इजरायल और हिज़बुल्लाह के बीच बढ़ते तनाव के चलते इजरायली सेना ने लेबनान में अपने हमले तेज कर दिए हैं। हाल ही में, इजरायल ने हिज़बुल्लाह के एक और प्रमुख कमांडर को मार गिराया है। यह कार्रवाई इजरायल के एक कमांडर और 8 सैनिकों की मौत का बदला लेने के लिए की गई है, जो कुछ समय पहले हिज़बुल्लाह के साथ संघर्ष के दौरान मारे गए थे।
बेरुत: इजरायल और हिजबुल्लाह के बीच हालिया संघर्ष के दौरान, इजरायली सेना (IDF) ने लेबनान में हिजबुल्लाह के खिलाफ हमले तेज कर दिए हैं। इजरायल के एक कमांडर और 8 सैनिकों की मौत के बाद, IDF ने बदले की कार्रवाई करते हुए हिजबुल्लाह और हमास के कई प्रमुख कमांडरों को निशाना बनाया है। ताजा घटनाओं में, इजरायली सेना ने 3 अक्टूबर को एक हवाई हमले के जरिए हिजबुल्लाह की संचार इकाई के कमांडर मोहम्मद राशिद सकाफी को बेरूत में ढेर कर दिया। सकाफी, जो हिजबुल्लाह के लिए 2000 से संचार इकाई की जिम्मेदारी संभाल रहा था, संगठन के लिए एक महत्वपूर्ण व्यक्ति था। उसने हिजबुल्लाह की विभिन्न इकाइयों के बीच संचार क्षमताओं को विकसित करने में बड़ी भूमिका निभाई थी।
सकाफी की मौत को इजरायल के लिए एक बड़ी कामयाबी के रूप में देखा जा रहा है, क्योंकि इससे हिजबुल्लाह की संचार और समन्वय क्षमता पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है। इजरायल ने पिछले 24 घंटों में कई अन्य हिजबुल्लाह और हमास के नेताओं को भी निशाना बनाया है, जिससे दोनों संगठनों पर दबाव और बढ़ गया हैं।
इजरायल लेबनान को दे रहा मुंह तोड़ जवाब
ईरान द्वारा इजरायल पर किए गए 180 मिसाइल हमलों के जवाब में, इजरायल ने हिजबुल्लाह और हमास के खिलाफ ताबड़तोड़ हमले जारी रखे हैं। हाल के घटनाक्रम में, इजरायली सेना ने कई प्रमुख आतंकवादियों को निशाना बनाया है। बीते 24 घंटों में, इजरायल ने हमास के प्रमुख जही यासर अब्द अल-रजेक औफी को मार गिराने का दावा किया है। इसके अलावा, वरिष्ठ हिजबुल्लाह अधिकारी हाशिम सफीदीन को भी इजरायली हमले में निशाना बनाया गया।हिजबुल्लाह ने इन हमलों के जवाब में, इजरायली सेना के 17 अधिकारियों और सैनिकों को मार गिराने का दावा किया है, जो कि संघर्ष को और भी बढ़ा सकता हैं।
इजरायल की सेना ने शुक्रवार को पश्चिमी तट के तुलकरम में हमास नेटवर्क के प्रमुख को मार गिराने की जानकारी दी, जिसे जही यासर अब्द अल-रजेक औफी के रूप में पहचाना गया है। यह संघर्ष लगातार बढ़ता जा रहा है और दोनों पक्षों के बीच तनाव और बढ़ सकता है, जिससे क्षेत्रीय सुरक्षा और स्थिरता पर गहरा असर पड़ सकता हैं।