International Space Station: अंतरिक्ष में सुनीता विलियम्स के सामने आई नई मुसीबत, आखिर अंतरिक्ष में कैसे फंसी सुनीता ? जानें पूरी डीटेल्स

International Space Station: अंतरिक्ष में सुनीता विलियम्स के सामने आई नई मुसीबत, आखिर अंतरिक्ष में कैसे फंसी सुनीता ? जानें पूरी डीटेल्स
Last Updated: 05 सितंबर 2024

अंतरिक्ष यान में हीलियम की समस्या बनी हुई थी। इसका मतलब था कि इसके रॉकेट ईंधन में रिसाव की समस्या के साथ-साथ कुछ तकनीकी गड़बड़ियां भी उत्पन्न हो रही थीं, जैसे कि पिकअप गिरने की स्थिति। ऐसी स्थिति में, वापस लौटने की तुलना में इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन तक पहुंचना अधिक सुरक्षित माना गया। अंततः, सुनीता और बैरी स्पेस स्टेशन के अंदर पहुंच गए। इस लेख में हम जानेंगे कि, सुनीता विलियम्स अंतरिक्ष में कैसे फांसी?

International Space Station:अंतरिक्ष हमेशा मानव मन को आकर्षित करता रहा है। पृथ्वी के बाहर के ग्रहों, नक्षत्रों और आकाशगंगाओं का यह अद्भुत संसार इतना रहस्यमय है कि इसकी पहेलियों को हल करने का प्रयास मानव सभ्यता की शुरुआत से ही जारी है। विज्ञान इसे अपने दृष्टिकोण से परिभाषित करते हुए इसके निरंतर अनुसंधान में लगी हुई है। शीतयुद्ध के समय में, विश्व में वर्चस्व की होड़ में दो महाशक्तियां - संयुक्त राज्य अमेरिका और तत्कालीन सोवियत संघ - ने अंतरिक्ष अनुसंधान और अभियानों के लिए समानांतर प्रयास शुरू किए।

ये प्रयास अब अंतरिक्ष में जीवन की संभावनाओं और पर्यटन के क्षेत्र तक बढ़ चुके हैं। चंद्रमा पर मानव के उतरने से लेकर मंगल की खोज तक की तैयारियों के बीच, अंतरिक्ष पर इतना कुछ लिखा, कहा और प्रदर्शित किया गया है कि अब बाहरी अंतरिक्ष हमारी पृथ्वी के लिए जैसे घर के पास का एक आठ लेन का रिंग रोड बन गया है, जिस पर चौबीसों घंटे मानव निर्मित उपग्रह और अंतरिक्ष स्टेशन अपनी-अपनी गति से लगातार गतिमान रहते हैं।

वास्तव में अटके हैं या भटके हैं ?

हमारी पृथ्वी के लगभग सटकर निकल रही इस गोल सड़क पर (जिसे हम सरलता के लिए पृथ्वी काबाहरी अंतरिक्षकहते हैं और जो वास्तव में काले, गहरे और अनंत अंतरिक्ष की पहली झलक है) दो अंतरिक्ष यात्री, सुनीता विलियम्स और बैरी विलमोर, कहीं अटक गए हैं।

बता दें कि, इसी जून की शुरुआत में, दोनों एक अंतरिक्षयान द्वारा अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष केंद्र (इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन या संक्षेप में आईएसएस) के लिए आठ दिन के प्रवास पर गए थे, लेकिन अब उनकी वापसी में इतनी मुश्किलें गई हैं कि उन्हें फरवरी 2025 तक वहीं रुकना पड़ सकता है।

यह स्पष्ट है कि उनकी स्थिति को लेकर पूरे विश्व में चिंताएं और अटकलें तेज हो गई हैं। यह चिंता स्वाभाविक है, लेकिन इससे पहले यह समझना जरूरी है कि वे वास्तव में अटके हैं या भटके हैं, और अरबों रुपये के ऐसे अभियानों में किसी भी असहज स्थिति के उत्पन्न होने पर अंतरिक्ष यात्रियों के लिए क्या व्यवस्था की गई है!

