भारत से बहुत से युवा देश छोड़कर विदेश जाने के लिए मजबूर हो रहे हैं और विदेश जाने वाले युवाओं की संख्या दिन-ब-दिन बढ़ती ही जा रही हैं और इनके सब के पीछे का कारण हैं भारत में बढ़ रही बेरोजगारी और भ्रष्टाचार। क्योंकि भ्रष्टाचार के कारण होनहार युवकों को नौकरियां नहीं मिल पा रही हैं और उन्हें नौकरी के लिए भारत छोड़कर दूसरे देश जाना पड़ रहा है। छोटे-छोटे उद्योग धंधे करने वाले या सड़क किनारे ठेले लगाने वाले या फिर जो किसी प्रकार की सप्लाई करते थे चाहे वह पानी की ही क्यों ना हो, कोरोना वायरस ने सब के धंधे को चौपट कर दिया और सब के काम को कोरोना वायरस ने खत्म कर दिया।
ऐसा ही एक मामला 31 साल की IT ग्रेजुएट के साथ देखने को मिला। IT Sector में लगी हुई उसकी जॉब चली गई और उसके बाद पंजाब में एक वीजा एजेंट से वह मिला और वह अब कनाडा के वीजा की मांग कर रहा हैं और वह चाहता हैं कि वह इंडिया छोड़कर चला जाए और कनाडा जाकर अपना करियर बनाएं, क्योंकि उसका कहना हैं कि उसमें टैलेंट होते हुए भी भारत में उसे उसके टैलेंट के हिसाब से नौकरी और सैलरी नहीं मिल रही है। इस कारण वह वहां जाकर अपना जीवन यापन करना चाहता हैं हालांकि वहा जाने के लिए उसे काफी पैसे खर्च करने पड़ेंगे लेकिन फिर भी वह इसी उम्मीद में की कनाडा जाकर वह एक अच्छी जॉब लग जायेगा और जो खर्चा लगा हैं उसको रिकवर कर देगा।
भारत की बेरोजगारी पर एक नजर
मुंबई की एक इकोनॉमिकल सेल की रिपोर्ट के अनुसार पिछले 6 साल में भारत की बेरोजगारी दर अंतरराष्ट्रीय दर से भी ज्यादा रही हैं और इनके सबके पीछे का मुख्य कारण कोरोना वायरस रहा है। अप्रैल 2020 के आंकड़ों के अनुसार भारत की बेरोजगारी दर 23.5% के भी ऊपर पहुंच चुकी थी जो कि पिछले महीने मात्र 8% ही थी। तो इससे आप यह अंदाजा लगा सकते हैं कि कोरोना वायरस ने भारत के आर्थिक व्यवस्था में कितना उलटफेर किया है।
भारत की तुलना में कनाडा की बेरोजगारी दर बहुत ही कम है। कनाडा में बेरोजगारी दर दिसंबर में केवल 5% दर्ज की गई जो कि दुनिया के दूसरे धनी देशों की तुलना में बहुत अच्छा है। कनाडा की बेरोजगारी दर में धीरे-धीरे गिरावट आ रही हैं जबकि भारत का ग्राफ इससे बिल्कुल विपरीत हैं और इसकी बेरोजगारी दर दिन-ब-दिन बढ़ती ही जा रही है। ऐसे में युवा मजबूर हो रहे हैं कि वह भारत को छोड़कर किसी दूसरे देश में जाएं ।
लोग भटक रहे हैं नौकरी की तलाश में
बेरोजगारी की दर के आंकड़े हमें जो वर्तमान स्थिति दिख रहे हैं भारत की वास्तविकता वैसी नहीं है। असलियत में हालात उससे भी कहीं ज्यादा खराब है। बेरोजगारी की दर केवल यह दिखाती हैं कि भारत में कितने लोग वर्तमान समय में नौकरी खोज रहे हैं और कितने लोगों को नौकरी नहीं मिल पा रही। लेकिन जो असल समस्या हैं वह यह हैं कि भारत में दिन-ब-दिन नौकरी खोजने वालों की संख्या भी कम होती जा रही है। लोग बेरोजगार तो हैं लेकिन बेरोजगारी दर और जो लोग नौकरी ढूंढ रहे हैं उनके प्रतिशत में बहुत अंतर देखने को मिल रहा है जिससे साफ पता चलता हैं कि लोगों ने अंत में भारत को छोड़ने का ही फैसला किया।
भारत देश के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र जी मोदी इनसे भी युवाओं को काफी उम्मीदें थी क्योंकि जब यह अपने पद की शपथ ले रहे थे तो उन्होंने देश को कई वादे किए और बेरोजगारी को हटाने का भी एक मुद्दा उनके सामने जब रखा गया तो उन्होंने कहा था कि मैं देश से बेरोजगारी को मिटा दूंगा। श्रम मंत्रालय की नौकरी वाली वेबसाइट पर पिछले महीने नौकरी पाने वाले नौकरी की चाह रखने वाले एप्लीकेंट की संख्या 1,30,000,00 थी, जबकि श्रम मंत्रालय के द्वारा जो नौकरियां निकाली गई वह केवल 2,20,000 थी। अब करोड़ों युवाओं की बेरोजगारी को दूर कैसे किया जा सकता है? या फिर वह कौन सा तरीका हैं जिससे भारत के लोगों को भारत में रखा जाए क्योंकि जब लोग भारत छोड़कर दूसरे देश में जाते हैं तो बहुत से टैलेंटेड लोग दूसरे देश में जाकर काम करने लग जाते हैं, जो भारत के लिए बहुत बुरा है। ऐसे में भारत को कुछ ना कुछ बेरोजगारी को लेकर करना चाहिए और युवाओं के हित में कोई ना कोई कदम जरूर उठाना चाहिए।