Donald Trump 2.0: भारत के लिए खुशखबरी! अमेरिका राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीन के कट्टर आलोचक माइक वॉल्ट्ज को चुना नया NSA, जानिए कौन है माइक?

Donald Trump 2.0: भारत के लिए खुशखबरी! अमेरिका राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीन के कट्टर आलोचक माइक वॉल्ट्ज को चुना नया NSA, जानिए कौन है माइक?
Last Updated: 2 दिन पहले

डोनाल्ड ट्रंप ने माइक वाल्ट्ज को नया NSA (नेशनल सिक्योरिटी एडवाइजर) नियुक्त किया है। माइक वाल्ट्ज भारत के समर्थक हैं और चीन के कट्टर आलोचक के रूप में जाने जाते हैं। वह अमेरिकी सुरक्षा और विदेश नीति में चीन के प्रभाव को कम करने के लिए लगातार काम कर रहे हैं और उनके मजबूत रुख की वजह से उन्हें यह अहम भूमिका मिली हैं।

वॉशिंगटन: अमेरिका के नव-निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने माइक वाल्ट्ज को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) के रूप में नियुक्त किया है। माइक वाल्ट्ज को लंबे समय से चीन के आलोचक के रूप में जाना जाता है और उन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी महत्वपूर्ण मुद्दों पर गहरी समझ दिखाई है। ट्रंप का यह कदम उनकी विदेश नीति के संकेत के रूप में देखा जा रहा है, जिसमें चीन के खिलाफ कठोर रुख अपनाने की संभावना हैं।

कौन हैं माइक वाल्ट्ज?

माइक वाल्ट्ज, जो एक रिटायर्ड आर्मी नेशनल गार्ड अधिकारी हैं, अपने सैन्य अनुभव और राष्ट्रीय सुरक्षा मामलों में गहरी समझ के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने अफगानिस्तान में तालिबान के खिलाफ लड़ाई लड़ी है और इसके साथ ही उन्हें अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा मामलों पर प्रभाव डालने का अवसर मिल सकता है। उन्हें ट्रम्प प्रशासन में प्रमुख सुरक्षा मुद्दों पर सलाह देने का जिम्मा सौंपा जाएगा, जिसमें रूस-यूक्रेन युद्ध, रूस और उत्तर कोरिया के बीच बढ़ता गठबंधन, और इजरायल-हमास-हिजबुल्लाह संघर्ष जैसे वैश्विक मुद्दे शामिल हैं।

माइक वाल्ट्ज अमेरिका की सुरक्षा को मजबूत करने के पक्षधर रहे हैं और उन्होंने अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों की वापसी को लेकर बाइडेन की नीति की कड़ी आलोचना की थी। इसके अलावा, वह अमेरिका के अगले NSA (नेशनल सिक्योरिटी एडवाइज़र) बनने जा रहे हैं, जो एक महत्वपूर्ण पद है जो राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े फैसलों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता हैं।

इन्हें भारतीय-अमेरिकी संबंधों में भी गहरी रुचि है और वह इंडिया कॉकस के प्रमुख हैं। इंडिया कॉकस एक द्विदलीय समूह है, जिसकी स्थापना 2004 में हुई थी, और इसका उद्देश्य अमेरिकी-भारत द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ावा देना और दोनों देशों के बीच सामरिक और आर्थिक सहयोग को मजबूत करना है। इसमें अमेरिकी सीनेटरों के सदस्य होते हैं जो भारतीय सरकारी अधिकारियों और भारतीय-अमेरिकियों के साथ मिलकर काम करते हैं। यह कॉकस 34 सदस्यों के साथ अपने लक्ष्य को पूरा करने के लिए सक्रिय हैं।

चीन विरोधी है माइकल

माइक वाल्ट्ज चीन के प्रति अपनी आलोचनाओं के लिए जाने जाते हैं, और उन्होंने कई मौकों पर बीजिंग की नीतियों और मानवाधिकारों के उल्लंघन के खिलाफ अपनी आवाज उठाई है। विशेष रूप से, कोविड-19 महामारी की उत्पत्ति और उइगर मुस्लिमों के खिलाफ हो रहे उत्पीड़न के मामलों में वह चीन को कठोर रूप से आलोचना कर चुके हैं। 2022 शीतकालीन ओलंपिक के दौरान, वाल्ट्ज ने चीन में हो रही मानवाधिकारों की दुरुपयोग की वजह से अमेरिका से इस ओलंपिक का बहिष्कार करने की अपील की थी, ताकि बीजिंग पर दबाव बनाया जा सके।

वह रिपब्लिकन पार्टी के चाइना टास्क फोर्स में भी शामिल हैं, जो चीन से संबंधित अमेरिकी नीति पर नजर रखने और उसके साथ सामरिक प्रतिस्पर्धा को लेकर रणनीतियां तैयार करने में सक्रिय भूमिका निभाता है। उनके अनुसार, चीन के बढ़ते प्रभाव और सैन्य शक्ति के मद्देनजर, अमेरिका को एशिया-प्रशांत क्षेत्र में अपनी तैयारियों को और मजबूत करने की आवश्यकता है। वाल्ट्ज का मानना है कि यदि इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में कोई संघर्ष होता है, तो अमेरिकी सेना की तैयारियां वर्तमान स्थिति में पर्याप्त नहीं होंगी।

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