Germany: इस्लाम का कट्टर आलोचक, लड़कियों की करता था तस्करी; जानें कौन है? जिसने जर्मनी के क्रिसमस मार्केट में कार से किया हमला

Germany: इस्लाम का कट्टर आलोचक, लड़कियों की करता था तस्करी; जानें कौन है? जिसने जर्मनी के क्रिसमस मार्केट में कार से किया हमला
Last Updated: 21 घंटा पहले

जर्मनी के मेगडेबर्ग शहर में क्रिसमस मार्केट में कार से हमला करने वाला तालेब नामक व्यक्ति नास्तिक और इस्लाम विरोधी था। वह सऊदी अरब में मोस्ट वांटेड लिस्ट में शामिल था। इस हमले में 68 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए, जिनमें एक बच्चा और एक युवा भी शामिल हैं, जो इस घटना में अपनी जान गंवा बैठे।

Germany's Christmas Market Attack: जर्मनी के मेगडेबर्ग शहर में एक भीड़भाड़ वाले क्रिसमस मार्केट में आतंकी हमला हुआ, जिसमें दो लोगों की मौत हो गई और 68 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। एक दौड़ती हुई कार ने इस इलाके में लोगों को रौंद दिया, जिससे इलाके में दहशत फैल गई। मरने वालों में एक युवा और एक बच्चा भी शामिल हैं।

आतंकी हमलावर तालेब की पहचान

इस हमले को अंजाम देने वाला शख्स तालेब नाम का व्यक्ति था, जो 50 साल का सऊदी अरब का निवासी है। तालेब, जो पहले एक मुस्लिम था, अब इस्लाम का कट्टर आलोचक है। 2006 से जर्मनी में रह रहे तालेब को 2016 में शरणार्थी का दर्जा मिला था। वह बर्नबर्ग में साइकाइट्री और साइकोथेरेपी कंसलटेंट के रूप में काम करता था और जर्मनी में सक्रिय दक्षिणपंथी पार्टी 'अल्टरनेटिव फॉर जर्मनी' (AfD) का समर्थक था।

तालेब का नास्तिकता से जुड़ा विवाद

तालेब का जन्म 1974 में सऊदी अरब के होफुफ शहर में हुआ था, लेकिन नास्तिकता के लिए सऊदी अरब में कोई जगह नहीं होने के कारण उसने जर्मनी में शरण ली। जर्मनी आने के बाद, तालेब ने एक वेबसाइट शुरू की थी, जो पूर्व मुस्लिमों की मदद करती थी, विशेषकर उन लोगों की जो सऊदी अरब या मिडिल ईस्ट से यूरोपीय देशों में आए थे।

आतंकवाद और तस्करी के आरोप

तालेब पर सऊदी अरब में आतंकवाद और मिडिल ईस्ट से यूरोपीय देशों में लड़कियों की तस्करी के आरोप हैं। जर्मनी में मोस्ट वांटेड लिस्ट में शामिल तालेब को अभी तक सऊदी अरब को सौंपने का फैसला नहीं लिया गया है। उसे जर्मनी में ‘परमानेंट रेजिडेंट परमिट’ प्राप्त है।

तालेब के खिलाफ कार्रवाई

जर्मनी के मंत्री ने बताया कि तालेब की गिरफ्तारी के बाद अब उस पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इस हमले के बाद जर्मनी की सुरक्षा एजेंसियों और सरकार को आतंकवाद के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का दबाव बढ़ गया है।

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