यूक्रेन के मिसाइल और ड्रोन हमलों के बाद रूस को ईंधन संकट का सामना करना पड़ रहा है। जेलेंस्की के अनुसार रूस ने गैसोलीन आपूर्ति का 20% खो दिया और विदेशी आयात बढ़ाना पड़ा।
कीव। यूक्रेन और रूस के बीच जारी संघर्ष के बीच, यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की ने हाल ही में एक बड़ा दावा किया है। उनके अनुसार, यूक्रेन द्वारा किए गए ताजा मिसाइल और ड्रोन हमलों के बाद रूस ने अपनी गैसोलीन आपूर्ति का लगभग 20 प्रतिशत खो दिया है। जेलेंस्की ने यह भी कहा कि नए हथियारों और रणनीतिक हमलों के कारण रूस को ईंधन और गैस की कमी का सामना करना पड़ रहा है।
रूस की आपूर्ति श्रृंखला पर असर
जेलेंस्की ने बताया कि यूक्रेन ने हाल के हमलों में रूस के तेल भंडारण केंद्रों और गैस डिपो को निशाना बनाया। इन हमलों का सीधा असर रूस की आपूर्ति श्रृंखला पर पड़ा है। राष्ट्रपति ने कहा कि पूर्वी दोनेत्स्क क्षेत्र में रूस की कब्जा योजना यूक्रेन के जवाबी हमलों से विफल हो गई है। उन्होंने बताया कि यूक्रेनी मिसाइलों ने दर्जनों रूसी सैन्य ठिकानों को नष्ट किया है।
विशेष रूप से जेलेंस्की ने ‘रूटा’ नामक मिसाइल ड्रोन का जिक्र किया, जिसने 250 किलोमीटर दूर स्थित रूसी तेल सुविधा पर हमला किया। उन्होंने इस हमले को “नए हथियार की बड़ी सफलता” बताया और इसे यूक्रेन की रणनीति में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि बताया।
यूक्रेन के जवाबी हमले
जेलेंस्की ने कहा कि यूक्रेनी जवाबी हमले प्रभावी साबित हो रहे हैं। उन्होंने बताया कि रूस में ईंधन की कमी और विदेशी आयात में वृद्धि यह दर्शाती है कि हमले सफल रहे हैं। जेलेंस्की ने प्रेसवार्ता में कहा कि रूस अब गैसोलीन आयात करने को मजबूर है, जो उनके लिए चिंता का संकेत है।
यूक्रेनी खुफिया रिपोर्ट के अनुसार, रूस ने बेलारूस से गैस का आयात छह गुना बढ़ा दिया है और इस पर लगने वाला शुल्क हटा दिया गया है। इसके अलावा, रूस चीन से भी ईंधन आयात कर रहा है। यह कदम रूस की घरेलू ऊर्जा संकट को दिखाता है और यूक्रेन की रणनीति की प्रभावशीलता को प्रमाणित करता है।
यूक्रेन के नए हथियार
जेलेंस्की ने कहा कि यूक्रेन ने हाल ही में लंबी दूरी की मिसाइलों और ड्रोन विकसित किए हैं, जो रणनीतिक लक्ष्यों पर सटीक हमले कर सकते हैं। इन नए हथियारों की मदद से यूक्रेन ने रूसी तेल और गैस सुविधाओं को निशाना बनाकर रूस की आपूर्ति श्रृंखला को बाधित किया है।
उनके अनुसार, इन हमलों ने न केवल रूस के ईंधन भंडारण और वितरण नेटवर्क को कमजोर किया है, बल्कि रूस की सैन्य योजना पर भी प्रभाव डाला है। यूक्रेन के ड्रोन और मिसाइलों ने रूसी सैनिकों और सैन्य ठिकानों को नुकसान पहुंचाया, जिससे उनकी सैन्य रणनीति प्रभावित हुई।