हापुड़ रोड से दून बाईपास तक अधूरी रिंग रोड निर्माण की जिम्मेदारी मेरठ विकास प्राधिकरण (MDA) को मिली। 14 फरवरी को बैठक में पीपीपी मोड के तहत निर्माण पर चर्चा होगी।
UP News: मेरठ की अधूरी रिंग रोड के निर्माण को लेकर शासन ने बड़ा फैसला लिया है। हापुड़ रोड से जुर्रानपुर, दिल्ली रोड होते हुए दून बाईपास तक इस रिंग रोड के अधूरे हिस्से को पूरा करने की जिम्मेदारी मेरठ विकास प्राधिकरण (MDA) को सौंपी गई है। अब MDA को यह तय करना होगा कि सड़क के लिए आवश्यक जमीन किस तरह से खरीदी जाएगी और धनराशि का इंतजाम कैसे किया जाएगा।
14 फरवरी को होगी अहम बैठक
शासन में हुई बैठक के बाद MDA ने 14 फरवरी को सभागार में बैठक बुलाई है। इस बैठक में रिंग रोड निर्माण को पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP) मोड के तहत पूरा करने पर चर्चा होगी। इसके लिए बिल्डर और निवेशकों से सुझाव मांगे जाएंगे कि धनराशि और जमीन के इंतजाम के लिए क्या कदम उठाए जा सकते हैं। साथ ही यह भी देखा जाएगा कि बिल्डर और निवेशक इस परियोजना में कैसे योगदान दे सकते हैं।
291 करोड़ जमीन अधिग्रहण और 12 करोड़ सड़क निर्माण पर
इस अधूरी रिंग रोड को पूरा करने के लिए कुल 291 करोड़ रुपये जमीन अधिग्रहण पर खर्च किए जाएंगे। वहीं, जब जमीन मिल जाएगी तो सड़क और नाली निर्माण पर 12 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इससे पहले पीडब्ल्यूडी ने 291 करोड़ रुपये का प्रस्ताव शासन को भेजा था, लेकिन इसे मंजूरी नहीं मिली।
इस सड़क के लिए जुर्रानपुर में रेलवे लाइन पर ओवरब्रिज पहले से बना हुआ है, लेकिन एप्रोच रोड न बनने की वजह से यह अधूरा ही लटका हुआ है। इस ओवरब्रिज का निर्माण 2012 में रेलवे ने किया था।
रिंग रोड निर्माण के संभावित विकल्प
MDA विभिन्न तरीकों से इस रिंग रोड के निर्माण का रास्ता निकाल सकता है। इनमें कुछ प्रमुख विकल्प इस प्रकार हैं:
औद्योगिक से आवासीय भूमि उपयोग परिवर्तन – MDA कुछ निवेशकों की औद्योगिक भूमि को आवासीय में परिवर्तित कर सकता है। इससे जो भू-उपयोग परिवर्तन शुल्क मिलेगा, उसका उपयोग सड़क निर्माण में किया जाएगा।
गांवों की भूमि उपयोग में बदलाव – जिन गांवों की जमीन से होकर रिंग रोड का निर्माण होना है, वहां भूमि उपयोग बदला जा सकता है। इससे निवेशकों को आकर्षित किया जा सकेगा।
विकास शुल्क का उपयोग – यदि कोई निवेशक वहां अपार्टमेंट या अन्य निर्माण कार्य करने के लिए तैयार होता है, तो उससे प्राप्त विकास शुल्क को सड़क निर्माण में लगाया जा सकता है।
आम जनता भी दे सकती है सुझाव
यदि आप भी इस रिंग रोड के निर्माण और धनराशि के इंतजाम को लेकर कोई सुझाव देना चाहते हैं, तो 20 फरवरी तक MDA को ईमेल कर सकते हैं। सुझाव भेजने के लिए mdameerut@rediffmail.com पर संपर्क किया जा सकता है।
कई प्रयासों के बाद फिर MDA के पाले में आया प्रोजेक्ट
2011 में इस रिंग रोड का शिलान्यास हुआ था, तब तय हुआ था कि MDA जमीन अधिग्रहण करेगा और पीडब्ल्यूडी सड़क का निर्माण करेगा। इसी समझौते के तहत रेलवे ने ओवरब्रिज बना दिया, लेकिन MDA ने जमीन खरीदने से इंकार कर दिया।
इसके बाद पीडब्ल्यूडी ने शासन को प्रस्ताव भेजा, लेकिन उसे निरस्त कर दिया गया। मंडलायुक्त ने एनएचएआई से संपर्क किया और तत्कालीन सांसद ने भी पत्राचार किया, लेकिन एनएचएआई ने इसे बनाने से मना कर दिया। फिर जनप्रतिनिधियों के प्रयासों से पीडब्ल्यूडी ने दोबारा प्रस्ताव तैयार कर शासन को भेजा, जिसके बाद एक बार फिर जिम्मेदारी MDA को दे दी गई है।