इंडियन प्रीमियर लीग 2025 के शुरू होने में अब कुछ ही दिन बाकी हैं। 22 मार्च से इस क्रिकेट महाकुंभ का आगाज कोलकाता के ऐतिहासिक ईडन गार्डन स्टेडियम में होगा, जहां गत विजेता कोलकाता नाइट राइडर्स और रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु के बीच ओपनिंग मुकाबला खेला जाएगा।
स्पोर्ट्स न्यूज़: इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) 2025 के शुरू होने में अब कुछ ही दिन बाकी हैं। 22 मार्च से इस क्रिकेट महाकुंभ का आगाज कोलकाता के ऐतिहासिक ईडन गार्डन स्टेडियम में होगा, जहां गत विजेता कोलकाता नाइट राइडर्स (KKR) और रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) के बीच ओपनिंग मुकाबला खेला जाएगा। हालांकि, इस सीजन में एक बड़ा बदलाव सामने आया है, जिससे कई फ्रेंचाइजी को नुकसान झेलना पड़ सकता है। यह बदलाव सीधे तौर पर खिलाड़ियों के रिप्लेसमेंट नियमों से जुड़ा हुआ है।
रिप्लेसमेंट नियमों में क्या हुआ बदलाव?
इस बार IPL गवर्निंग काउंसिल ने खिलाड़ियों के रिप्लेसमेंट को लेकर नई शर्तें लागू की हैं। पहले फ्रेंचाइजी केवल अपने 7वें लीग मैच तक चोटिल खिलाड़ियों का रिप्लेसमेंट मांग सकती थीं, लेकिन अब इस सीमा को बढ़ाकर 12वें मैच तक कर दिया गया है। इसके अलावा, रिप्लेसमेंट खिलाड़ियों की सैलरी से जुड़ी कुछ नई पाबंदियां भी लगाई गई हैं।
नए नियमों का प्रभाव
फ्रेंचाइजी की रणनीति पर असर – IPL के बीच में चोटिल खिलाड़ियों की जगह नए खिलाड़ी जोड़ने की सुविधा फ्रेंचाइजी के लिए फायदेमंद थी, लेकिन अब 12वें मैच के बाद किसी खिलाड़ी को रिप्लेस नहीं किया जा सकेगा। इससे टीम मैनेजमेंट को अतिरिक्त सावधानी बरतनी होगी।
खिलाड़ियों की फीस पर नियंत्रण – अब कोई भी रिप्लेसमेंट खिलाड़ी उसी वेतन सीमा में आएगा, जिसमें चोटिल खिलाड़ी था। इससे टीमें ऊंची बोली लगाकर बड़ा नाम नहीं जोड़ पाएंगी।
बीसीसीआई की मंजूरी अनिवार्य – किसी खिलाड़ी की चोट के कारण पूरे सीजन से बाहर होने की पुष्टि BCCI द्वारा नामित डॉक्टर को करनी होगी। यह नियम यह सुनिश्चित करेगा कि फ्रेंचाइजी अनावश्यक रूप से खिलाड़ियों को बाहर न करे।
रिप्लेसमेंट खिलाड़ियों की लिस्ट सीमित – केवल वही खिलाड़ी रिप्लेसमेंट के तौर पर टीम में शामिल हो सकते हैं, जो IPL के रजिस्टर्ड अवेलेबल प्लेयर पूल में शामिल होंगे।
फ्रेंचाइजी पर पड़ेगा असर?
हाल ही में मुंबई इंडियंस ने चोटिल लिजाद विलियम्स की जगह कॉर्बिन बॉश को शामिल किया था, वहीं कोलकाता नाइटराइडर्स ने चोटिल उमरान मलिक के स्थान पर चेतन सकारिया को टीम में जोड़ा। हालांकि, नए नियमों के कारण फ्रेंचाइजी को भविष्य में खिलाड़ियों के रिप्लेसमेंट में अधिक रणनीतिक सोच अपनानी होगी।
नए नियमों की मुख्य शर्तें
फ्रेंचाइजी केवल अपने 12वें लीग मैच तक चोटिल खिलाड़ियों को रिप्लेस कर सकती हैं।
रिप्लेसमेंट खिलाड़ी की सैलरी चोटिल खिलाड़ी की तुलना में अधिक नहीं हो सकती।
रिप्लेसमेंट खिलाड़ी की फीस मौजूदा सीजन की वेतन सीमा में नहीं जोड़ी जाएगी, लेकिन यदि उसका कॉन्ट्रैक्ट अगले सीजन तक बढ़ाया जाता है, तो उसकी फीस वेतन सीमा में शामिल होगी।
किसी खिलाड़ी के चोटिल होने की पुष्टि BCCI के नामित डॉक्टर को करनी होगी।
चोटिल खिलाड़ी को सीजन में दोबारा खेलने की अनुमति नहीं होगी।
नई नीति से उन टीमों को नुकसान हो सकता है जो प्लेऑफ की रेस में आगे बढ़ने के लिए सीजन के मध्य में मजबूत खिलाड़ियों को जोड़ने की योजना बनाती थीं। अब फ्रेंचाइजी को सीजन की शुरुआत में ही अपनी टीम को संतुलित रखना होगा और चोटिल खिलाड़ियों के रिप्लेसमेंट की संभावनाओं पर पहले से विचार करना होगा।