अहमदाबाद से उड़ान भरते ही एयर इंडिया की फ्लाइट AI-171 क्रैश हो गई। पायलट ने थ्रस्ट न मिलने की सूचना दी थी। हादसे में 242 लोगों की मौत हुई।
Ahmedabad Plane Crash: अहमदाबाद से लंदन जा रही एयर इंडिया की फ्लाइट AI-171 एक बड़े हादसे का शिकार हो गई। टेकऑफ के कुछ मिनटों बाद ही विमान संतुलन खो बैठा और बीजे मेडिकल कॉलेज की मेस बिल्डिंग और हॉस्टल से टकरा गया। इस हादसे में विमान में सवार 242 यात्रियों के साथ-साथ मेडिकल स्टूडेंट्स और डॉक्टरों की भी जान चली गई। हादसे से ठीक पहले पायलट ने 'थ्रस्ट न मिलने' की जानकारी दी थी। शुरुआती जांच में इंजन फेल, बर्ड हिट, टेक्निकल फॉल्ट या पायलट एरर जैसे संभावित कारणों की जांच की जा रही है।
हादसे की तस्वीर: क्या हुआ उस दिन दोपहर?
गुरुवार की दोपहर अहमदाबाद एयरपोर्ट से लंदन के लिए रवाना हुई एयर इंडिया की फ्लाइट AI-171 जब टेकऑफ कर रही थी, तभी कुछ मिनटों के अंदर ही प्लेन संतुलन खो बैठा। बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर विमान जैसे ही 425 फीट की ऊंचाई तक पहुंचा, पायलट ने ATC को सूचना दी कि उसे थ्रस्ट नहीं मिल रहा है। कुछ ही पलों में विमान तेजी से नीचे गिरा और सीधे बीजे मेडिकल कॉलेज की मेस बिल्डिंग से टकरा गया। इसके बाद वह हॉस्टल की बिल्डिंग से भी जा भिड़ा।
हादसा इतना भयानक था कि आग की ऊंची लपटें और काले धुएं का गुबार पूरे इलाके में फैल गया। कुछ ही देर में बचाव दल, फायर ब्रिगेड और मेडिकल टीमें मौके पर पहुंचीं लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी।
कौन-कौन आए हादसे की चपेट में?
इस विमान में कुल 242 लोग सवार थे, जिनमें यात्री और क्रू मेंबर शामिल थे। सभी की मौके पर ही मौत हो गई। इसके अलावा बीजे मेडिकल कॉलेज के MBBS छात्र, सीनियर रेजिडेंट डॉक्टर और अन्य मेडिकल स्टाफ भी इस हादसे की चपेट में आ गए। विमान पहले जिस इमारत से टकराया, वह मेडिकल कॉलेज की मेस थी। इसके तुरंत बाद विमान हॉस्टल की इमारत से जा टकराया, जहां कई डॉक्टर और मेडिकल स्टूडेंट्स उस वक्त मौजूद थे।
पायलट का आखिरी संदेश: ‘थ्रस्ट नहीं मिल रहा’
इस पूरी घटना में सबसे अहम संकेत खुद पायलट की ओर से मिला है। टेकऑफ के कुछ सेकंड बाद पायलट ने एयर ट्रैफिक कंट्रोल को सूचना दी – “I’m not getting thrust.” इसका मतलब था कि विमान को उड़ने के लिए जरूरी ताकत नहीं मिल रही थी। पायलट ने जैसे ही इस स्थिति की जानकारी दी, विमान ने तेजी से संतुलन खोना शुरू कर दिया और फिर कुछ ही पलों में हादसा हो गया।
क्या इंजन फेल हो गया था?
कमर्शियल विमान जैसे कि बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर में दो इंजन होते हैं। अगर एक इंजन फेल भी हो जाए, तो दूसरा इंजन विमान को सुरक्षित लैंडिंग तक पहुंचा सकता है। इसलिए सिर्फ इंजन फेल होने से इतना बड़ा हादसा हो जाना थोड़ा संदिग्ध लगता है।
बर्ड हिट या कोई बाहरी टक्कर?