5 जून को किया प्रस्थान

जानकारी के अनुसार, दोनों ने खुशी-खुशी पांच जून को अमेरिका के केप कैनेरवल स्पेस फोर्स स्टेशन से इस अंतरिक्ष यान में सवार होकर अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन के लिए प्रस्थान किया। अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन पृथ्वी से लगभग 400 किलोमीटर की दूरी पर बाहरी अंतरिक्ष में स्थित एक विशालकाय प्रयोगशाला जैसी मानव निर्मित संरचना है, जिसे अमेरिका, रूस, जापान, कनाडा और यूरोप मिलकर संचालित करते हैं।

रॉकेट ईंधन की हो सकती समस्या

इस यात्रा के दौरान, अंतरिक्ष यान में हीलियम, अर्थात इसके रॉकेट ईंधन में रिसाव की समस्या के साथ-साथ कुछ तकनीकी गड़बड़ियां भी सामने आईं, जैसे कि पिकअप गिरने की दिक्कत। इस स्थिति में, वापसी के कठिन सफर की तुलना में किसी भी तरह इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन तक पहुँचना अधिक सुरक्षित लगता था। अंततः, वे वहां पहुंच गए और उनका अंतरिक्ष यान इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन से सफलतापूर्वक जुड़ गया, जिसे डॉकिंग की प्रक्रिया कहा जाता है। जैसे ही सुनीता और बैरी ने इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन के अंदर प्रवेश किया, उन्हें वहां पहले से मौजूद सात अंतरिक्ष यात्रियों (चार अमेरिकी और तीन रूसी) ने खुशी-खुशी गले लगाया।

अंतरिक्ष यात्रियों के पृथ्वी पर लौटने का किया प्रयास

स्टारलाइनर अब इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन में फंसा हुआ है क्योंकि इसमें कुछ गंभीर समस्याएं उत्पन्न हो गई हैं। यदि इसे अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन से हटाकर बिना अंतरिक्ष यात्रियों के पृथ्वी पर लौटने का प्रयास किया जाए, तो यह संभव नहीं है। इस बार मानवयुक्त मिशन के लिए इसके सॉफ़्टवेयर में इस प्रकार का बदलाव किया गया है कि इसकी डॉकिंग और अनडॉकिंग के लिए अंतरिक्ष यात्रियों का होना अनिवार्य है। अब यह एक बड़ा खतरा बन गया है क्योंकि अनडॉकिंग के साथ ही यह दोनों अंतरिक्ष यात्रियों के साथ इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन से अलग हो जाएगा, और इसकी तकनीकी खामियों के चलते पृथ्वी पर उनकी वापसी केवल किस्मत पर निर्भर करेगी।

अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन का क्षेत्र अपार्टमेंट के समान

सबसे पहला सवाल यह उठता है कि क्या अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन में इतनी जगह और सुविधाएं हैं कि सुनीता और बैरी लगभग आठ-नौ महीने वहां रह सकते हैं ? और इसका जवाब हैहां, मगर कुछ चुनौतियों के साथ। सुखद बात यह है कि तमाम अटकलों और चिंताओं के बावजूद, वहां उनके पास 'रोटी, कपड़ा और मकान' मौजूद है।

नासा के अनुसार (और सुनीता विलियम्स द्वारा वहां से जारी एक वीडियो के मुताबिक), अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन का रहने का क्षेत्र किसी छह बेडरूम अपार्टमेंट के समान है। इसमें छह स्लीपिंग क्वॉर्टर (जो कि पुराने टेलीफोन बूथ के आकार के हैं), दो बाथरूम और एक जिम शामिल है। कुल मिलाकर, नौ लोगों के बीच यह थोड़ी चुनौतीपूर्ण हो सकती है, लेकिन दोस्ती भी तो एक महत्वपूर्ण चीज होती है|

'खाद्य सामग्री की कमी नहीं''

मानवयुक्त अंतरिक्ष अभियानों के लंबे इतिहास में भोजन के प्रकार में काफी बदलाव आया है। प्रारंभिक अभियानों में, आहार के नाम पर केवल बेस्वाद, ट्यूब में पैक किए गए पोषक पेस्ट और गोलियों का उपयोग होता था। इसके बाद, डिहाइड्रेटेड और तापमान-सेट खाद्य पदार्थों का चलन शुरू हुआ, लेकिन अब अंतरिक्ष के लिए भोजन तैयार करना खुद में एक महत्वपूर्ण अभियान बन गया है। यह सच है कि आज विभिन्न प्रकार की जैम, जेली, चटनी, ब्रेड, मांस, मछली, अंडे, मिठाइयों से लेकर ताजे फल-सब्जियों, पिज्जा, समोसा और किमची तक सभी चीजें कार्गो स्पेसशिप के माध्यम से इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन तक पहुंचाई जाती हैं।

