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बच्चे की खांसी कितने दिन में ठीक होनी चाहिए? जानें खतरे के संकेत

बच्चे की खांसी कितने दिन में ठीक होनी चाहिए? जानें खतरे के संकेत

बच्चों की सामान्य सर्दी-जुकाम और खांसी आमतौर पर 2-3 हफ्तों में ठीक हो जाती है। अगर खांसी तीन हफ्तों से लंबी हो जाए या तेज बुखार, सांस लेने में तकलीफ, सीने में घरघराहट जैसे लक्षण दिखें, तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए। समय पर देखभाल से गंभीर बीमारियों और परेशानियों से बचा जा सकता है।

Health: मौसम बदलते ही बच्चों में सर्दी, जुकाम और खांसी की समस्या बढ़ जाती है। आमतौर पर हल्की खांसी दो से तीन हफ्तों में ठीक हो जाती है, लेकिन यदि खांसी लंबी चले और तेज बुखार, सांस लेने में कठिनाई, सीने में घरघराहट या वजन घटने जैसे लक्षण दिखें, तो इसे गंभीर माना जाता है। डॉ. नीरज गुप्ता के अनुसार, समय पर डॉक्टर से जांच और उचित इलाज से निमोनिया, ब्रोंकाइटिस, अस्थमा या एलर्जिक रिएक्शन जैसी गंभीर बीमारियों से बचा जा सकता है। 

खांसी कितने दिनों में ठीक होती है

आमतौर पर बच्चों की खांसी दो से तीन हफ्तों में अपने आप ठीक हो जाती है। सर्दी और जुकाम से जुड़ी सामान्य खांसी शुरुआत में सूखी होती है और कुछ दिनों के बाद बलगमी वाली खांसी में बदल जाती है। शुरुआती एक हफ्ते में लक्षण थोड़े तेज दिखाई दे सकते हैं और धीरे-धीरे कम होने लगते हैं। यदि बच्चे की हालत सामान्य है, जैसे बुखार नहीं है, सांस लेने में दिक्कत नहीं हो रही है और खाना-पीना ठीक है, तो ज्यादातर मामलों में चिंता की जरूरत नहीं होती। आराम, हल्की डाइट और पर्याप्त पानी पीने से खांसी धीरे-धीरे कम हो जाती है।

खांसी लंबे समय तक बनी रहे तो खतरे की घंटी

बी.आर. सूर होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज, अस्पताल एवं अनुसंधान केंद्र, नई दिल्ली के प्रिंसिपल इंचार्ज डॉ. नीरज गुप्ता बताते हैं कि यदि बच्चे की खांसी तीन हफ्तों से ज्यादा समय तक बनी रहती है, तो इसे हल्के में नहीं लेना चाहिए। लम्बी खांसी कई बार निमोनिया, ब्रोंकाइटिस, अस्थमा, टीबी या एलर्जिक रिएक्शन जैसी गंभीर बीमारियों का संकेत हो सकती है।

विशेष रूप से अगर बच्चे को तेज बुखार, सांस लेने में कठिनाई, सीने में घरघराहट या वजन कम होने जैसे लक्षण दिखें, तो तुरंत डॉक्टर से जांच कराना जरूरी है। छोटे बच्चों में सांस की नलिकाएं पतली होती हैं, जिससे संक्रमण तेजी से फैल सकता है और फेफड़ों को प्रभावित कर सकता है। बार-बार खांसी होने से बच्चे की नींद, भूख और रोजमर्रा की दिनचर्या भी प्रभावित होती है। समय पर जांच और उचित इलाज से परेशानियों को टाला जा सकता है।

घर पर ध्यान रखने योग्य बातें

  • बच्चे को मौसम के अनुसार गर्म कपड़े पहनाएं।
  • धूल, धुएं और परफ्यूम जैसी चीजों से बच्चे को दूर रखें।
  • घर में नमी और सफाई का विशेष ध्यान रखें।
  • बच्चे को पर्याप्त मात्रा में तरल पदार्थ दें और हल्का, पौष्टिक खाना खिलाएं।
  • जरूरत पड़ने पर डॉक्टर की सलाह से नेबुलाइज़र या भाप का इस्तेमाल कर सकते हैं।
  • खांसी-जुकाम के दौरान बच्चे को स्कूल भेजने से बचें ताकि संक्रमण और बच्चों में न फैले।

बच्चों की इम्यूनिटी को मजबूत बनाना जरूरी

मौसम बदलते समय बच्चों की इम्यूनिटी को मजबूत रखना बेहद महत्वपूर्ण है। पर्याप्त नींद, संतुलित आहार और साफ-सफाई के नियम पालन से बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बेहतर रहती है। स्कूल में हाथ धोने और व्यक्तिगत सफाई का ध्यान रखने से भी संक्रमण की संभावना कम होती है।

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