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अमेरिकी टैरिफ विवाद पर केजरीवाल का हमला, मोदी सरकार पर लगाए गंभीर आरोप

अमेरिकी टैरिफ विवाद पर केजरीवाल का हमला, मोदी सरकार पर लगाए गंभीर आरोप

अरविंद केजरीवाल ने अमेरिकी कपास पर ड्यूटी हटाने को किसानों के साथ धोखा बताया। बोले, मोदी सरकार को अमेरिकी दबाव में नहीं झुकना चाहिए था और टैरिफ बढ़ाकर किसानों के हित की रक्षा करनी चाहिए थी।

New Delhi: दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (AAP) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने अमेरिकी कपास पर आयात शुल्क को लेकर केंद्र सरकार पर सीधा हमला बोला है। उन्होंने मोदी सरकार पर आरोप लगाया कि अमेरिका के दबाव में भारतीय किसानों के हितों की अनदेखी की गई। केजरीवाल का कहना है कि पहले अमेरिका से भारत आने वाले कपास पर 11 प्रतिशत आयात शुल्क लगाया जाता था, लेकिन मोदी सरकार ने इस ड्यूटी को हटा दिया। 

उन्होंने कहा कि यह फैसला किसानों के खिलाफ है, क्योंकि अक्टूबर में जब देश के विभिन्न राज्यों—गुजरात, पंजाब, विदर्भ और तेलंगाना—के किसान अपनी कपास की फसल मंडियों में लाएँगे, तब उन्हें सस्ते दामों पर बेचने के लिए मजबूर होना पड़ेगा। उनकी चिंता है कि सस्ते अमेरिकी कपास के आने से भारतीय किसानों की फसल का दाम गिर जाएगा और उनकी आर्थिक स्थिति पर सीधा असर पड़ेगा।

अमेरिका पर सख्त रुख न अपनाने पर सवाल

केजरीवाल ने यह भी कहा कि जब अमेरिका ने भारत पर टैरिफ लगाया, तो भारत को भी जवाब में अमेरिकी कपास पर कम से कम 50 प्रतिशत टैरिफ लगाना चाहिए था। लेकिन केंद्र सरकार ने उल्टा कदम उठाते हुए ड्यूटी खत्म कर दी। उन्होंने इसे किसानों के साथ सीधा धोखा बताया और कहा कि मोदी सरकार अमेरिकी दबाव के सामने झुक गई। उनका मानना है कि अंतरराष्ट्रीय व्यापार में सख्त रुख अपनाना जरूरी है, खासकर तब जब दूसरे देश अपने उद्योगों और किसानों की सुरक्षा के लिए टैरिफ बढ़ा रहे हैं। उन्होंने चीन का उदाहरण देते हुए कहा कि जब अमेरिका ने चीन पर 145 प्रतिशत टैरिफ लगाया, तो चीन ने 125 प्रतिशत टैरिफ लगाकर ट्रंप को झुकने पर मजबूर कर दिया। इसी तरह मेक्सिको, कनाडा और यूरोपियन यूनियन ने भी अमेरिका को कड़ा जवाब दिया, लेकिन भारत चुप रहा।

ट्रंप पर भी सीधा वार और मोदी पर सवा

केजरीवाल ने न सिर्फ केंद्र सरकार बल्कि अमेरिकी पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर भी हमला बोला। उन्होंने कहा कि ट्रंप एक कायर आदमी हैं, जो देश उनके खिलाफ डटकर खड़ा हुआ, उसे झुकना पड़ा। चीन, मेक्सिको और यूरोपीय देशों ने यह साबित कर दिया, लेकिन भारत के प्रधानमंत्री मोदी ने अमेरिकी दबाव के सामने कोई सख्त कदम नहीं उठाया। उन्होंने मोदी सरकार पर आरोप लगाया कि वह भारत की ताकत का इस्तेमाल करने से बच रही है, जबकि भारत की इतनी बड़ी जनसंख्या है कि कोई भी देश भारत के गुस्से को नजरअंदाज नहीं कर सकता।

किसानों के लिए बड़ा खतरा

भारत कपास उत्पादन में दुनिया के अग्रणी देशों में से एक है और लाखों किसान इस फसल पर निर्भर हैं। ऐसे में अमेरिकी कपास पर ड्यूटी हटने से सीधा असर भारतीय किसानों की आय पर पड़ेगा। अंतरराष्ट्रीय बाजार से सस्ता कपास आने पर देशी फसल का दाम गिरना तय है। केजरीवाल का कहना है कि मोदी सरकार को किसानों के हित में तुरंत सख्त नीति अपनानी चाहिए। आयात शुल्क बढ़ाने से न केवल किसानों को सुरक्षा मिलेगी बल्कि अंतरराष्ट्रीय व्यापार में भारत की स्थिति भी मजबूत होगी।

अब केंद्र सरकार से बड़ी उम्मीदें

कपास पर आयात शुल्क हटाने को लेकर अब सियासत गरमा गई है। विपक्ष लगातार केंद्र सरकार से सवाल पूछ रहा है कि आखिर अमेरिकी दबाव के आगे झुकने की जरूरत क्यों पड़ी। केजरीवाल का कहना है कि अगर ट्रंप 50 प्रतिशत टैरिफ लगाते हैं, तो भारत को 100 प्रतिशत टैरिफ लगाना चाहिए। यह सिर्फ व्यापार का नहीं बल्कि भारत की इज्जत और किसानों की रोज़ी-रोटी का मामला है। अब देखना यह है कि मोदी सरकार इस विवाद पर क्या रुख अपनाती है, क्योंकि किसानों के संगठनों ने पहले ही आयात शुल्क फिर से लगाने की मांग कर दी है।

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