मुसोलिनी का मजाक उड़ाने वाली लेखिका:लिखने की वजह से जेल भी गई:पिता-दादा थे क्यूबा के प्रेसिडेंट: जानिए इनकी कहानी

मुसोलिनी का मजाक उड़ाने वाली लेखिका:लिखने की वजह से जेल भी गई:पिता-दादा थे क्यूबा के प्रेसिडेंट: जानिए इनकी कहानी
Last Updated: 14 अप्रैल 2023

इतालवी लेखिका अल्बा डी सेस्पेडेस की बुक 'फॉरबिडन नोटबुक' का इंग्लिश ट्रांसलेशन मार्केट में धूम मचा रहा है। इतालवी लेखिका अल्बा का जन्म 1911 में रोम में हुआ। अल्बा डी सेस्पेडेस एक बेहद ही पढ़े-लिखे और ताकतवर परिवार से आती थीं। उनके दादा कार्लोस मैनुअल डे सेस्पेडेस डेल कैस्टिलो क्यूबा के क्रांतिकारी हीरो और पहले प्रेसिडेंट थे। उन्हें उनके देश में राष्ट्रपिता की उपाधि हासिल है। वहीं अल्बा के पिता भी राइटर, पॉलिटिशियन, डिप्लोमैट और क्यूबा के प्रेसिडेंट रहे।

 

तलाक़ के बाद शुरू किया लिखना

मात्र 15 साल की उम्र में अल्बा की शादी हो गई थी। 16 साल की उम्र में उनका एक बच्चा था और जब वो 20 साल की हुईं तो उनका तलाक हो गया। तलाक के बाद अल्बा ने अपनी खुद की बनानी शुरू की। पहले उन्होंने एक पत्रकार के रूप में, बाद में एक उपन्यासकार और फिर स्क्रीन राइटर के तौर पर अपना करियर शुरू किया। 

साल 1948 में उन्होंने एक साहित्यिक मैगजीन ‘Mercurio’ की शुरुआत की, जिसमें अर्नेस्ट हेमिंग्वे और उनके समकालीन लेखिका नतालिया गिन्ज़बर्ग सहित कई लेखकों के लेख छपते थे। उसी मैगजीन के लिए साल 1950 में वो एक बेहद ही पॉपुलर एडवाइज कॉलम लिखती थीं।

 

लिखने की वजह से दो बार जा चुकीं जेल

अल्बा की 'फॉरबिडन नोटबुक' मूल रूप से 1952 में प्रकाशित हुई थी। इसमें रोजमर्रा की जिंदगी और उनसे मुक्त होने की डिज़ायर पर बात है। अल्बा के पहले के दो नॉवेल, "Nessuno Torna Indietro" (1938) और "La Fuga" (1940) पर इतालवी सरकार ने प्रतिबंधित लगाया। अल्बा अपनी पहली नॉवेल से ही काफी फेमस हो गई थीं। साथ ही साल 1935 और 1943 में फासीवाद का विरोध और मजाक उड़ाने के लिए अल्बा डी सेस्पेडेस को दो बार जेल भेजा गया था। अल्बा की किताबें इटली में बेस्टसेलर रह चुकी हैं।

 

'फॉरबिडन नोटबुक' की कहानी क्या है? जानिए 

किताब 1950 में रोम में रह रही 43 साल की वेलेरिया कोसाटी के बारे में है। जो मिशेल नाम के व्यक्ति की पत्नी और दो बड़े हो चुके बच्चों, मिरेला और रिकार्डो की मां है। रविवार की एक सुबह वह अपने पति के लिए सिगरेट खरीदने के लिए टोबैकोनिस्ट के पास जाती है, जहां वो खिड़की पर लगे काले रंग की नोटबुक के ढेर को देखती है। जब वो दुकानदार से एक नोटबुक खरीदने के लिए कहती है, तो दुकानदार उसे बताता है कि यह फॉरबिडन है।

वो उससे रिक्वेस्ट करती है और दुकानदार उसे वो नोटबुक दे देता है। साथ ही, सलाह देता है कि वो उस नोटबुक को अपने कोट के नीचे छिपाकर ले जाए, ताकि गार्ड उसे न देख सके। फिर वेलेरिया उसे घर ले आती है और अपने रोजमर्रा की लाइफ को उसमें लिखना शुरू करती है।

 

फॉरबिडन नोटबुक कई दशक तक आउट ऑफ प्रिंट रही

एक समय अल्बा की गिनती इटली की सबसे पॉपुलर और सबसे ज्यादा ट्रांसलेट की जानी वाली लेखकों में होती थी। अल्बा महिलाओं के जीवन के इर्द-गिर्द लिखती थीं। उनकी बुक 'फॉरबिडन नोटबुक' की कहानी वेलेरियो कसाटी नाम की एक महिला के बारे में ही है। जो अपने घरेलू जीवन के रोजमर्रा की बातें डायरी में लिखती है। कई दशक तक ये किताब आउट ऑफ प्रिंट रही है।

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