Satelite Intelsat 33e Explodes: Intelsat 33e सैटेलाइट में विस्फोट; अंतरिक्ष में बिखर गए टुकड़े, अन्य उपग्रहों के लिए भी बना बड़ा खतरा

Satelite Intelsat 33e Explodes: Intelsat 33e सैटेलाइट में विस्फोट; अंतरिक्ष में बिखर गए  टुकड़े, अन्य उपग्रहों के लिए भी बना बड़ा खतरा
Last Updated: 7 घंटा पहले

Intelsat 33e सैटेलाइट, जो कि एक प्रमुख संचार उपग्रह था, अंतरिक्ष में हुए एक विस्फोट के बाद टुकड़ों में बिखर गया है। इस घटना की पुष्टि यूएस स्पेस फोर्स ने भी की है। इस सैटेलाइट का निर्माण बोइंग द्वारा किया गया था और इसका संचालन इंटेलसैट कर रही थी।

टेक्नोलॉजी डेस्क: 19 अक्टूबर को अंतरिक्ष में एक संचार उपग्रह अचानक ब्लास्ट हो गया, जिसके बाद उसका मलबा चारों ओर फैल गया। यह उपग्रह इंटेलसैट 33e था, जो मुख्य रूप से अफ्रीका, यूरोप और एशिया-प्रशांत के कुछ हिस्सों में इंटरनेट और संचार सेवाएं प्रदान करता था। इस घटना के बाद इन क्षेत्रों में इंटरनेट सेवाएं प्रभावित हुई हैं। आमतौर पर, संचार उपग्रहों की आयु 15-20 वर्ष होती है, लेकिन इंटेलसैट 33e केवल 7 साल में ही नष्ट हो गया।

विशेषज्ञ अभी तक इस घटना के कारणों को समझ नहीं पाए हैं, लेकिन संभावनाएं हैं कि बैटरी फेलियर, थर्मल समस्या, या किसी अन्य तकनीकी खामी के कारण विस्फोट हुआ हो सकता है। इंटेलसैट और बोइंग इस घटना की संयुक्त जांच कर रहे हैं।

बोइंग द्वारा किया गया Intelsat 33e सैटेलाइट का निर्माण

अमेरिकी कंपनी इंटेलसैट द्वारा संचालित इंटेलसैट 33E संचार उपग्रह, जो बोइंग द्वारा निर्मित था, 19 अक्टूबर 2024 को अचानक अंतरिक्ष में विस्फोट के बाद पूरी तरह नष्ट हो गया। यूएस स्पेस फोर्स ने इस विस्फोट की पुष्टि की है और बताया कि सैटेलाइट के लगभग 20 टुकड़े अंतरिक्ष में फैल गए हैं। फिलहाल इन टुकड़ों से कोई तात्कालिक खतरा नहीं है, लेकिन स्पेस फोर्स और इंटेलसैट अंतरिक्ष में सुरक्षित वातावरण बनाए रखने के लिए इन पर नजर बनाए हुए हैं।

इंटेलसैट ने इसे 'टोटल लॉस' करार दिया है, जिसका अर्थ है कि उपग्रह अब किसी भी उपयोग के लिए असमर्थ है। इस उपग्रह का उपयोग अफ्रीका, यूरोप और एशिया-प्रशांत क्षेत्र में संचार और इंटरनेट सेवाओं के लिए किया जाता था, और इसके नष्ट होने के बाद इन क्षेत्रों में सेवाओं पर असर पड़ा हैं।

अंतरिक्ष में देखें गए सेटेलाइट के टुकड़े

स्विस ट्रैकिंग कंपनी एस2 सिस्टम्स और अमेरिकी कंपनी एक्सो ऐनालिटिक सलूशंस ने इंटेलसैट 33E सैटेलाइट के टुकड़ों की संख्या में वृद्धि का दावा किया है। एस2 सिस्टम्स ने 21 अक्टूबर को इसके 40 टुकड़े देखे, जबकि एक्सो ऐनालिटिक सलूशंस ने 57 टुकड़े ट्रैक किए। एक्सपर्ट्स का मानना है कि ये मलबे के टुकड़े अंतरिक्ष में अन्य सैटेलाइट्स के लिए संभावित खतरा बन सकते हैं।

इंटेलसैट ने इस सैटेलाइट को "टोटल लॉस" घोषित किया है और बोइंग तथा विभिन्न सरकारी एजेंसियों के साथ मिलकर घटना के कारणों की जांच कर रहा है। इस जाँच के लिए एक विशेष बोर्ड का गठन किया जा रहा है, जो डेटा और अवलोकनों का विश्लेषण करेगा।

समय से पहले नष्ट हुआ सेटेलाइट

इंटेलसैट 33E की समय से पहले विफलता बोइंग के लिए एक और बड़ा झटका है, क्योंकि इसे 2016 में लॉन्च किया गया था और 2017 में सेवाएं शुरू की थीं। हालांकि संचार उपग्रहों का सामान्य जीवनकाल 15-20 साल होता है, यह उपग्रह महज 7 सालों में ही नष्ट हो गया। इस घटना से केवल बोइंग की प्रतिष्ठा पर असर पड़ा है बल्कि अंतरिक्ष में अन्य उपग्रहों के लिए मलबे के खतरे को भी बढ़ा दिया हैं।

बोइंग पहले से ही अपने स्टारलाइनर अंतरिक्ष यान में तकनीकी समस्याओं का सामना कर रहा है। यह यान अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) तक अंतरिक्ष यात्रियों को पहुंचाने के लिए डिज़ाइन किया गया था, लेकिन तकनीकी खराबियों के चलते इसमें भी कई देरी और समस्याएँ आई हैं। हाल ही में, स्टारलाइनर में खराबी के कारण दो अंतरिक्ष यात्री, सुनीता विलियम्स और बैरी विल्मोर, ISS पर फंसे हुए हैं, जिन्हें फरवरी में स्पेसएक्स ड्रैगन यान के माध्यम से पृथ्वी पर वापस लाया जाएगा।

 

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