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Air Purifier खरीदने से पहले ध्यान रखें ये बातें, वरना पैसे के साथ सेहत भी जाएगी खतरे में

Air Purifier खरीदने से पहले ध्यान रखें ये बातें, वरना पैसे के साथ सेहत भी जाएगी खतरे में

दिल्ली-एनसीआर समेत कई शहरों में वायु प्रदूषण खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है, जिससे लोग घर के अंदर भी स्वच्छ हवा के लिए एयर प्यूरीफायर खरीद रहे हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि प्यूरीफायर खरीदते समय HEPA फिल्टर, CADR रेटिंग, एयर फ्लो डिजाइन और नॉइस लेवल जैसे फीचर्स पर ध्यान देना जरूरी है, ताकि यह सही तरह से काम कर सके।

Air Purifier Features: उत्तर भारत के कई शहरों में बढ़ते प्रदूषण ने लोगों को घर के अंदर भी राहत नहीं दी है। दिल्ली-एनसीआर में AQI लगातार 400 के पार पहुंचने से सांस और आंखों की समस्याएं बढ़ गई हैं। ऐसे में लोग एयर प्यूरीफायर को एक जरूरी समाधान मान रहे हैं। हालांकि, विशेषज्ञ चेतावनी देते हैं कि केवल महंगा मॉडल खरीदना पर्याप्त नहीं है। HEPA फिल्टर, क्लीन एयर डिलिवरी रेट (CADR), एयर फ्लो डिजाइन और नॉइस लेवल जैसे फीचर्स पर ध्यान दिए बिना प्यूरीफायर खरीदना नुकसानदायक साबित हो सकता है।

HEPA फिल्टर पर दें सबसे ज्यादा ध्यान

एयर प्यूरीफायर का सबसे अहम हिस्सा उसका फिल्टर होता है। HEPA (High Efficiency Particulate Air) फिल्टर इंडस्ट्री स्टैंडर्ड माना जाता है, जो 99.95 से 99.995 प्रतिशत तक प्रदूषक कणों को रोक सकता है। इससे धूल, धुआं, परागकण और बारीक पार्टिकल्स भी फिल्टर हो जाते हैं।
खरीदारी के समय यह जरूर जांचें कि डिवाइस में असली HEPA फिल्टर हो, न कि HEPA जैसा या HEPA टाइप फिल्टर, क्योंकि ये विकल्प हवा को पूरी तरह साफ नहीं कर पाते। इसके अलावा, कुछ मॉडलों में बाल और धूल मिट्टी ट्रैप करने के लिए प्री-फिल्टर की सुविधा भी मिलती है, जो फिल्टर की लाइफ बढ़ाता है।

क्लीन एयर डिलिवरी रेट (CADR) समझें

एयर प्यूरीफायर की क्षमता CADR (Clean Air Delivery Rate) से तय होती है, जो बताता है कि मशीन एक मिनट में कितनी साफ हवा देती है। जितना ज्यादा CADR होगा, कमरे की हवा उतनी जल्दी साफ होगी।
उदाहरण के लिए, 150–200 वर्ग फीट वाले कमरे के लिए 200–250 m³/h CADR वाला प्यूरीफायर पर्याप्त रहेगा। बड़े कमरे या हॉल के लिए इससे ज्यादा रेटिंग वाला मॉडल चुनना बेहतर होता है। यह जानकारी आमतौर पर प्रोडक्ट के बॉक्स या वेबसाइट पर दी जाती है।

एयर फ्लो डिजाइन भी है अहम

अक्सर लोग कवरेज एरिया देखकर प्यूरीफायर खरीद लेते हैं, लेकिन एयर फ्लो डिजाइन को नजरअंदाज कर देते हैं। कुछ मशीनों में केवल फ्रंट-ओनली सक्शन होता है, जिससे हवा का सर्कुलेशन सीमित रहता है।
ऐसे में टॉप-टू-बॉटम या 360-डिग्री इनटेक वाला एयर प्यूरीफायर चुनना बेहतर रहता है। इससे कमरे के हर कोने तक साफ हवा पहुंचती है और फिल्ट्रेशन अधिक प्रभावी होता है।

नॉइस लेवल को भी करें चेक

प्रदूषण का असर कई हफ्तों तक रहता है, इसलिए एयर प्यूरीफायर को लंबे समय तक चलाने की जरूरत पड़ती है। ऐसे में कम शोर करने वाला मॉडल ही सही विकल्प है।
ज्यादा नॉइस लेवल वाला प्यूरीफायर नींद या रोजमर्रा की शांति में खलल डाल सकता है। इसलिए खरीदते समय मशीन के डेसिबल (dB) रेटिंग को जरूर देखें। 40 dB से कम नॉइस वाला मॉडल घरेलू इस्तेमाल के लिए आदर्श माना जाता है।

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