India Russia Relations: मोदी सरकार के मास्टर स्ट्रोक ने उड़ाई US और ड्रैगन की नींद, जानिए किस मुद्दे पर एकसाथ हुए रूस और यूक्रेन

India Russia Relations: मोदी सरकार के मास्टर स्ट्रोक ने उड़ाई US और ड्रैगन की नींद, जानिए किस मुद्दे पर एकसाथ हुए रूस और यूक्रेन
Last Updated: 10 दिसंबर 2024

रूस ने भारत के लिए INS तुषिल नामक एक युद्धपोत बनाया है, जो भारतीय नौसेना में शामिल होगा। यह युद्धपोत विशेष रूप से रणनीतिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह भारतीय समुद्री सुरक्षा को मजबूत करेगा।

World: भारत, रूस और यूक्रेन के बीच त्रिकोणीय साझेदारी एक अनोखा और दिलचस्प पहलू है, खासकर मौजूदा जियोपॉलिटिकल परिदृश्य में। भारत और रूस के बीच लंबे समय से रणनीतिक और सैन्य सहयोग रहा है, जो कई दशकों से चलता आ रहा है। रूस ने भारत के लिए कई महत्वपूर्ण सैन्य उपकरण, जैसे मिसाइल प्रणाली, विमान, और युद्धपोत प्रदान किए हैं, जो भारतीय रक्षा ताकत को मजबूत करते हैं।

यूक्रेन का इस साझेदारी में शामिल होना विशेष रूप से चौंकाने वाला है, क्योंकि इस समय रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध चल रहा है। यह त्रिकोणीय साझेदारी इस तथ्य को उजागर करती है कि वैश्विक संबंधों में जटिलताएं बढ़ रही हैं और राष्ट्रों के बीच सहयोग के रूप में एक नया दृष्टिकोण उभर कर सामने आ रहा हैं।

भारत  को मिला नया युद्धपोत INS तुषिल

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का रूस दौरा और भारत को रूस से प्राप्त INS तुषिल युद्धपोत भारतीय रक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है, खासकर जब रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध चल रहा है। INS तुषिल, जो कि क्रिवक III-क्लास वॉरशिप है, रूस द्वारा डिजाइन और निर्मित किया गया है, और यह भारत के लिए एक महत्वपूर्ण सामरिक अधिग्रहण है।

इस युद्धपोत की सबसे खास बात यह है कि इसका प्राथमिक इंजन, गैस टर्बाइन, यूक्रेन में निर्मित है। यह एक अनोखी स्थिति है, क्योंकि रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध के बावजूद, रूस ने यूक्रेनी निर्मित इंजन को इस युद्धपोत में इस्तेमाल किया है। इस तरह की त्रिकोणीय साझेदारी एक जटिल और दिलचस्प स्थिति को जन्म देती है, क्योंकि यह एक ओर रूस और यूक्रेन के संघर्ष को दिखाता है, वहीं दूसरी ओर तकनीकी और सैन्य सहयोग की नजदीकी को भी उजागर करता हैं।

INS तुषिल भारत के रक्षा बलों के लिए एक शक्तिशाली और आधुनिक वॉरशिप होगा, जो समुद्री सुरक्षा और युद्धक्षेत्र में भारतीय सामरिक शक्ति को और अधिक मजबूती प्रदान करेगा। 

भारत के लिए महत्वपूर्ण है रूस और यूक्रेन से साझेदारी 

बता दें भारत की कूटनीतिक सूझबूझ और सामरिक रणनीति का एक उत्कृष्ट उदाहरण है। भारत ने न केवल अपनी सैन्य जरूरतों को पूरा करने के लिए रूस और यूक्रेन दोनों से सैन्य उपकरणों की खरीद की है, बल्कि इस स्थिति का लाभ उठाकर दोनों देशों के साथ सकारात्मक संबंध भी बनाए रखे हैं, जबकि ये दोनों देश आपस में युद्ध में हैं। यह भारत की कूटनीतिक सफलता को दर्शाता है, जिसने इन कठिन परिस्थितियों में भी अपने राष्ट्रीय हितों की रक्षा की हैं।

भारत, रूस और यूक्रेन के बीच यह साझेदारी हिंद महासागर क्षेत्र में महत्वपूर्ण हो सकती है, क्योंकि तीनों देशों के लिए इस क्षेत्र में रणनीतिक हित हैं। चीन के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए, यह साझेदारी भारत के लिए एक संतुलनकारी शक्ति बन सकती है, जो क्षेत्रीय सुरक्षा और स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण होगी।

INS तुषिल का भारतीय नौसेना में शामिल होना भी एक अहम कदम है। यह अत्याधुनिक हथियारों और सेंसर सिस्टम से लैस युद्धपोत भारतीय नौसेना की ताकत को और बढ़ाएगा। INS तुषिल की शक्ति और तकनीकी क्षमताएं भारतीय नौसेना को समुद्र के क्षेत्रों में और अधिक सक्षम बनाएंगी, जिससे भारत की सामरिक स्थिति मजबूत होगी। यह वॉरशिप न केवल सैन्य ताकत को बढ़ाएगा, बल्कि यह हिंद महासागर क्षेत्र में भारत की ताकत और प्रभाव को भी मजबूती देगा।

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