भारत का सबसे एडवांस लड़ाकू ड्रोन रुस्तम-2, जिसे Tapas-BH 201 भी कहा जाता है, दुश्मन देशों के लिए बड़ी चुनौती बन चुका है। 35,000 फीट तक उड़ान भरने और 24 घंटे से ज्यादा निगरानी रखने की क्षमता वाला यह ड्रोन हथियारों से लैस होकर सीधे वार करने में सक्षम है। इसकी तकनीक चीन और पाकिस्तान जैसे पड़ोसी देशों को सतर्क रहने पर मजबूर करती है।
Drone Rustom-2: रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने भारतीय सेना के साथ मिलकर इस एडवांस कॉम्बैट ड्रोन को विकसित किया है। मीडियम अल्टीट्यूड लॉन्ग एंड्योरेंस (MALE) श्रेणी का यह ड्रोन गुजरात के परीक्षण स्थलों पर सफल उड़ान भर चुका है और अब इसे सीमाओं पर तैनाती के लिए तैयार किया जा रहा है। इसकी खासियत यह है कि यह न केवल निगरानी करता है बल्कि प्रिसिजन-गाइडेड बम और मिसाइलों से दुश्मन के ठिकानों को भी निशाना बना सकता है। यही वजह है कि भारत की ड्रोन क्षमता को लेकर पड़ोसी देशों में चिंता बढ़ गई है।
लंबी उड़ान और घातक मारक क्षमता
भारत ने ड्रोन टेक्नोलॉजी में बड़ी छलांग लगाई है और इसमें सबसे ज्यादा चर्चा "रुस्तम-2" या Tapas-BH 201 की हो रही है। यह मीडियम अल्टीट्यूड लॉन्ग एंड्योरेंस (MALE) श्रेणी का ड्रोन है जो 35,000 फीट तक उड़ान भर सकता है और लगातार 24 घंटे से अधिक समय तक निगरानी रख सकता है। इसकी खासियत यह है कि यह न सिर्फ दुश्मन की गतिविधियों पर नज़र रखता है बल्कि हथियारों से लैस होकर सीधे हमला भी कर सकता है। यही वजह है कि इसे भारत का सबसे खतरनाक ड्रोन माना जाता है।
इसकी तकनीक इसे और भी खास बनाती है। रुस्तम-2 में हाई-रेजोल्यूशन इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल सेंसर और इंफ्रारेड कैमरे लगे हैं, जो हर मौसम और दिन-रात में काम करते हैं। इससे यह सीमा पर दुश्मन की गतिविधियों की सटीक जानकारी देता है और भारतीय सेना को तुरंत रणनीतिक बढ़त दिलाता है।
दुश्मन के ठिकानों पर सीधा वार
रुस्तम-2 को प्रिसिजन-गाइडेड बम और मिसाइल से लैस किया जा सकता है। इसका मतलब है कि यह ड्रोन बिना पायलट की जान जोखिम में डाले दुश्मन के ठिकानों को निशाना बना सकता है। भारत की यह क्षमता चीन और पाकिस्तान जैसे पड़ोसी देशों के लिए चिंता का विषय है।
इस ड्रोन के इस्तेमाल से भारतीय सेना को सीमा पर लगातार निगरानी रखने और ज़रूरत पड़ने पर तुरंत कार्रवाई करने में आसानी होती है। इसकी वजह से दुश्मन देशों को हमेशा सतर्क रहना पड़ता है और उनकी सैन्य गतिविधियों पर दबाव बना रहता है।
भारत का भविष्य
भारत केवल रुस्तम-2 तक सीमित नहीं है। आने वाले समय में "Ghatak Stealth UCAV" जैसे और भी एडवांस लड़ाकू ड्रोन तैयार किए जा रहे हैं। इन ड्रोन में स्टेल्थ तकनीक का इस्तेमाल होगा, जिससे रडार इन्हें पकड़ नहीं पाएंगे।
अगर यह प्रोजेक्ट सफल होता है तो भारत ड्रोन युद्धक तकनीक में दुनिया की बड़ी ताकतों में शामिल हो जाएगा। इससे भारतीय रक्षा प्रणाली और भी मजबूत होगी और दुश्मन देशों के लिए चुनौती कई गुना बढ़ जाएगी।