अंतरिक्षयात्री अपनी पसंदीदा सामान के साथ सकते हैं यात्रा

अंतरिक्षयात्री अपने पसंदीदा सामान को पैक करवा सकते हैं या उनके परिवार वाले उन्हें खाने के लिए कुछ अनुमत चीजें भेज सकते हैं। नासा के एक वीडियो में, सुनीता विलियम्स ने अपने परिवार द्वारा भेजे गए नटर-बटर स्प्रेड का एक जार दिखाया था! अगर टेलीफोन बूथ की बात करें, तो अंतरिक्ष में रहते हुए भी वे पृथ्वी पर अपने अंतरिक्ष केंद्र और इसके माध्यम से अपने प्रियजनों से वीडियो कॉल करके संपर्क कर सकते हैं।

शायद यही कारण है कि सुनीता और बैरी के जीवनसाथी उनके स्वास्थ्य, भोजन, दिनचर्या और अंतरिक्ष में लंबे प्रवास के बारे में चिंतित नहीं हैं। उन्हें यह भी जानकारी है कि 6 अगस्त को एक मानवरहित अंतरिक्ष यान इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर तीन टन भोजन, ईंधन और कपड़े लेकर पहुंच चुका है।

सुनीता विलियम्स ने 3 बार किया है इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन का दौरा

सुनीता विलियम्स और बैरी विलमोर दोनों ने इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (आईएसएस) की यात्रा तीन बार की है। यह उनके लिए वहां लंबे समय तक रहने का पहला अनुभव नहीं है। सुनीता ने वर्ष 2006-2007 में आईएसएस पर 196 दिन बिताए थे, जबकि दूसरी बार वर्ष 2012 में उन्होंने 127 दिन वहां गुजारे थे। बैरी विलमोर इससे पहले कुल 178 दिन की अवधि के लिए आईएसएस पर रह चुके हैं। इस बार, उनकी यात्रा की अवधि लगभग 250 दिनों से अधिक हो सकती है।

16 घंटे की स्पेस ड्यूटी

किसी अंतरिक्षयात्री की दिनचर्या 16 घंटे की स्पेस ड्यूटी और 8 घंटे की नींद पर आधारित होती है। उनका दिन सुबह 6 बजे पृथ्वी पर कंट्रोल सेंटर से आने वाली गुड मॉर्निंग कॉल के साथ शुरू होता है। स्पेस ड्यूटी में दो घंटे का जिम टाइम भी शामिल होता है, ताकि व्यायाम से उनका शरीर स्वस्थ और सक्रिय रहे। अंतरिक्ष में लंबे समय तक रहने के दौरान शरीर पर पड़ने वाले दुष्प्रभावों को कम करने के लिए यह आवश्यक है, जैसे हड्डियों और मांसपेशियों की कमजोरी, अल्प गुरुत्वाकर्षण से मस्तिष्क और दृष्टि पर होने वाले प्रभाव, और हृदय रोग की संभावनाएं। अंतरिक्ष में भेजे जाने से पहले, अंतरिक्षयात्रियों को पृथ्वी पर संबंधित प्रशिक्षण केंद्र में न्यूनतम तीन महीनों तक इन विशेष व्यायामों का अभ्यास कराया जाता है।

अंतरिक्ष में रुकने का बनाय विश्व रिकॉर्ड

अंतरिक्ष में रुकने का विश्व रिकॉर्ड 438 दिन का है, जो कि रूसी अंतरिक्षयात्री वैलेरी पोल्याकोव के नाम दर्ज है। उन्होंने रूस द्वारा स्थापित अंतरिक्ष स्टेशन 'मीर' में जनवरी 1994 से लेकर मार्च 1995 तक बिना किसी रुकावट के समय बिताया। पृथ्वी पर लौटने के बाद, उनके स्वास्थ्य में कोई विकृति या बीमारी नहीं पाई गई, और उन्होंने 84 वर्ष की आयु तक जीवन का पूरा आनंद लिया। यदि हम इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन की बात करें, तो अमेरिकी अंतरिक्षयात्री फ्रेंक रूबियो ने सितंबर 2022 से सितंबर 2023 तक यहां लगातार 371 दिन बिताने का नया रिकॉर्ड बनाया है।

 

 

 

 

 

 

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