लखनऊ के खंतरी गांव में अंबेडकर की मूर्ति हटाए जाने को लेकर सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने प्रशासन पर हमला किया। ग्रामीणों ने विरोध करते हुए पुलिस पर पथराव किया।
Lucknow News: 14 अप्रैल को Dr. Bhimrao Ambedkar की जयंती से पहले उनकी statue हटाए जाने को लेकर सियासी हलचल तेज हो गई है। महिंगवा थाना क्षेत्र के Khantari village में प्रशासन ने अंबेडकर की मूर्ति हटाने की action की, जिसे लेकर स्थानीय लोगों में गुस्सा फैल गया। मूर्ति हटाने के विरोध में protesters ने पुलिस पर stone pelting किया, जिससे कई पुलिसकर्मी घायल हो गए।
सपा चीफ का तीखा हमला
इस मामले पर Samajwadi Party के अध्यक्ष Akhilesh Yadav ने शासन-प्रशासन पर कड़ा हमला किया है। उन्होंने Twitter पर लिखा, "लखनऊ में बाबासाहेब की मूर्ति हटाने का जो दुस्साहस प्रशासन कर रहा है, वह शासन का दबाव है। जनाकांक्षा की अवहेलना जनाक्रोश को जन्म देती है।" उन्होंने आरोप लगाया कि प्रशासन ने अपनी राजनीतिक सोच के तहत महापुरुषों की मूर्तियों को निशाना बनाया है।
मूर्ति हटाने का विवाद
प्रशासन का कहना है कि यह मूर्ति अवैध रूप से सार्वजनिक भूमि पर स्थापित की गई थी, जिसके कारण इसे हटाया जा रहा है। वहीं, स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि यह मूर्ति उनकी faith से जुड़ी हुई है, और प्रशासन उनकी भावनाओं का suppression कर रहा है। इस विवाद में कई पुलिसकर्मी घायल हुए हैं और स्थिति काबू करने के लिए पुलिस ने lathi charge किया।
प्रशासन और ग्रामीणों के बीच टकराव
प्रशासन का कहना है कि अवैध रूप से मूर्तियों की स्थापना violates the law, जबकि ग्रामीणों का कहना है कि यह उनका right है और उनकी faith से जुड़ा मुद्दा है। इस विवाद ने राज्य में राजनीतिक माहौल को गर्मा दिया है, खासकर जब समाजवादी पार्टी ने इसे एक communal और caste-based मुद्दा बनाने की कोशिश की है।