पेरिस ओलंपिक 2024 हॉकी के सेमीफाइनल मुकाबले में Team Indian को जर्मनी के हाथों 3-2 से हार मिली है। ऐसे में भारतीय टीम का गोल्ड मेडल जीतने का सपना टूट गया है लेकिन अभी टीम इंडिया के पास ब्रॉन्ज मेडल जीतने का मौका है।
Paris Olympics 2024 India Hockey Semifinal: पेरिस ओलंपिक में भारतीय हॉकी टीम (Indian Hockey Team) को दूसरे पुरुष हॉकी सेमीफाइनल मुकाबले में जर्मनी से हार का सामना करना पड़ा। 44 साल बाद भी भारत ओलंपिक के फाइनल में जगह नहीं बना सका। भारत ने आखिरी बार साल 1980 ओलंपिक का फाइनल खेला था और गोल्ड मेडल जीता था। इस बार के ओलंपिक में भारत का फ़ाइनल खेलने का सपना अधूरा रह गया। अब भारत 8 अगस्त को ब्रॉन्ज मेडल के लिए स्पेन से मुकाबला करेगा।
पहला क्वार्टर भारत के नाम
आपको बता दें कि Indian Hockey Team को पहले क्वार्टर के दूसरे और तीसरे ही मिनट में पेनल्टी कॉर्नर मिला। हालांकि, टीम द्वारा दोनों ही बार गोल में तब्दील न कर पाना मुसीबत का सबब बना। इसके साथ ही चौथे मिनट में जर्मनी के मार्को ने फील्ड गोल करने का प्रयास किया, लेकिन श्रीजेश ने गजब का बचाव किया। उसी के साथ 7वें मिनट में भारत को तीसरा पेनल्टी कॉर्नर मिला। भारतीय कप्तान हरमनप्रीत सिंह ने गोल दागकर भारत को 1-0 से आगे किया। वहीं, 8वें मिनट भी भारतीय टीम को पेनल्टी कॉर्नर मिला, लेकिन गोल नहीं हो सका। ऐसे में पहला क्वार्टर भारत के नाम रहा।
दूसरे क्वार्टर में जर्मनी ने भारत को पीछे छोड़ा
इस पुरुष हॉकी सेमीफाइनल में मैच के 18वें मिनट में जर्मनी को पहला पेनल्टी कॉर्नर मिला। इसके बाद गोंजालो ने मौके का पूरा फायदा उठाया और बिना किसी गलती के गोल दागा, जिससे स्कोर 1-1 से बराबरी पर आ गया। इसके बाद, क्वार्टर के दौरान दोनों टीमों ने शानदार टक्कर के साथ खेल का प्रदर्शन किया। कई बार दोनों टीमें एक-दूसरे पर भारी रही और खेल को रोमांचक बना दिया।
वहीं, 27वें मिनट में जर्मनी को एक और मौका मिला, जब उन्हें पेनल्टी स्ट्रोक मिला। क्रिस्टोफर रूर ने इस अवसर का शानदार फायदा उठाते हुए गोल दागकर जर्मनी को 2-1 की बढ़त दिला दी। इस गोल ने जर्मनी को मुकाबले में एक मजबूत स्थिति प्रदान की और खेल को और भी रोचक बना दिया।
तूसरे क्वार्टर में भारतीय टीम ने की वापसी
जानकारी के अनुसार तीसरे क्वार्टर की शुरुआत में भारत को एक पेनल्टी कॉर्नर मिला, लेकिन जर्मनी के गोलकीपर ने अपनी शानदार बचाव की वजह से भारत का गोल रोक दिया। इसके बावजूद, भारत ने इस मैच में शानदार वापसी की और 36वें मिनट में एक और पेनल्टी कॉर्नर हासिल किया। इस बार, सुखजीत सिंह ने पेनल्टी कॉर्नर को गोल में तब्दील किया और भारत को 2-2 की बराबरी पर ला खड़ा किया।
38वें मिनट में भारत ने फील्ड गोल करने की कोशिश की, लेकिन दुर्भाग्यवश वह गोल में तब्दील नहीं हो सका। इस प्रकार, तीसरे क्वार्टर के समाप्त होते-होते, मैच 2-2 की बराबरी पर बना रहा, जिससे दर्शकों को चौथे क्वार्टर के लिए एक रोमांचक मुकाबले की उम्मीद थी।
लास्ट क्वार्टर में भारत को मिली हार
इस मैच के फाइनल क्वार्टर में 46वें राउंड में पेनल्टी कॉर्नर जर्मनी को मिला, लेकिन भारत ने गोल लाइन पर बचावकर बढ़त को रोक दिया। इसके बाद 51वें मिनट में जर्मनी को फिर से पेनल्टी कॉर्नर मिला, लेकिन श्रीजेश ने शानदार बचाव के साथ उसे रोक दिया। 54वें मिनट में जर्मनी के मार्को ने फील्ड गोल कर 3-2 की बढ़त हासिल की और 59वें मिनट में जर्मनी ने फिर पेनल्टी कॉर्नर हासिल किया, लेकिन गोल नहीं बन सका। इसी के साथ भारत लास्ट (60 मिनट) मिनट में गोल नहीं कर सका और जर्मनी भारत को पीछे छोड़ जीत के साथ सेमीफाइनल में पहुंच गई।