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BCCI का नया नियम: शॉर्ट रन पर नया बदलाव, स्ट्राइक का फैसला करेगा फील्डिंग कप्तान

BCCI का नया नियम: शॉर्ट रन पर नया बदलाव, स्ट्राइक का फैसला करेगा फील्डिंग कप्तान

BCCI ने घरेलू क्रिकेट में शॉर्ट रन के लिए नया नियम लागू किया है। अब अगर बल्लेबाज जानबूझकर शॉर्ट रन लेता है, तो फील्डिंग टीम का कप्तान तय करेगा कि स्ट्राइक पर कौन रहेगा। इसके साथ ही गंभीर इंजरी की स्थिति में प्लेयर को रिप्लेसमेंट देने का विकल्प भी बनाया गया है।

BCCI New Rule: भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ने घरेलू क्रिकेट में शॉर्ट रन को लेकर नया नियम पेश किया है। अब अगर कोई बल्लेबाज जानबूझकर शॉर्ट रन लेता है, तो फील्डिंग टीम का कप्तान निर्णय करेगा कि स्ट्राइक पर कौन रहेगा। यह नियम बल्लेबाजों को स्ट्राइक अपने पास रखने के लिए शॉर्ट रन लेने से रोकने के लिए बनाया गया है। साथ ही, मल्टी-डे मैचों में गंभीर इंजरी की स्थिति में प्लेयर को रिप्लेसमेंट देने का विकल्प भी शामिल किया गया है।

शॉर्ट रन क्यों बना विवाद का विषय

क्रिकेट के छोटे प्रारूपों में कभी-कभी ऐसा देखा गया है कि बल्लेबाज जानबूझकर शॉर्ट रन लेते हैं। इसका मुख्य कारण है सीनियर बल्लेबाजों का स्ट्राइक अपने पास रखना। जब टीम में कोई अनुभवी खिलाड़ी निचले क्रम के खिलाड़ियों के साथ क्रीज पर होता है, तो वह ज्यादा समय स्ट्राइक अपने पास रखना चाहता है। इस वजह से कई बार बल्लेबाज जानबूझकर पूरा रन नहीं लेते और शॉर्ट रन की स्थिति पैदा होती है।

बीते समय में टी20 और आईपीएल जैसे टूर्नामेंट में इस तरह की रणनीति अक्सर देखने को मिली। पहले से शॉर्ट रन पर नियम मौजूद थे, जिसमें अंपायर को रन अस्वीकार करने और मैच रेफरी के सामने सुनवाई का अधिकार होता था। लेकिन अब BCCI ने इसे और अधिक स्पष्ट और सख्त बना दिया है।

BCCI का शॉर्ट रन नियम: अब कप्तान तय करेगा स्ट्राइक

BCCI ने धारा 18.5.2 के तहत शॉर्ट रन को लेकर नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। 

  • अंपायर उस रन को अस्वीकार कर देगा।
  • फील्डिंग टीम को 5 अतिरिक्त रन मिलेंगे।
  • अंपायर जरूरत पड़ने पर नो-बॉल या वाइड का इशारा करेगा।

सबसे अहम बदलाव: फील्डिंग टीम का कप्तान तय करेगा कि स्ट्राइक पर कौन-सा बल्लेबाज रहेगा।

इसके बाद स्कोर को अपडेट किया जाएगा।

इस नियम का उद्देश्य स्पष्ट है: खेल में निष्पक्षता बनाए रखना और खिलाड़ियों द्वारा रणनीतिक शॉर्ट रन लेने की प्रथा को रोकना।

घरेलू क्रिकेट पर असर

विशेषज्ञों का मानना है कि यह नियम घरेलू टूर्नामेंटों जैसे रणजी ट्रॉफी, विजय हजारे ट्रॉफी और सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में महत्वपूर्ण बदलाव लाएगा। अब बल्लेबाजों को शॉर्ट रन लेने से पहले सोचना पड़ेगा, क्योंकि उनके रणनीतिक कदमों पर फील्डिंग कप्तान का अधिकार रहेगा।

टीमों की स्ट्राइक रणनीति में बदलाव आ सकता है। निचले क्रम के बल्लेबाजों के लिए यह चुनौतीपूर्ण होगा, क्योंकि अब जानबूझकर शॉर्ट रन लेने का विकल्प सीमित हो जाएगा। इससे खेल की गुणवत्ता और प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ेगी।

इंजरी रिप्लेसमेंट पर नया नियम

BCCI ने गंभीर चोटिल खिलाड़ियों के लिए इंजरी रिप्लेसमेंट की सुविधा भी शुरू की है। अब यदि कोई खिलाड़ी मैच के दौरान गंभीर रूप से घायल हो जाता है, तो उसे प्लेइंग 11 में रिप्लेसमेंट करने की अनुमति होगी।

यह नियम विशेषकर मल्टी-डे मैचों में लागू होगा। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में फिलहाल यह सुविधा केवल सिर पर लगी चोट के लिए 'Concussion Substitute' के रूप में मिलती है। BCCI ने इसे और व्यापक किया है ताकि खिलाड़ी की सुरक्षा सुनिश्चित हो और टीम की रणनीति प्रभावित न हो।

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