Bird Strike यानी पक्षी से टकराव, उड़ान के शुरुआती पलों में एक आम समस्या होती है। कई बार पक्षी इंजन में चले जाते हैं और उससे इंजन फेल हो सकता है या आग लग सकती है। लेकिन इस केस में खास बात ये रही कि विमान हवा में आग की चपेट में नहीं था। हादसे के चश्मदीदों और सीसीटीवी फुटेज से यह साफ है कि विमान जब नीचे गिरा, तभी धमाका हुआ और आग लगी। इससे बर्ड हिटिंग की संभावना थोड़ी कम मानी जा रही है, लेकिन जांच में इसे भी नजरअंदाज नहीं किया गया है।
तकनीकी खराबी की ओर इशारा करता पायलट का संदेश
जैसा कि पायलट ने थ्रस्ट न मिलने की बात कही थी, यह सीधा संकेत देता है कि विमान में कोई गंभीर टेक्निकल फॉल्ट हुआ होगा। संभव है कि फ्यूल पंप, इंजेक्शन सिस्टम, इंजन कंट्रोल मॉड्यूल या थ्रस्ट लीवर जैसी किसी तकनीकी प्रणाली में खामी आई हो। हर फ्लाइट से पहले एक तय प्रक्रिया के तहत फ्लाइट का टेक्निकल इंस्पेक्शन किया जाता है। लेकिन कुछ खामियां ऐसी होती हैं जो टेकऑफ के वक्त ही सामने आती हैं।
STALL क्या है और यह कैसे होता है?
Stall का मतलब होता है जब विमान को ऊपर उड़ने के लिए जरूरी हवा नहीं मिलती। विमान के पंख (wings) हवा को काटकर उसे ऊपर उठाते हैं। लेकिन अगर स्पीड कम हो जाए या थ्रस्ट न मिले, तो विंग्स हवा से सपोर्ट खो देते हैं और विमान अचानक नीचे गिरने लगता है।
टेकऑफ के समय विमान को करीब 300 किमी/घंटा की स्पीड चाहिए होती है। थ्रस्ट न मिलने से विमान STALL की स्थिति में जा सकता है। विशेषज्ञों के मुताबिक यह हादसा भी ऐसी ही किसी स्थिति में हुआ हो सकता है।
क्या पायलट की गलती थी?
हवाई यात्रा के दौरान सबसे अहम रोल टेकऑफ और लैंडिंग के वक्त पायलट का होता है। एक बार विमान हवा में चला जाए तो ऑटो पायलट मोड एक्टिव हो जाता है। लेकिन टेकऑफ के समय पायलट को बहुत सतर्क रहना पड़ता है। इस केस में पायलट ने समय रहते स्थिति की जानकारी दी, जिससे यह साफ है कि उसने अपनी ओर से प्रयास जरूर किया। फिर भी सवाल ये है कि क्या किसी स्तर पर इंसानी चूक भी इस हादसे की वजह बनी? यह जांच के बाद ही पता चलेगा।
इतना बड़ा धमाका क्यों हुआ? कारण है फ्यूल की मात्रा
हादसे के बाद लोगों के मन में सवाल है कि विमान तो ज्यादा ऊंचाई पर नहीं गया था, फिर भी इतना बड़ा धमाका कैसे हुआ? दरअसल, यह फ्लाइट अहमदाबाद से लंदन के लिए थी — एक लंबी दूरी की इंटरनेशनल फ्लाइट। ऐसे में विमान में एक लाख लीटर से ज्यादा फ्यूल भरा गया था।
मंत्रालय के मुताबिक, इस विमान की फ्यूल कैपेसिटी करीब 1.26 लाख लीटर है और इसमें से करीब 1 लाख लीटर फ्यूल उस वक्त मौजूद था। जब विमान बिल्डिंग से टकराया और नीचे गिरा, तो यह पूरा फ्यूल आग का गोला बन गया। इससे ना सिर्फ यात्रियों की जान गई, बल्कि बिल्डिंग में मौजूद डॉक्टर और स्टूडेंट्स भी बच नहीं सके।
हादसे के बाद की स्थिति और जांच
हादसे के तुरंत बाद मौके पर पहुंचे NDRF, फायर ब्रिगेड, मेडिकल टीम और एयरपोर्ट प्रशासन ने राहत-बचाव कार्य शुरू किया। हालांकि, आग और धुआं बचाव कार्य में सबसे बड़ी बाधा बना। गृह मंत्री अमित शाह ने हादसे पर दुख जताया और DGCA से रिपोर्ट मांगी है। फिलहाल ब्लैक बॉक्स और कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर बरामद कर लिए गए हैं, जो हादसे की असली वजह का खुलासा करेंगे।