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Maharashtra: फिर अनशन पर बैठे मनोज जरांगे, मराठा आरक्षण की मांग को लेकर शिंदे सरकार को दी चेतावनी

Maharashtra: फिर अनशन पर बैठे मनोज जरांगे, मराठा आरक्षण की मांग को लेकर शिंदे सरकार को दी चेतावनी
अंतिम अपडेट: 08-06-2024

महाराष्ट्र की शिंदे सरकार को चेतावनी देते हुए मराठा कार्यकर्ता मनोज जरांगे ने कहा कि उन्हें मराठा आरक्षण को लेकर फिर से अनिश्चितकालीन अनशन शुरू करने के लिए किसी की अनुमति की जरूरत नहीं है।

महाराष्ट्र पॉलिटी: महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण की मांग को लेकर फिर से हलचल शुरू हो गई है। मराठा कार्यकर्ता बताया जा रहा है कि शनिवार यानि 8 मई से जरांगे ने अनिश्चितकालीन अनशन शुरू कर दिया है। अनशन के दौरान उन्होंने कुनबियों को मराठा के रूप में पहचानने के लिए एक कानून बनाने की भी मांग की। साथ ही मांगे मंजूर नहीं होने पर महाराष्ट्र की सभी 288 विधानसभा सीटों पर उम्मीदवार उतारने की चेतावनी भी दी।

आज से शुरू हुआ आंदोलन

जारांगे ने subkuz.com अन्य मीडिया को संबोधित करते हुए बताया कि आज (8 जून) सुबह करीब 10:30 बजे महाराष्ट्र के जालना जिले की अंबाद तहसील में स्थित अपने गांव पैतृक अंतरवाली सरती में आंदोलन का नया दौर शुरू किया, जबकि जिला प्रशासन और इलाके के पुलिस अधिकारियों ने इस आंदोलन की अनुमति देने से इनकार कर दिया है। बताया कि जरांगे ने सीएम एकनाथ शिंदे और डिप्टी सीएम देवेंद्र फड़नवीस से मराठा आरक्षण के मुद्दे पर भी चर्चा की।

मराठो के लिए आरक्षण की मांग

मिली जानकारी के अनुसार, मराठा समुदाय के कार्यकर्त्ता जरांगे ने मराठों के लिए अन्य पिछड़ा समुदाय (OBC) टैग और राज्य सरकार द्वारा पहले जारी मसौदा अधिसूचना को लागू करने की मांग को लेकर अड़े हैं। बता दें कि कुनबी, एक कृषि प्रधान समूह, OBC कैटेगरी में ही आता है और जरांगे मांग कर रहे हैं कि सभी मराठों के लिए कुनबी प्रमाणपत्र जारी किए जाएं। जिससे वे कोटा लाभ के लिए योग्य बन सकें।

इससे पहले उन्होंने 10 से 26 फरवरी के बीच कोटा मुद्दे पर आंदोलन शुरू किया था। इसी दौरान महाराष्ट्र विधानमंडल ने सर्वसम्मति से एक अलग श्रेणी के तहत शिक्षा और सरकारी नौकरियों में मराठों के लिए 10 % आरक्षण देने के लिए विधेयक पारित किया था।

मनोज जरांगे ने किया दावा

बताया जा रह है कि मराठा समुदाय के कार्यकर्त्ता ने इसके बाद दावा किया है कि 57 लाख डाक्यूमेंट्स मिले हैं, जो यह साबित करते हैं कि मराठा और कुनबी दोनों एक ही हैं। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि एक बार मराठा आरक्षण का लक्ष्य हासिल हो जाए तो, वह धनगर और मुस्लिम समुदाय को भी आरक्षण दिलाने के लिए अभियान शुरू करेंगे। उनके इस आचरण ने लोकसभा चुनावों में स्थित प्रत्याशियों को भी प्रभावित किया है, उनका कहना है कि उनके समुदाय ने इन चुनावों (लोकसभा चुनाव) में अपनी ताकत झोंक दी है। 

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