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अयोध्या में श्रद्धा का सैलाब, प्राण प्रतिष्ठा के बाद अब तक 5.5 करोड़ भक्तों ने किए रामलला के दर्शन

अयोध्या में श्रीराम मंदिर के प्रति आस्था हर दिन एक नया कीर्तिमान रच रही है। 22 जनवरी 2024 को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद से अब तक 5.5 करोड़ से अधिक श्रद्धालु भगवान श्रीराम के दर्शन कर चुके हैं। इसमें सिर्फ आम भक्त ही नहीं, बल्कि करीब 4.5 लाख वीआईपी भी शामिल रहे हैं, जिनमें केंद्रीय मंत्री, राज्यपाल, मुख्यमंत्री, फिल्म और खेल जगत की प्रमुख हस्तियां भी शामिल हैं।

सरकारी आंकड़ों के अनुसार, देश-विदेश से श्रद्धालु अयोध्या पहुंच रहे हैं, जो बताता है कि भगवान राम के प्रति श्रद्धा सीमाओं से परे है। प्रदेश सरकार ने इसे आस्था और व्यवस्थापन का संगम बताते हुए कहा कि अयोध्या आज राष्ट्रीय नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय धार्मिक पर्यटन केंद्र के रूप में अपनी जगह बना रहा है।

दर्शन में सुगमता के लिए सीएम योगी ने दिए सख्त निर्देश

अयोध्या में दर्शन के लिए जुट रही भारी भीड़ को देखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए हैं कि हर श्रद्धालु को सुविधा, सुरक्षा और सम्मान के साथ दर्शन कराया जाए।

सरकार द्वारा जारी बयान में कहा गया है कि भीड़ प्रबंधन, सुरक्षा, पेयजल, छाया और स्वास्थ्य सेवाएं प्राथमिकता पर हैं। साथ ही यह भी सुनिश्चित किया जा रहा है कि आम श्रद्धालु और वीआईपी सभी को समान रूप से सुव्यवस्थित दर्शन अनुभव हो।

प्रशासनिक अमला पूरी तरह अलर्ट मोड पर है और खुद सरकार हर व्यवस्था की निगरानी कर रही है। योगी सरकार ने स्पष्ट किया है कि करोड़ों श्रद्धालुओं की भावनाओं का सम्मान करते हुए दर्शन में कोई असुविधा नहीं होने दी जाएगी।

राम मंदिर के साथ बदल रही अयोध्या की तस्वीर

श्रीराम की प्राण प्रतिष्ठा के बाद अयोध्या अब सिर्फ धार्मिक आस्था का नहीं, बल्कि आर्थिक और सांस्कृतिक विकास का भी केंद्र बनता जा रहा है। बढ़ती श्रद्धालु संख्या ने न सिर्फ मंदिर की महत्ता को बढ़ाया है, बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी नई रफ्तार दी है।

उत्तर प्रदेश सरकार अयोध्या को अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप विकसित करने में जुटी है। सड़क, रेल और हवाई संपर्क को सुदृढ़ किया जा रहा है ताकि देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा न हो। इसके साथ-साथ होटल, यातायात और पर्यटन सुविधाओं को भी लगातार विस्तार दिया जा रहा है।

अयोध्या सांस्कृतिक चेतना का प्रतीक

भगवान श्रीराम की जन्मभूमि पर बना यह भव्य मंदिर करोड़ों हिंदुओं की आस्था, वर्षों के संघर्ष और संतों के मार्गदर्शन का परिणाम है। राम मंदिर सिर्फ पूजा का स्थल नहीं, बल्कि भारत की सांस्कृतिक पहचान और एकता का प्रतीक बन चुका है।

आज अयोध्या हर दिन हजारों-लाखों श्रद्धालुओं की आवाजाही से जीवंत है। सरकार का लक्ष्य है कि यहां आने वाला हर भक्त भक्ति के साथ एक सुव्यवस्थित, स्वच्छ और गरिमामय अनुभव लेकर लौटे।

अयोध्या अब एक नव-निर्मित भारत की सांस्कृतिक राजधानी के रूप में उभर रही है, जहां आस्था, विकास और गौरव एक साथ दिखाई दे रहे हैं।

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