उत्तर प्रदेश के संभल मंदिर के पीछे स्थित एक मकान से अवैध अतिक्रमण को हटाने का काम शुरू हो गया है। मजदूरों की टीम इस घर के ऊपरी हिस्से को तोड़ रही है।
UP News: संभल जिले के पुराने शिव मंदिर के पुनः उद्घाटन और इसके पीछे स्थित एक मकान से अवैध अतिक्रमण हटाने की प्रक्रिया इन दिनों चर्चा में है। मंदिर के बगल में स्थित घर से अतिक्रमण को हटाने के लिए मजदूरों की एक टीम ने तोड़-फोड़ शुरू कर दी है। जानकारी के अनुसार, मकान मालिक मतीन ने खुद प्रशासन से अतिक्रमण हटाने का आग्रह किया है, क्योंकि यह मंदिर के बगल में अवैध रूप से निर्मित था और बिना नक्शे के था।
इस बीच, एएसपी ने बताया कि मकान मालिक मतीन ने स्वयं इस अतिक्रमण को हटाने की मांग की है। उन्होंने मीडिया से कहा कि मंदिर के बगल में किसी भी प्रकार का अवैध निर्माण नहीं होना चाहिए, और वे इसे हटाने में कोई आपत्ति नहीं है। अब इस मकान का ऊपरी हिस्सा भी हटाया जा रहा है।
मंदिर का पुनः उद्घाटन और धार्मिक महत्व
इससे पहले, संभल में एक महत्वपूर्ण घटना घटी जब 46 साल बाद पुराने शिव मंदिर का पुनः उद्घाटन किया गया। मंदिर में प्राचीन शिवलिंग, हनुमान जी की मूर्ति और एक कुआं मिला था। 15 दिसंबर को विधिपूर्वक पूजा और मंत्रोच्चारण के साथ आरती का आयोजन किया गया। इस दिन मंदिर के पास स्थित कुएं की खुदाई भी शुरू की गई, जिसमें माता पार्वती की दो मूर्तियां प्राप्त हुईं। यह खुदाई अभी भी जारी है और मूर्तियां पुलिस को सौंप दी गई हैं।
सोमवार को मंदिर में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ रही, जिन्होंने भगवान भोलेनाथ का जलाभिषेक किया और पूजा अर्चना की। मंदिर के पुनः उद्घाटन के मौके पर “प्राचीन संभलेश्वर महादेव” नाम दिया गया, और दीवारों पर ‘ॐ नमः शिवाय’ और ‘हर हर महादेव’ जैसे धार्मिक मंत्र लिखे गए। इस दिन का धार्मिक महत्व बढ़ाने के लिए पूजा आरती भी की गई, जिसमें भक्तों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।
46 साल बाद आस्था का केंद्र लौटा
संभल का यह प्राचीन शिव मंदिर 1978 से बंद पड़ा था। प्रशासन द्वारा मंदिर की सफाई और पूजा-अर्चना के साथ इसे फिर से श्रद्धालुओं के लिए खोला गया है। मंदिर की पुनः शुरुआत ने स्थानीय लोगों में धार्मिक उत्साह और आस्था को पुनर्जीवित किया है।