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भारत-अफगानिस्तान के साझा बयान से पाकिस्तान की बढ़ी बेचैनी, कश्मीर को लेकर जताई कड़ी आपत्ति

भारत-अफगानिस्तान के साझा बयान से पाकिस्तान की बढ़ी बेचैनी, कश्मीर को लेकर जताई कड़ी आपत्ति

अफगान विदेश मंत्री आमिर खान मुत्ताकी के भारत समर्थक बयान से पाकिस्तान भड़क गया। संयुक्त बयान में कश्मीर का उल्लेख होने पर इस्लामाबाद ने अफगान राजदूत को तलब किया। भारत-अफगानिस्तान के मजबूत होते संबंधों से पाकिस्तान की चिंता बढ़ गई है।

World Update: अफगानिस्तान के विदेश मंत्री आमिर खान मुत्ताकी भारत की छह दिवसीय यात्रा पर हैं। नई दिल्ली पहुंचने के बाद उनके बयान ने पाकिस्तान की राजनीति में हलचल मचा दी है। दरअसल, मुत्ताकी ने भारत के साथ साझा बयान में ऐसे शब्द कहे जो सीधे तौर पर जम्मू-कश्मीर से जुड़े थे। इस पर पाकिस्तान ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है और अफगानिस्तान के राजदूत को तलब कर अपनी नाराजगी जाहिर की है।

पाकिस्तान की आपत्ति पर मचा कूटनीतिक विवाद

पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने शनिवार को इस्लामाबाद में अफगान राजदूत को बुलाकर भारत-अफगानिस्तान के संयुक्त बयान पर कड़ा विरोध दर्ज कराया। पाकिस्तान के विदेश कार्यालय के मुताबिक, अतिरिक्त विदेश सचिव (West Asia and Afghanistan) ने अफगान राजदूत को बताया कि संयुक्त बयान में जम्मू-कश्मीर को भारत का हिस्सा बताना संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) के प्रस्तावों का उल्लंघन है। पाकिस्तान का कहना है कि कश्मीर एक विवादित क्षेत्र है और इस तरह के बयान से उसकी संप्रभुता (sovereignty) पर सवाल उठते हैं।

अफगानिस्तान ने पहलगाम हमले की की निंदा

भारत और अफगानिस्तान के बीच जारी संयुक्त बयान में अप्रैल महीने में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले की निंदा की गई है। अफगानिस्तान ने इस हमले को लेकर भारत की जनता और सरकार के प्रति संवेदना और एकजुटता (solidarity) व्यक्त की है। दोनों देशों ने अपने बयान में क्षेत्रीय देशों से आने वाले सभी आतंकी कृत्यों की आलोचना करते हुए कहा कि क्षेत्र में शांति, स्थिरता और आपसी विश्वास (mutual trust) को बढ़ावा देना बेहद जरूरी है।

भारत-अफगानिस्तान संबंधों पर हुई चर्चा

अफगान विदेश मंत्री आमिर खान मुत्ताकी की यह यात्रा कई मायनों में अहम है क्योंकि यह 2021 में तालिबान के सत्ता में आने के बाद किसी वरिष्ठ अफगान नेता की पहली आधिकारिक भारत यात्रा है। मुत्ताकी को संयुक्त राष्ट्र की यात्रा प्रतिबंध सूची से अस्थायी छूट दी गई है। नई दिल्ली में विदेश मंत्री एस. जयशंकर से उनकी मुलाकात हुई, जिसमें द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने, व्यापार, स्वास्थ्य सुविधाओं और क्षेत्रीय स्थिरता पर विस्तृत चर्चा हुई। भारतीय विदेश मंत्रालय ने इसे क्षेत्रीय शांति के लिए सकारात्मक कदम बताया है।

पाकिस्तान की बढ़ी बेचैनी

भारत और अफगानिस्तान के इस साझा रुख से पाकिस्तान की चिंता बढ़ गई है। अफगानिस्तान का भारत के प्रति यह समर्थन इस्लामाबाद के लिए कूटनीतिक झटका माना जा रहा है। पाकिस्तान को डर है कि अफगानिस्तान की विदेश नीति अब स्वतंत्र रूप से काम कर रही है और वह भारत को एक भरोसेमंद साझेदार के रूप में देख रहा है।

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