Donald Trump Reciprocal Tariff: भारत पर ट्रंप का ‘टैरिफ वार’, 2 अप्रैल से लागू होगी ‘रेसिप्रोकल टैक्स’ नीति

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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने ताजा ऐलान में भारत सहित कई देशों पर कड़े आयात शुल्क (टैरिफ) लगाने की घोषणा कर दी है। अमेरिकी संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित करते हुए ट्रंप ने साफ किया कि 2 अप्रैल से ‘रेसिप्रोकल टैरिफ’ नीति लागू होगी।

वॉशिंगटन: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने ताजा ऐलान में भारत सहित कई देशों पर कड़े आयात शुल्क (टैरिफ) लगाने की घोषणा कर दी है। अमेरिकी संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित करते हुए ट्रंप ने साफ किया कि 2 अप्रैल से ‘रेसिप्रोकल टैरिफ’ नीति लागू होगी, जिसके तहत अमेरिका उन देशों पर उतना ही टैरिफ लगाएगा, जितना वे अमेरिका पर लगाते हैं। भारत, चीन, मैक्सिको और कनाडा इस नई नीति के सीधे प्रभाव में आएंगे।

भारत को लगा झटका, 100% टैरिफ का जवाब देगा अमेरिका

अपने भाषण में ट्रंप ने कहा, "भारत हमारे उत्पादों पर 100% तक का आयात शुल्क लगाता है, जबकि अमेरिका इसके मुकाबले काफी कम शुल्क वसूलता है। अब हम भी भारत सहित अन्य देशों पर समान टैरिफ लगाएंगे।" उन्होंने जोर देकर कहा कि अब अमेरिका आर्थिक रूप से और मजबूत हुआ है और वह किसी भी देश के अनुचित व्यापारिक नीतियों को बर्दाश्त नहीं करेगा।

रेसिप्रोकल टैरिफ: ‘जैसे को तैसा’ नीति

‘रेसिप्रोकल टैरिफ’ का अर्थ होता है पारस्परिक शुल्क, यानी यदि कोई देश अमेरिका पर ज्यादा टैरिफ लगाता है, तो अमेरिका भी उस पर उतना ही कर लगाएगा। इसका मकसद व्यापारिक असंतुलन को समाप्त करना और घरेलू उद्योगों को बढ़ावा देना हैं।

* व्यापार संतुलन: अमेरिका के मुताबिक, इससे व्यापारिक असंतुलन दूर होगा और सभी देशों को समान टैरिफ नीति अपनाने पर मजबूर किया जाएगा।
* स्थानीय उद्योगों को बढ़ावा: अमेरिकी उत्पादों की प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी, जिससे घरेलू उत्पादन को फायदा मिलेगा।
* भारत-अमेरिका व्यापार संबंधों पर असर: भारत से अमेरिका को निर्यात होने वाले उत्पाद महंगे हो सकते हैं, जिससे भारतीय कंपनियों को नुकसान हो सकता हैं।

ट्रंप का ‘अमेरिका फर्स्ट’ एजेंडा

विशेषज्ञों का मानना है कि यह नीति वैश्विक व्यापार युद्ध को बढ़ावा दे सकती है। अगर भारत भी अमेरिका पर जवाबी टैरिफ लगाता है, तो इससे आयात-निर्यात प्रभावित होगा और दोनों देशों के व्यापारिक संबंधों में तनाव बढ़ सकता है। अपने भाषण में ट्रंप ने ‘अमेरिका इज़ बैक’ का नारा देते हुए कहा, "हमने अमेरिकी उद्योगों को बचाने के लिए ऐतिहासिक कदम उठाए हैं। अब कोई भी देश अमेरिका को व्यापारिक रूप से कमजोर नहीं कर सकता।" उन्होंने यह भी दावा किया कि उनके कार्यकाल में अमेरिकी अर्थव्यवस्था तेजी से आगे बढ़ी हैं।

भारत अब इस नई टैरिफ नीति का कैसे जवाब देगा, यह देखना दिलचस्प होगा। विशेषज्ञों के अनुसार, भारत को अपने निर्यात रणनीति पर पुनर्विचार करना होगा और संभवतः अमेरिका के साथ व्यापार वार्ता को और मजबूत बनाना पड़ेगा।

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