Israel Hamas War: हमास के हमले को पूरा हुआ एक साल: फिर अलर्ट मोड़ पर Israel, जानें किस मांग को लेकर सड़कों पर उतरे कई देशों के लोग?

Israel Hamas War: हमास के हमले को पूरा हुआ एक साल: फिर अलर्ट मोड़ पर Israel, जानें किस मांग को लेकर सड़कों पर उतरे कई देशों के लोग?
Last Updated: 5 घंटा पहले

हमास के इजरायल पर हुए मिसाइल हमले ने पिछले साल के दौरान एक बड़ी मानवीय और राजनीतिक त्रासदी को जन्म दिया था। इस हमले में 1000 से ज्यादा इजरायलियों की जान गई थी, जिसके बाद इजरायल ने हमास के खिलाफ जवाबी कार्रवाई करने का निर्णय लिया। इजरायली सरकार ने हमास को पूरी तरह से नष्ट करने की कसम खाई और इसके तहत उन्होंने गाजा में ताबड़तोड़ एयरस्ट्राइक की।

World: हमास के इजरायल पर किए गए मिसाइल हमले की पहली वर्षगांठ एक महत्वपूर्ण और संवेदनशील समय है। इस हमले में 1000 से अधिक इजरायली नागरिकों की जान चली गई, जिससे क्षेत्र में एक गहरा संकट उत्पन्न हो गया। हमले के बाद इजरायल ने हमास के खिलाफ सख्त कार्रवाई का निर्णय लिया और ताबड़तोड़ एयरस्ट्राइक की शुरुआत की।

इस संघर्ष ने न केवल इजराइल और गाजा के बीच की स्थिति को और जटिल कर दिया, बल्कि क्षेत्रीय और वैश्विक स्तर पर भी राजनीतिक तनाव को बढ़ा दिया। इजरायल का लक्ष्य था कि वह हमास को पूरी तरह से नष्ट कर दे, जिससे भविष्य में इस तरह के हमलों को रोका जा सके। हालांकि, इस संघर्ष के परिणामस्वरूप, हजारों निर्दोष नागरिकों की जान गई और मानवीय संकट भी उत्पन्न हुआ।

इजरायल फिर से अलर्ट मोड़ पर

7 अक्टूबर को हमास के हमले की पहली वर्षगांठ के मद्देनज़र इजरायल ने अपनी सेना को अलर्ट पर रखा है। इस संदर्भ में एक सैन्य अधिकारी ने जानकारी दी है कि इजरायल ईरान के संभावित मिसाइल हमलों को लेकर भी सतर्क है और उसकी जवाबी कार्रवाई की तैयारी की जा रही है। इस अलर्ट की स्थिति उस समय आई है जब इजरायल पहले से ही लेबनान के हिजबुल्लाह आतंकी संगठन के साथ युद्ध में उलझा हुआ है। इजरायली सेना के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल हर्जी हलेवी ने स्पष्ट किया है कि हिजबुल्लाह को किसी भी प्रकार की राहत नहीं दी जाएगी और उसे निरंतर दबाव में रखा जाएगा।

यह स्थिति इजरायल के लिए एक गंभीर चुनौती पेश करती है, क्योंकि वह कई मोर्चों पर संघर्ष कर रहा है। इस प्रकार के सैन्य अलर्ट और तैयारियाँ बताते हैं कि इजरायल अपनी सुरक्षा और सामरिक स्थिति को लेकर कितनी गंभीरता से विचार कर रहा है, खासकर जब सुरक्षा खतरे कई दिशाओं से उत्पन्न हो रहे हैं।

हमले को लेकर नेतन्याहू ने क्या कहा?

इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने हाल ही में कहा कि इजरायल का कर्तव्य और अधिकार है कि वह अपनी सुरक्षा सुनिश्चित करे और हमास के हमलों का जवाब दे। उनका यह बयान उस समय आया है जब इजरायल और हमास के बीच तनाव चरम पर है, और उन्हें अपनी सैन्य कार्रवाई को सही ठहराने की आवश्यकता महसूस हो रही है। हालांकि, नेतन्याहू के इस दृष्टिकोण पर उनके आलोचक सवाल उठा रहे हैं। उनका आरोप है कि नेतन्याहू गाजा में युद्धविराम की दिशा में पहुंचने के प्रयासों में बाधा डाल रहे हैं, खासकर तब जब हमास ने अभी भी कई लोगों को बंधक बना रखा हैं।

इस स्थिति ने इजरायल के भीतर और बाहर गंभीर विवाद उत्पन्न कर दिया है, क्योंकि कई लोग यह चाहते हैं कि इजरायल बंधकों को सुरक्षित रूप से रिहा कराने के लिए प्रयास करे। इस प्रकार की आलोचना नेतन्याहू की नीति और रणनीति पर प्रकाश डालती है, जो सुरक्षा और मानवता के बीच एक कठिन संतुलन स्थापित करने की चुनौती का सामना कर रही है। कई लोग मानते हैं कि युद्धविराम और बातचीत के प्रयासों को प्राथमिकता दी जानी चाहिए, जबकि अन्य इसे इजरायल की सुरक्षा के लिए खतरा मानते हैं। यह विवाद क्षेत्र में स्थिरता और शांति की दिशा में आगे बढ़ने के लिए एक महत्वपूर्ण मुद्दा बना हुआ हैं।

अब लेबनान पर नजर गड़ाए हुए हैं इजरायल

रोम में फलस्तीन के समर्थन में आयोजित प्रदर्शन में हजारों लोग शामिल हुए। इस दौरान कुछ प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर बोतलें और पटाखे फेंके, जिसके जवाब में पुलिस ने आंसू गैस और पानी की बौछारों का उपयोग किया। प्रदर्शनकारियों ने चेतावनी दी कि यदि इजरायल के हमले नहीं रुके, तो यह संघर्ष और भी बढ़ सकता है, जिससे स्थिति और भी बिगड़ जाएगी। वर्तमान में, गाजा में हमास और इजरायल के बीच युद्ध धीमी गति से जारी है, जबकि इजरायल ने अपनी सैन्य गतिविधियों का ध्यान उत्तरी लेबनान की ओर मोड़ दिया है। हिज्बुल्लाह, जो एक ईरान समर्थित आतंकवादी संगठन माना जाता है, ने हमास के साथ मिलकर इजरायल पर हमले किए थे।

अब इजरायल ने हिज्बुल्लाह को नष्ट करने का निर्णय लिया है, जिससे क्षेत्रीय तनाव और बढ़ सकता है। इस स्थिति ने इजरायल की सुरक्षा रणनीति को एक नया मोड़ दिया है, क्योंकि वह एक साथ दो मोर्चों पर लड़ाई कर रहा है गाजा और लेबनान। यह न केवल इजरायल के लिए एक चुनौती है, बल्कि क्षेत्र में स्थिरता और शांति की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण मुद्दा बन गया है। इजरायल के लिए यह सुनिश्चित करना आवश्यक होगा कि वह इन चुनौतियों का सामना कर सके, ताकि आगे बढ़ने के लिए कोई ठोस समाधान मिल सके।

 

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