साइबर अपराधी अब यूट्यूब क्रिएटर्स को अपनी अगली बड़ी टारगेट बना रहे हैं। इन अपराधियों का तरीका बहुत चालाक है, और वे अब यूट्यूबर्स को नकली कंपनियों की ओर से आकर्षक ऑफर्स भेज रहे हैं। ये ऑफर्स यूट्यूबर्स को धोखा देने के लिए होते हैं और एक बार जब यूट्यूबर इन ऑफर्स पर विश्वास करके उनसे जुड़ी फाइलों को डाउनलोड करते हैं, तो उनके कंप्यूटर में मालवेयर यानी खराब सॉफ्टवेयर इंस्टॉल हो जाता है। यह सॉफ्टवेयर उनके व्यक्तिगत डेटा को चुराने से लेकर कंप्यूटर को पूरी तरह से कंट्रोल करने तक के खतरों का कारण बन सकता हैं।
कैसे काम करता है ये धोखा?
साइबर अपराधी बेहद सफाई से काम करते हैं। वे यूट्यूबर्स को ऐसे ईमेल भेजते हैं जो एकदम असली और भरोसेमंद लगते हैं। ये ईमेल अक्सर अनुबंध, ऑफर, या प्रचार सामग्री जैसी दिखती हैं, और फाइलें Word, PDF या Excel फॉर्मेट में भेजी जाती हैं। इन फाइलों को खोलने के लिए एक पासवर्ड की आवश्यकता होती है, जो कि अपराधी ईमेल में ही भेजते हैं। इन फाइलों को OneDrive जैसे प्लेटफॉर्म पर रखा जाता है, जिससे इन्हें पकड़ना और पहचानना मुश्किल हो जाता हैं।
सॉफ्टवेयर का खतरनाक असर
जैसे ही यूट्यूबर इन लिंक पर क्लिक करते हैं, वे OneDrive के फोल्डर में पहुँच जाते हैं, जहां एक ज़िप फाइल मिलती है। जब इस फाइल को खोला जाता है, तो वह पासवर्ड के साथ दस्तावेज़ की तरह दिखता है, लेकिन इसके अंदर छिपा होता है एक खतरनाक सॉफ्टवेयर। एक बार जब यह सॉफ्टवेयर डाउनलोड हो जाता है, तो यह यूट्यूबर के कंप्यूटर में इंस्टॉल हो जाता है और उनकी महत्वपूर्ण जानकारी चुराने लगता है। जैसे कि बैंक अकाउंट की जानकारी, ईमेल पासवर्ड्स, या अन्य व्यक्तिगत डिटेल्स। इसके अलावा, यह हैकर्स को कंप्यूटर का पूरा कंट्रोल दे सकता हैं।
सुरक्षा विशेषज्ञों का चेतावनी
मयंक सहारिया, एक सुरक्षा विशेषज्ञ, के अनुसार, यह सॉफ्टवेयर न केवल जानकारी चुराता है, बल्कि हैकर्स को पूरी तरह से सिस्टम पर कब्जा करने का मौका भी देता है। इस तरह के हमले बहुत ही चालाक तरीके से किए जाते हैं, और ये किसी बड़े संगठन से जुड़े हुए होते हैं जिनके पास आवश्यक संसाधन होते हैं। इन हमलों में जो सॉफ्टवेयर इस्तेमाल होते हैं, वे बहुत खतरनाक होते हैं और इनके जरिए यूट्यूबर्स और अन्य पेशेवरों को भारी नुकसान हो सकता हैं।
कैसे बचें इस खतरे से?
साइबर सुरक्षा से जुड़ी सावधानियां अपनाकर यूट्यूबर्स इस खतरे से बच सकते हैं। सबसे पहले तो, किसी भी ईमेल या लिंक पर क्लिक करने से पहले उसकी जांच करना जरूरी है। यदि आप किसी अपरिचित स्रोत से मेल प्राप्त करते हैं, तो उस पर संदेह करना चाहिए। हमेशा आधिकारिक वेबसाइट से ही सामग्री डाउनलोड करें। साथ ही, अपने कंप्यूटर और फोन में अपडेटेड एंटीवायरस सॉफ़्टवेयर का उपयोग करें।
क्या विशेष पेशेवरों को खतरा है?
यह खतरा विशेष रूप से मार्केटिंग, सेल्स और उच्च पदों पर काम करने वाले लोगों को है। क्योंकि इन लोगों के पास संवेदनशील जानकारी होती है और साइबर अपराधी इन्हें अपने शिकार बनाने के लिए निशाना बनाते हैं।
यूट्यूबर्स और पेशेवरों को अब बहुत अधिक सावधानी बरतने की जरूरत है। साइबर अपराधी बहुत चालाकी से काम करते हैं और किसी भी समय इनकी जाल में फंस सकते हैं। इसलिए इंटरनेट पर काम करते वक्त हमेशा सतर्क रहना बेहद जरूरी है, ताकि कोई भी खतरनाक सॉफ्टवेयर आपके सिस्टम में न घुस सके।