SMS की शुरुआत: कैसे 'मेरी क्रिसमस' का संदेश बना डिजिटल दुनिया का पहला कदम

SMS की शुरुआत: कैसे 'मेरी क्रिसमस' का संदेश बना डिजिटल दुनिया का पहला कदम
Last Updated: 1 दिन पहले

आज के डिजिटल युग में जब हम चुटकियों में किसी को भी टेक्स्ट, फोटो या वीडियो भेज सकते हैं, उस समय का ख्याल ही रोमांचक लगता है, जब टेक्स्ट मैसेज भेजना एक बड़ी बात मानी जाती थी। हम बात कर रहे हैं 32 साल पहले के उस समय की, जब दुनिया का पहला SMS भेजा गया था, जो आज के समय में एक अभिन्न हिस्सा बन चुका है। आइए जानें, कैसे यह एसएमएस क्रांति शुरू हुई और किसने भेजा था पहला SMS।

पहला SMS: 'मेरी क्रिसमस'  

3 दिसंबर 1992 को इतिहास में एक खास दिन दर्ज हुआ, जब दुनिया का पहला SMS भेजा गया था। इस संदेश को 22 वर्षीय इंजीनियर नील पापवर्थ (Neil Papworth) ने भेजा था। नील पापवर्थ ने अपने सहकर्मी रिचर्ड जार्विस को 'मेरी क्रिसमस' का संदेश वोडाफोन नेटवर्क के माध्यम से भेजा था। दिलचस्प बात यह है कि उस वक्त यह संदेश एक पर्सनल कंप्यूटर के जरिए भेजा गया था, क्योंकि उस समय मोबाइल फोन पर एसएमएस भेजने की सुविधा मौजूद नहीं थी।

किसने और किसे भेजा पहला एसएमएस?

जब नील पापवर्थ ने यह संदेश भेजा था, तो वह सेमा ग्रुप टेलीकॉम्स नामक एक आईटी सर्विस कंपनी के साथ जुड़े हुए थे। पापवर्थ उस वक्त ब्रिटिश टेलीकॉम कंपनी वोडाफोन यूके के शॉर्ट मैसेज सर्विस सेंटर (SMSC) में काम कर रहे थे। उन्होंने इस टेक्स्ट संदेश के बारे में बताते हुए कहा था कि उस समय उन्हें यह भी नहीं पता था कि यह सेवा भविष्य में इतनी लोकप्रिय हो जाएगी। उन्होंने सिर्फ अपने काम को निपटाने और जल्दी से सूचना अपने सहकर्मी तक पहुँचाने की कोशिश की थी।

पहला सेलफोन और एसएमएस की शुरूआत

दुनिया का पहला एसएमएस भेजे जाने के एक साल बाद, नोकिया ने पहला मोबाइल फोन जारी किया, जिसमें एसएमएस भेजने की सुविधा थी। हालांकि, पहले एसएमएस में केवल 160 अक्षरों तक के संदेश ही भेजे जा सकते थे। यूनाइटेड किंगडम को एसएमएस की शुरुआत का केंद्र माना जाता है, और यहां पर इसके शुरुआती दिनों में अत्यधिक लोकप्रियता देखी गई। फरवरी 2001 तक यहां हर महीने लगभग एक बिलियन एसएमएस भेजे जा रहे थे, और प्रत्येक संदेश पर 10 पेंस का शुल्क लिया जा रहा था।

एसएमएस का प्रभाव और बदलाव

2001 से लेकर 2010 तक एसएमएस का उपयोग दिन-ब-दिन बढ़ता गया, और अंतरराष्ट्रीय दूरसंचार संघ के अनुसार, हर मिनट लगभग 200,000 एसएमएस भेजे जाते थे। लेकिन 2012 के बाद एसएमएस के उपयोग में गिरावट आई। इसका मुख्य कारण था इंस्टेंट मैसेजिंग ऐप्स जैसे वॉट्सऐप का आगमन, जिन्होंने टेक्स्ट मैसेज भेजने की जरूरत को कम कर दिया।

एसएमएस का आधुनिक दौर

आजकल लगभग सभी टेलीकॉम कंपनियां अपने यूजर्स को रोजाना 100 एसएमएस की सुविधा देती हैं, जो कभी एसएमएस के लिए रिचार्ज कराने का एक महत्वपूर्ण कारण हुआ करता था। हालांकि अब वॉट्सऐप, फेसबुक मैसेंजर, और अन्य इंस्टेंट मैसेजिंग ऐप्स ने एसएमएस का स्थान ले लिया है, लेकिन फिर भी एसएमएस आज भी एक महत्वपूर्ण और उपयोगी सेवा है, जो कभी लोगों के जीवन का अहम हिस्सा हुआ करती थी।

एसएमएस की शुरुआत ने टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में एक नए युग की शुरुआत की। 32 साल पहले जब नील पापवर्थ ने 'मेरी क्रिसमस' का संदेश भेजा था, तब किसी ने नहीं सोचा था कि यह तकनीक दुनिया भर में इतनी फैल जाएगी। आज एसएमएस का स्थान धीरे-धीरे इंटरनेट आधारित मैसेजिंग प्लेटफॉर्म्स ने ले लिया है, लेकिन इसका ऐतिहासिक महत्व हमेशा बना रहेगा।

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