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AAP से 5 साल के लिए बाहर हुए कुंवर विजय प्रताप, अनुशासनहीनता पर गिरी गाज

AAP से 5 साल के लिए बाहर हुए कुंवर विजय प्रताप, अनुशासनहीनता पर गिरी गाज

आम आदमी पार्टी ने अमृतसर नॉर्थ से विधायक और पूर्व आईपीएस अधिकारी कुंवर विजय प्रताप को पार्टी से पांच साल के लिए निलंबित कर दिया है। पार्टी की पॉलिटिकल अफेयर्स कमेटी ने यह कार्रवाई उनके अनुशासनहीन और पार्टी विरोधी रवैये को लेकर की है। बताया जा रहा है कि कुंवर विजय प्रताप ने हाल ही में अकाली नेता बिक्रम मजीठिया की पत्नी और विजिलेंस टीम के बीच हुई बहस का वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किया था, जो पार्टी की छवि के खिलाफ माना गया।

पार्टी की सख्ती और विचारधारा का हवाला

आम आदमी पार्टी ने अपने आधिकारिक बयान में कहा कि ड्रग्स के खिलाफ लड़ाई उसकी विचारधारा का एक प्रमुख हिस्सा है और जो भी इस मुहिम में रुकावट पैदा करेगा, उसे बख्शा नहीं जाएगा। पार्टी ने कुंवर विजय प्रताप के इस कृत्य को गंभीर अनुशासनहीनता करार देते हुए उन्हें पांच साल के लिए निलंबित करने का निर्णय लिया। विधायक कुंवर विजय प्रताप 2022 में भारी मतों से जीतकर विधानसभा पहुंचे थे और वे पहले भी ड्रग माफिया के खिलाफ मुखर रहे हैं, लेकिन उनकी हालिया टिप्पणी और सोशल मीडिया पर की गई गतिविधियों ने पार्टी नेतृत्व को सख्त कदम उठाने पर मजबूर कर दिया।

अपनी ही सरकार पर उठाए सवाल

पूर्व आईपीएस अधिकारी विजय प्रताप सिंह ने सोशल मीडिया पर मजीठिया की पत्नी का एक वीडियो साझा करते हुए सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए। उन्होंने लिखा, जब मजीठिया जी जेल में थे, तब मान साहब ने न कोई जांच करवाई और न ही पूछताछ की गई। उन्हें बेल लेने दिया गया। उन्होंने मजीठिया के खिलाफ कार्रवाई को दिखावा बताते हुए यह भी कहा कि इस मामले में देरी और असंवेदनशील रवैया सरकार की मंशा पर सवाल खड़े करता है।

विजिलेंस की कार्रवाई को बताया अनैतिक

कुंवर विजय प्रताप ने विजिलेंस टीम की उस कार्रवाई की भी आलोचना की, जिसमें सुबह-सुबह मजीठिया के घर पहुंचकर छापेमारी की गई थी। उन्होंने कहा, परिवार की गरिमा सभी के लिए होती है, चाहे वह नेता हो, अभिनेता, गरीब हो या अमीर। इस तरह सुबह-सुबह जबरन घर में घुसना पूरी तरह गलत और अनैतिक है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि हर सरकार ने अपने फायदे के लिए पुलिस और विजिलेंस एजेंसियों का दुरुपयोग किया है, लेकिन इसका कोई स्थायी लाभ नहीं होता।

बिक्रम मजीठिया की गिरफ्तारी का मामला

25 जून 2025 को शिरोमणि अकाली दल के वरिष्ठ नेता और पंजाब के पूर्व मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया को विजिलेंस ब्यूरो ने अमृतसर में उनके घर से गिरफ्तार कर लिया। उन पर आरोप है कि उन्होंने अपनी घोषित आय से कहीं अधिक, लगभग 540 करोड़ रुपये की संपत्ति जुटाई, जिसमें नशीली दवाओं से जुड़ी अवैध कमाई के जरिए मनी लॉन्ड्रिंग का संदेह जताया गया है।

विजिलेंस की रिपोर्ट के अनुसार, मजीठिया की कंपनियों के खातों में 161 करोड़ रुपये की बेहिसाब नकदी जमा की गई, 141 करोड़ रुपये विदेशी संस्थाओं के जरिए भेजे गए और 236 करोड़ रुपये की राशि का कोई स्पष्ट स्रोत नहीं है। 2021 से ही मजीठिया NDPS एक्ट के तहत जांच का सामना कर रहे हैं और उन पर पंजाब के ड्रग रैकेट से जुड़े आरोपियों को सहयोग देने का आरोप है। उन्हें मोहाली कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उन्हें 7 दिन की पुलिस रिमांड में भेजा गया है।

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