उत्तराखंड में हो रही तेज बारिश के चलते शुक्रवार को यमुनोत्री धाम में यमुना नदी उफान पर थी, वहीं आज शनिवार को गंगोत्री धाम में भागीरथी नदी भी उफान पर है। गंगोत्री में आरती स्थल से भागीरथ शिला तक जलस्तर पहुंच गया है। बता दें तेज बारिश के कारण यमुना नदी ने रौद्र रूप धारण कर लिया हैं।
उत्तरकाशी: उत्तराखंड में शुक्रवार को यमुनोत्री धाम में यमुना के उफान में आने के बाद, आज शनिवार (27 जुलाई) को गंगोत्री धाम में भागीरथी उफान पर है। गंगोत्री में भागीरथी का जलस्तर काफी बढ़ जाने के कारण भागीरथी नदी का उफान घाटों के ऊपर तक पहुंच गया। गंगोत्री में आरती स्थल से लेकर भागीरथ शिला तक जलस्तर पहुंच गया है। जानकारी के मुताबिक तीर्थ पुरोहितों ने दान पत्र और अन्य सामग्री को पूजा स्थल से हटा दी हैं।
यमुना नदी का रूद्र रूप
पत्रकार ने जानकारी देते हुए बताया गुरुवार की रात को जानकी चट्टी, यमुनोत्री और कालिंदी पर्वत क्षेत्र में जमकर बरसात हुई। वर्षा के कारण यमुना अपने रौद्र रूप में आ गई। यमुनोत्री धाम में यमुना नदी के उफान के कारण कई तटबंध बह गए हैं। यमुनोत्री में में हो रही वर्षा से यमुना नदी में उफान आने से उसने तबाही का रूप ले लिया। बताया कि यमुनोत्री धाम, राममंदिर पड़ाव और जानकी चट्टी में विशेष नुकसान हुआ। इसके अलावा धाम की सुरक्षा के लिए लगाई गई दीवार भी बारिश के कारण ढह गई। यमुना मंदिर को जाने वाला मुख्य मार्ग भी बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया है। यमुनोत्री धाम में पुजारी महासभा के यमुना नदी के किनारे स्थित कक्ष भी क्षतिग्रस्त और ध्वस्त हो गए।
संवादाता ने बताया कि इसके अतिरिक्त स्ट्रीट लाइट और कई माकन क्षतिग्रस्त हुए हैं और यमुना नदी के बहाव में मंदिर का जनरेटर भी बह गया। यमुनोत्री मंदिर को जोड़ने वाला पुल की सुरक्षा दीवार भी टूट गई है, जिससे पुल को खतरा हो गया है। यमुनोत्री धाम में स्नान घाट भी पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गए हैं और घाटों का कहीं कोई पता नहीं चल पा रहा है. यमुनोत्री धाम का मुख्य शौचालय भी पानी के तेज बहाव में बह गया। यमुनोत्री धाम को जोड़ने वाले पैदल मार्ग पर स्थित राम मंदिर के पंजीकरण सत्यापन केंद्र को भी काफी क्षति पहुंची हैं।
यमुना के उफान से जानकी चट्टी में नुकसान
जानकारी के मुताबिक यमुना नदी का उफान जब जानकी चट्टी पार्किंग में पहुंचा, तो वहां मौजूद मजदूरों को अपने अस्थायी डेरों से बच्चों के साथ सुरक्षित स्थानों की ओर भागना पड़ा। इस दौरान तीन खच्चर पानी के तेज बहाव में बह गए। वहीं पार्किंग में खड़ी दो बाइक्स भी यमुना में बहाव की चपेट में आ गईं।तकरीबन पांच-सात चौपहिया वाहन भी मलबे में दब गए। जानकी चट्टी शुभम पैलेस होटल के निकट जानकी चट्टी की मुख्य सड़क भी ढह गई है, जिससे रोडवेज बस समेत 40 से अधिक वाहन जानकी चट्टी पार्किंग में फंस गए हैं।
संवादाता ने बताया कि पुलिस ने अपनी सुरक्षा व्यवस्था को यमुनोत्री धाम में बढ़ा दी हैं। शुक्रवार की शाम यमुनोत्री और जानकी चट्टी में यमुना का जलस्तर सामान्य स्थिति में आया हैं। बता दें भारी वर्षा के कारण जानकी चट्टी, यमुनोत्री धाम और खरसाली में बिजली आपूर्ति पूरी तरह से ठप हो गई है। क्योकि यहां बिजली के दस पोल क्षतिग्रस्त हुए हैं।
विधायक और जिलाधिकारी ने लिया जायजा
जिलाधिकारी डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट ने यमुनोत्री क्षेत्र में बीती रात अतिवृष्टि के कारण हुए नुकसान का अधिकारीयों के साथ जायजा लेने और तात्कालिक रूप से आवश्यक सुरक्षा उपाय सुनिश्चित करने के लिए उपजिलाधिकारी बड़कोट को निर्देश दिए हैं। यमुनोत्री विधायक संजय डोभाल ने लोनिवि के जयवीर तोमर, सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता पन्नीलाल, एसडीएम मुकेश रमोला, थानाध्यक्ष दीपक कठैत, और एसडीआरएफ के जवानों के साथ यमुनोत्री धाम में हुए नुकसान का जायजा लेने के लिए पहुंचे।
विधायक संजय कुमार डोभाल ने कहां कि संबंधित विभागों और उच्च अधिकारियों को निर्देशित किया जा चुका है कि बाढ़ से राहत और बचाव कार्य को तेज किया जाएं, ताकि यात्रा का सफल संचालन के तैयार किया जा सकें।