जॉर्ज ब्रैडली हॉग क्रिकेट जगत में एक उल्लेखनीय खिलाड़ी रहे हैं, जिन्होंने अपने खेल कौशल और निरंतरता से कई उपलब्धियां हासिल कीं। जॉर्ज ब्रैडली हॉग का जन्म 6 फरवरी 1971 को हुआ था। वे बाएं हाथ के कलाई स्पिन गेंदबाज और निचले क्रम के बाएं हाथ के बल्लेबाज हैं।
ब्रेड हॉग का प्रारंभिक जीवन और कैरियर
जॉर्ज ब्रैडली हॉग का पालन-पोषण पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया के विलियम्स में एक भेड़ फार्म पर हुआ। उन्होंने पर्थ के एक्विनास कॉलेज से पढ़ाई की और कर्टिन विश्वविद्यालय से लेखांकन और विपणन में वाणिज्य स्नातक की उपाधि प्राप्त की। फरवरी 1994 में उन्होंने पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया के लिए प्रथम श्रेणी क्रिकेट और घरेलू सीमित ओवरों के मैचों में मध्य क्रम के बल्लेबाज के रूप में डेब्यू किया।
दिलचस्प बात यह है कि उन्होंने बाएं हाथ की कलाई स्पिन गेंदबाजी तब शुरू की जब पूर्व ऑस्ट्रेलियाई टेस्ट लेग स्पिनर टोनी मान ने उन्हें नेट्स में बल्लेबाजों की तैयारी के लिए गेंदबाजी करने को कहा। 1999 में हॉग ने ऑस्ट्रेलियाई नियम फुटबॉल में अंपायरिंग का भी एक संक्षिप्त प्रयास किया।
ब्रेड हॉग का अंतर्राष्ट्रीय कैरियर
जॉर्ज ब्रैडली हॉग के करियर का विवरण उनके उतार-चढ़ाव और उनकी पुनरावृत्ति को दर्शाता है। 1996 में चोटिल शेन वार्न के स्थान पर भारत दौरे के लिए चुने जाने के बाद उन्होंने दिल्ली में टेस्ट क्रिकेट में डेब्यू किया। हालांकि यह धारणा बनी रही कि वे वार्न के स्थानापन्न हैं। हॉग का अंतरराष्ट्रीय करियर तब ठहराव में आ गया जब वे खराब फॉर्म के कारण टीम से अंदर-बाहर होते रहे।
2002-03 की वीबी सीरीज़ में शेन वार्न के कंधे की चोट के बाद हॉग को फिर से बुलाया गया। वार्न का ड्रग टेस्ट में फेल होना हॉग के करियर का महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुआ, जब उन्हें 2003 वेस्टइंडीज दौरे के लिए टेस्ट टीम में वापस बुलाया गया। उनका टेस्ट करियर विशेष रूप से उल्लेखनीय नहीं था, लेकिन उन्होंने 78 मैचों के अंतराल के साथ वापसी का अनूठा रिकॉर्ड बनाया।
2007-08 में भारत के खिलाफ टेस्ट क्रिकेट में वापसी के दौरान, हॉग ने एंड्रयू साइमंड्स के साथ 173 रनों की साझेदारी में 79 रन बनाए, जो सिडनी क्रिकेट ग्राउंड पर 7वें विकेट के लिए एक रिकॉर्ड था। इस दौरान भारतीय कप्तान अनिल कुंबले और महेंद्र सिंह धोनी के प्रति कथित अपमानजनक टिप्पणी के आरोपों के चलते उन्हें आईसीसी आचार संहिता के उल्लंघन के लिए निलंबन का सामना करना पड़ा। हालांकि बीसीसीआई ने बाद में आरोप हटा दिए।
हॉग ने वनडे क्रिकेट में इंग्लैंड के खिलाफ नाबाद 71 रन का सर्वोच्च स्कोर बनाया और वेस्टइंडीज के खिलाफ 5/32 का सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजी प्रदर्शन किया। अपनी फिटनेस के लिए मशहूर हॉग ने 2005 में ऑस्ट्रेलियाई टीम में सबसे अधिक बीप टेस्ट स्कोर (14.6) हासिल किया। 2008 में कॉमनवेल्थ बैंक सीरीज़ के बाद हॉग ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास ले लिया।
क्रिकेट में एक बार फिर हुई वापसी
ब्रैड हॉग का करियर उतार-चढ़ाव और सफल वापसी की एक प्रेरणादायक कहानी है। सितंबर 2011 में उन्हें क्रिकेट पीएनजी का कोचिंग डायरेक्टर और पापुआ न्यू गिनी की राष्ट्रीय क्रिकेट टीम का मुख्य कोच नियुक्त किया गया। हालांकि, 2012 में ऑस्ट्रेलिया के लिए खेलने के प्रस्ताव के बाद उन्होंने इस पद से इस्तीफा दे दिया।
हॉग ने नवंबर 2011 में पर्थ स्कॉर्चर्स के साथ बिग बैश लीग में वापसी की और शानदार प्रदर्शन किया। टूर्नामेंट में 13.5 की औसत से 12 विकेट लेकर वे लीग के सर्वश्रेष्ठ स्पिनर साबित हुए। जनवरी 2012 में उनके इस प्रदर्शन के दम पर उन्हें ऑस्ट्रेलियाई टी20 टीम में फिर से चुना गया।
1 फरवरी 2012 को उन्होंने भारत के खिलाफ सिडनी में एक टी20 मैच में वापसी की और विराट कोहली का विकेट लिया। इसके बाद 2014 में वे 43 वर्ष और 34 दिन की उम्र में टी20 अंतरराष्ट्रीय खेलने वाले सबसे उम्रदराज खिलाड़ी बन गए।
हॉग ने 2015 में कोलकाता नाइट राइडर्स के लिए आईपीएल खेला, जहां उन्होंने शानदार गेंदबाजी करते हुए छह मैचों में 9 विकेट लिए और दो बार मैन ऑफ द मैच पुरस्कार जीते। 28 अप्रैल 2015 को वे 44 वर्ष और 81 दिन की उम्र में आईपीएल मैच में भाग लेने वाले सबसे उम्रदराज खिलाड़ी बने।
2015 में उन्होंने एक बार फिर पर्थ स्कॉर्चर्स के लिए बीबीएल में वापसी की और बाद में मेलबर्न रेनेगेड्स के लिए खेला। बीबीएल 08 के अंत तक उन्होंने सक्रिय क्रिकेट से विदा ले ली।