New Delhi: भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अजा एकादशी इस साल मंगलवार, 19 अगस्त 2025 को मनाई जाएगी। भगवान विष्णु को समर्पित यह व्रत हिंदू धर्म में अत्यंत पावन और पुण्यदायी माना जाता है। मान्यता है कि विधि-विधान से किए गए इस व्रत से भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और जीवन के कष्ट दूर होते हैं। अजा एकादशी व्रत का पारण 20 अगस्त 2025 को किया जाएगा।
हिंदू पंचांग के अनुसार, चातुर्मास के दौरान पड़ने वाली एकादशियों का विशेष महत्व होता है। धार्मिक मान्यताओं में कहा गया है कि इस दिन उपवास और भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना करने से जन्म-जन्मांतर के पाप नष्ट हो जाते हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है।
हालांकि, शास्त्रों में यह भी उल्लेख है कि यदि व्रत के दौरान कुछ नियमों का पालन न किया जाए, तो व्रत खंडित हो सकता है और उसका पूरा फल प्राप्त नहीं होता। इसलिए भक्तों को इस दिन विशेष सावधानी बरतनी चाहिए।
अजा एकादशी पर किन कार्यों से बचें
1. चावल का सेवन न करें
अजा एकादशी के दिन चावल खाना सख्त वर्जित माना गया है। चाहे व्रती हों या न हों, इस तिथि पर चावल का सेवन करने से व्रत का पुण्य नष्ट हो जाता है और शुभ फल प्राप्त नहीं होता।
2. निंदा और विवाद से बचें
इस पावन तिथि पर किसी की निंदा, आलोचना या कटु वचन बोलना वर्जित है। शास्त्रों में कहा गया है कि नकारात्मक विचार और विवाद व्रत की पवित्रता को भंग कर देते हैं और पुण्य फल नहीं मिलता।
3. तामसिक भोजन न करे
अजा एकादशी पर लहसुन, प्याज, मांसाहार और अधिक तेल-मसाले वाला भोजन वर्जित है। इस दिन व्रती को सात्विक भोजन करना चाहिए क्योंकि तामसिक आहार से व्रत खंडित हो जाता है और फल अधूरा रह जाता है।
4. तुलसी को स्पर्श न करें
एकादशी तिथि पर तुलसी माता को स्पर्श करना मना है। इस दिन तुलसी के पौधे में जल अर्पित नहीं करना चाहिए। व्रती केवल धूप और दीप चढ़ाकर ही पूजन करें, तभी व्रत का पुण्य बना रहता है।
5. बाल और नाखून न काटें
इस दिन बाल और नाखून काटना अशुभ माना गया है। धार्मिक मान्यता है कि ऐसा करने से व्रत का फल कम हो जाता है। खासकर महिलाओं को अजा एकादशी पर बाल धोने से भी बचना चाहिए।