हुए सीएम योगी ने कहा कि यूपी में अधिकांश राष्ट्रीय राजमार्ग पूर्व से पश्चिम या पश्चिम से पूर्व को जोड़ते हैं। उत्तर से दक्षिण की दिशा में नए राष्ट्रीय राजमार्गों का निर्माण आवश्यक है। उन्होंने 10 नए राष्ट्रीय मार्गों के निर्माण का प्रस्ताव रखा, जिनमें कुछ कॉरिडोर UP, Nepal, Rajasthan, Jharkhand, MP और Utrakhand को जोड़ने वाले हैं।

राष्ट्रीय मार्ग बनाने का रखा प्रस्ताव 

मुख्यमंत्री ने उत्तराखंड के काशीपुर से मुरादाबाद, अलीगढ़, मथुरा और भरतपुर (Rajasthan) तक एक राष्ट्रीय मार्ग (Corridor) बनाने का प्रस्ताव रखा है। यह कॉरिडोर आगरा एक्सप्रेस-वे को भी जोड़ने का कार्य करेगा।

 इसी प्रकार, मुरादाबाद से चंदौसी, बदायूं, फर्रुखाबाद, छिबरामऊ और सौरिख तक 270 किलोमीटर लंबाई का दूसरा कॉरिडोर बनाने का सुझाव दिया गया है। यह कॉरिडोर गंगा एक्सप्रेस वे के साथ फर्रुखाबाद से आगरा एक्सप्रेस-वे को जोड़ने की योजना है।

इसके अतिरिक्त, मथुरा में पंचकोशी मार्ग को भी एक कॉरिडोर के रूप में विकसित करने पर चर्चा हुई, जहां पैसेंजर कार यूनिट (पीसीयू) की कमी की समस्या उठाई गई। इस पर यह निर्णय लिया गया कि इसके लिए एक विस्तृत अध्ययन किया जाएगा।

राजमार्गों के क्रियान्वयन में कई बाधाएं 

सीएम ने बताया कि राजमार्गों का कार्य अभी बाकी होने के बावजूद टोल वसूली शुरू करने पर उन्होंने कड़ी आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि ऐसा करने से सरकार को किसानों और ग्रामीणों के रोष का सामना करना पड़ता है। मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार को भरोसा दिलाया कि राष्ट्रीय राजमार्गों के क्रियान्वयन में जो भी बाधाएं हैं, उन्हें प्रदेश में समय पर हल किया जाएगा। भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया और मुआवजे के वितरण को भी निर्धारित समय सीमा के भीतर पूरा किया जाएगा।

14 जिलों में नए बाईपास बनाने का रखा प्रस्ताव

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राष्ट्रीय राजमार्ग से जुड़ी परियोजनाओं की समीक्षा बैठक में यह मांग की है कि, उत्तर प्रदेश में राजमार्गों को राष्ट्रीय औसत स्तर पर लाने के लिए 11,500 किमी और राष्ट्रीय राजमार्गों का निर्माण किया जाए। उन्होंने 2025 में आयोजित होने वाले महाकुंभ से संबंधित परियोजनाओं, जिसमें प्रयागराज रिंग रोड भी शामिल है, को दिसंबर 2024 तक पूरा करने का निर्देश दिया। इसके अलावा, 14 जिलों में नए बाईपास बनाने का प्रस्ताव भी रखा गया है, जिनमें निम्नलिखित मार्ग शामिल हैं:

1. कोटद्वार-इटावा-सागर (640 किमी)

2. काशीपुर-मुरादाबाद-अलीगढ़-मथुरा-भरतपुर (लंबाई 268 किमी)

3. पिथौरागढ़ से लेकरपीलीभीत-शाहजहांपुर-कानपुर-छतरपुर (मध्यप्रदेश) (लंबाई 469 किमी)

4. गौरीफंटा (नेपाल)-लखीमपुर-सीतापुर-लखनऊ-चित्रकूट-सतना (मध्य प्रदेश) (350 किमी)

5. भोगनीपुर-हरदोई-सीतापुर-लखीमपुर-गौरीफंटा (नेपाल सीमा) (लंबाई 349 किमी)

6. बगहा (नेपाल)-पडरौना-देवरियागाजीपुर-मेदिनीनगर (झारखंड) (लंबाई 401 किमी)

7. टुंडला (एनएच-दो)-एटा (एनएच 91)-कासगंज (एनएच-53 बी) मार्ग (लंबाई 120 किमी)

8. मुरादाबाद-बदायूं-फर्रुखाबाद-सौरिख मार्ग (लंबाई 270 किमी)

9. गोसाईगंज (एनएच-56)-मोहनलालगंज (एनएच-24 बी)-बनी (एनएच-27)-मोहान मार्ग (62 किमी)

10. ककरहवा (नेपाल सीमा)-बस्ती-जौनपुर-मिर्जापुर-सिंगरौली (मध्यप्रदेश) (लंबाई 415 किमी) इस विस्तृत योजना के माध्यम से प्रदेश की सड़क अवसंरचना को सुदृढ़ करने और यातायात की सुगमता को सुनिश्चित करने का प्रयास किया जा रहा है।

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