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Waqf Law: वक्फ कानून पर सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई जारी, केंद्र को 7 दिन का समय

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वक्फ संशोधन कानून पर सुप्रीम कोर्ट में दूसरे दिन सुनवाई हुई। 70 से अधिक याचिकाएं दायर की गई हैं, कोर्ट ने कहा कि कानून में कुछ सकारात्मक बातें हैं।

Waqf Law: भारत के सुप्रीम कोर्ट में आज वक्फ संशोधन कानून के खिलाफ दायर की गई याचिकाओं पर सुनवाई का दूसरा दिन था। इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने सुनवाई की, जिसमें मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना, जस्टिस पीवी संजय कुमार, और जस्टिस केवी विश्वनाथन शामिल थे। कोर्ट में 70 से अधिक याचिकाएं दायर की गई हैं, जिनमें वक्फ कानून के विभिन्न प्रावधानों को चुनौती दी गई है।

सुप्रीम कोर्ट का बयान

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वक्फ संशोधन कानून में कुछ सकारात्मक पहलू भी हैं, लेकिन इसके खिलाफ पूरी तरह से "stay" (रोक) नहीं लगाई जा सकती। कोर्ट ने यह भी कहा कि वक्फ बोर्ड और वक्फ काउंसिल में नियुक्तियों पर फिलहाल रोक लगेगी।

केंद्र को 7 दिन का समय

सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से 7 दिनों के भीतर जवाब देने को कहा है। इस दौरान केंद्र सरकार को निर्देश दिया गया है कि वक्फ बोर्ड और काउंसिल में नई नियुक्तियों पर फिलहाल रोक रहेगी। इसके साथ ही कोर्ट ने केंद्र सरकार से कुछ जरूरी दस्तावेज भी submit करने के लिए समय मांगा है, ताकि स्थिति स्पष्ट की जा सके।

सुप्रीम कोर्ट का निर्णय: मौजूदा स्थिति में कोई बदलाव नहीं

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जब तक सरकार का जवाब नहीं आता, तब तक मौजूदा स्थिति में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा। इसका मतलब है कि नौकरियों की नियुक्तियों पर कोई नया आदेश नहीं दिया जाएगा और वक्फ कानून से जुड़ी कोई अन्य प्रक्रिया भी नहीं शुरू की जाएगी।

क्या होगा अगला कदम?

सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया कि इस मामले में केवल पांच प्रमुख मुद्दों पर ही सुनवाई की जाएगी। 110-120 दायर याचिकाओं को पढ़ना और उन पर सुनवाई करना संभव नहीं है, इसलिए इन याचिकाओं में से 5 प्रमुख मुद्दे निर्धारित किए जाएंगे। इन मुद्दों पर सुनवाई के बाद निर्णय लिया जाएगा।

अगली सुनवाई की तारीख: 5 मई 2025

कोर्ट ने इस मामले की अगली सुनवाई की तारीख 5 मई 2025 निर्धारित की है, जहां इन पांच प्रमुख बिंदुओं पर सुनवाई की जाएगी।

वक्फ कानून के खिलाफ 70 से ज्यादा याचिकाएं दायर

इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में कुल 70 से ज्यादा याचिकाएं दायर की गई हैं। वक्फ संशोधन कानून में किए गए बदलावों को लेकर व्यापक आपत्ति जताई गई है। इस कानून को लेकर कई संगठन और वक्फ बोर्ड के सदस्य इसे "unconstitutional" (असंवैधानिक) मानते हैं।

सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट में यह कहा कि सरकार इस समय कोई नियुक्तियां नहीं करेगी। सरकार ने आश्वासन दिया है कि वक्फ बोर्ड और वक्फ काउंसिल की किसी भी नई नियुक्ति को रोका जाएगा, जब तक सुप्रीम कोर्ट का अंतिम आदेश नहीं आ जाता।

इसके अलावा, सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से सभी आवश्यक documents (दस्तावेज़) पेश करने के लिए एक सप्ताह का समय दिया है। सरकार को यह सुनिश्चित करने का आदेश भी दिया गया है कि कोई नियुक्ति या अन्य बदलाव ना हो, जब तक कि पूरी प्रक्रिया की जांच और सुनवाई पूरी न हो।

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