भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व खिलाड़ी रॉबिन उथप्पा के खिलाफ 23 लाख रुपये के कथित घोटाले के मामले में अदालत ने अरेस्ट वारंट जारी किया है। यह मामला एक आर्थिक अनियमितता से जुड़ा हुआ बताया जा रहा हैं।
स्पोर्ट्स न्यूज़: भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व बल्लेबाज रॉबिन उथप्पा के खिलाफ प्रोविडेंट फंड (EPFO) में 23 लाख रुपये के घोटाले के आरोप में अरेस्ट वारंट जारी किया गया है। न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, रॉबिन उथप्पा पर आरोप है कि उन्होंने सेंचुरी लाइफस्टाइल ब्रांड प्राइवेट लिमिटेड का प्रबंधन करते समय कर्मचारियों की सैलरी से ₹23 लाख की कटौती की, लेकिन यह राशि उनके प्रोविडेंट फंड खातों में जमा नहीं की।
यह मामला कर्मचारियों के अधिकारों और उनकी सामाजिक सुरक्षा से संबंधित है। EPFO के नियमों के तहत कर्मचारियों की सैलरी से कटौती की गई राशि को समय पर उनके पीएफ खातों में जमा करना अनिवार्य होता हैं।
क्या है मामला?
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय क्रिकेटर रॉबिन उथप्पा के खिलाफ जारी अरेस्ट वारंट कर्नाटक में पीएफ रीजनल कमिश्नर शदाक्षरी गोपाल रेड्डी के निर्देश पर पुलकेशीनगर पुलिस को निष्पादित करने के लिए सौंपा गया था। हालांकि, 4 दिसंबर को जब पुलिस ने पुलकेशीनगर में उनके आवास पर वारंट निष्पादित करने की कोशिश की, तो रॉबिन उथप्पा वहां मौजूद नहीं थे। इसके बाद वारंट वापस कर दिया गया।
अधिकारियों ने बताया है कि उथप्पा वर्तमान में अपने परिवार के साथ दुबई में रह रहे हैं। इस मामले में रॉबिन उथप्पा की ओर से अब तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है। प्रोविडेंट फंड (EPFO) में ₹23 लाख की राशि न जमा करने का यह मामला गंभीर है और भारतीय कानून के तहत इसका समाधान करना आवश्यक होगा।