उत्तराखंड के रैट माइनर्स पहुंचे तेलंगाना, टनल में फंसे मजदूरों को निकालने का अभियान तेज

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तेलंगाना के नगरकुरनूल जिले में निर्माणाधीन श्रीशैलम लेफ्ट बैंक कैनाल (एसएलबीसी) परियोजना की टनल का एक हिस्सा ढह जाने के कारण 14 किमी अंदर फंसे आठ मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए बचाव कार्य तेज कर दिया गया हैं। 

हैदराबाद: तेलंगाना के नागरकुरनूल जिले में श्रीशैलम लेफ्ट बैंक कैनाल (SLBC) परियोजना के तहत निर्माणाधीन सुरंग का एक हिस्सा ढह जाने से आठ लोग फंस गए हैं। इनमें दो इंजीनियर, दो मशीन ऑपरेटर और चार मजदूर शामिल हैं। बचाव अभियान में सेना, राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (NDRF), राज्य आपदा मोचन बल (SDRF) और अन्य एजेंसियां जुटी हुई हैं, लेकिन अब तक सफलता नहीं मिली हैं।

रैट माइनर्स की विशेषज्ञता से मिलेगी राहत

उत्तराखंड के सिल्कयारा सुरंग हादसे में श्रमिकों की जान बचाने वाले खनिकों की यह टीम विशेष तकनीकों का उपयोग कर टनल में फंसे मजदूरों तक पहुंचने की कोशिश कर रही है। उनके साथ भारतीय सेना, एनडीआरएफ और अन्य बचाव दल भी लगातार ऑपरेशन में जुटे हुए हैं। हालांकि, 60 घंटे बीत जाने के बावजूद अभी तक सफलता नहीं मिल पाई है, लेकिन उम्मीद बनी हुई है कि जल्द ही मजदूरों को सुरक्षित निकाला जा सकेगा।

उन्नत तकनीक से हो रही निगरानी

बचाव कार्य को कारगर बनाने के लिए सोमवार को एंडोस्कोपिक और रोबोटिक कैमरों को सुरंग में भेजा गया। इसके अलावा, एनडीआरएफ डॉग स्क्वायड को भी मौके पर तैनात किया गया है, जिससे मजदूरों की स्थिति का पता लगाया जा सके। बचाव कर्मियों को उम्मीद है कि अत्याधुनिक तकनीक और विशेषज्ञों की सहायता से मजदूरों को जल्द सुरक्षित बाहर लाया जा सकेगा।

टनल में फंसे श्रमिकों में चार झारखंड के गुमला जिले से हैं। उनके परिवार के एक-एक सदस्य को तेलंगाना बुलाया गया है। मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार, गुमला के उपायुक्त कर्ण सत्यार्थी ने उनके परिवहन की व्यवस्था की, जिससे वे अपने परिजनों की स्थिति के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकें।

मानसिक स्वास्थ्य को लेकर चिंता

पिछले साल नवंबर में उत्तराखंड की सिल्कयारा सुरंग में फंसे श्रमिकों के मानसिक स्वास्थ्य पर हुए प्रभावों को ध्यान में रखते हुए इस बार प्रशासन पूरी सतर्कता बरत रहा है। शोध के अनुसार, उस घटना के दौरान फंसे श्रमिकों में से लगभग एक-तिहाई को अवसाद और नींद संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ा था। तेलंगाना में भी अधिकारियों ने श्रमिकों की मानसिक और शारीरिक स्थिति की निगरानी के लिए विशेष उपाय किए हैं।

हालांकि बचाव कार्य चुनौतीपूर्ण बना हुआ है, लेकिन रैट माइनर्स, सेना और एनडीआरएफ के संयुक्त प्रयासों से मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकालने की उम्मीद है। प्रशासन पूरी मुस्तैदी से ऑपरेशन को अंजाम दे रहा है, जिससे इस कठिन परिस्थिति में फंसे श्रमिकों को जल्द से जल्द राहत दी जा सके।

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