भारत द्वारा पाकिस्तान से आने वाले हिमालयन पिंक सॉल्ट यानी सेंधा नमक के आयात पर प्रतिबंध लगाने का सीधा असर पाकिस्तान के व्यापारिक समुदाय पर पड़ा है।
Pakistan Salt: भारत और पाकिस्तान के बीच व्यापारिक रिश्तों में आई ताज़ा तल्खी का सबसे बड़ा असर अब पाकिस्तान के सेंधा नमक व्यापार पर दिखने लगा है। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के साथ सभी तरह के व्यापारिक संबंध खत्म करने का फैसला किया। इसका सीधा असर पाकिस्तान के उस व्यापार पर पड़ा है जो वर्षों से भारत के भरोसे चल रहा था, और उसमें प्रमुख है सेंधा नमक का निर्यात।
खेवड़ा की खदानें और पाकिस्तान का नमक साम्राज्य
पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में स्थित खेवड़ा खदानें दुनिया की सबसे पुरानी और सबसे बड़ी सेंधा नमक खदानों में गिनी जाती हैं। यहां हर साल लाखों टन सेंधा नमक निकाला जाता है और विभिन्न देशों में निर्यात किया जाता है। इस क्षेत्र में 30 से अधिक नमक प्रोसेसिंग यूनिट्स हैं, जिनमें हजारों लोगों को रोजगार मिला हुआ है।
2024 में पाकिस्तान ने कुल 3.5 लाख टन सेंधा नमक का निर्यात किया, जिसकी अनुमानित कीमत 12 करोड़ डॉलर थी। इसमें सबसे बड़ा हिस्सा भारत को भेजा गया नमक था। लेकिन अप्रैल 2025 के आतंकी हमले के बाद भारत सरकार ने पाकिस्तान के साथ सभी तरह का व्यापार प्रतिबंधित कर दिया। इसके तहत सेंधा नमक के आयात पर भी बैन लगा दिया गया।
खुदरा बाजार में झटके, भारत में भी कीमतों पर असर
भारत में सेंधा नमक खासकर व्रत, पूजा और पारंपरिक उपचारों में बड़े पैमाने पर इस्तेमाल होता है। आयात पर प्रतिबंध लगने के बाद इसका असर खुदरा बाजार पर साफ दिखा है। पहले जो नमक 45 से 50 रुपये प्रति किलो मिल जाता था, अब वह 70 से 80 रुपये तक पहुंच गया है।
हालांकि भारत के कारोबारी अब देश में ही इसके विकल्पों को विकसित कर रहे हैं, जिससे आयात पर निर्भरता कम हो सके। इसके साथ ही भारतीय सरकार घरेलू नमक उद्योग को प्रोत्साहित करने के लिए नई नीतियों पर भी काम कर रही है।
पाकिस्तान के व्यापारियों की टूटी कमर
भारत के व्यापार पर निर्भर पाकिस्तान के नमक कारोबारियों की स्थिति अब डांवाडोल हो चुकी है। खेवड़ा के व्यवसायियों का कहना है कि भारत जैसे स्थायी और भरोसेमंद खरीदार के बिना उत्पादन और निर्यात दोनों पर असर पड़ा है।
गनी इंटरनेशनल के सीनियर डायरेक्टर मंसूर अहमद ने बताया कि भारत के साथ व्यापार बंद होने के बाद भारी स्टॉक जमा हो गया है और नए ग्राहक तलाशने में दिक्कत हो रही है। बड़ी प्रोसेसिंग यूनिट्स को उत्पादन कम करना पड़ा है और कई जगह मजदूरों की छंटनी शुरू हो चुकी है।
चीन बना नया ग्राहक, लेकिन व्यापार अस्थायी
कुछ राहत की खबर जरूर आई जब पाकिस्तान ने पहली तिमाही में चीन को 136.4 करोड़ किलो सेंधा नमक निर्यात किया। इसकी कुल कीमत करीब 18.3 लाख डॉलर आंकी गई है।
हालांकि जानकारों का मानना है कि चीन से मिला यह ऑर्डर स्थायी नहीं है। चीन स्वयं एक बड़ा नमक उत्पादक देश है और उसकी घरेलू मांग सीमित है। इसलिए वह लंबे समय तक पाकिस्तान से नमक मंगवाएगा, इसकी संभावना कम है।
इत्तेफाक कंपनीज के CEO शहजाद जावेद ने दावा किया कि चीन के ऑर्डर में वृद्धि जरूर हुई है, लेकिन मुनाफा भारत जितना नहीं हो पा रहा है। साथ ही लॉजिस्टिक और टैक्स स्ट्रक्चर की जटिलताएं भी व्यापार में अड़चन बनी हुई हैं।
दुनिया के अन्य बाजारों की राह भी मुश्किल
पाकिस्तान ने अब अमेरिका, वियतनाम, मलेशिया, ऑस्ट्रेलिया, तुर्किये, इटली, ब्रिटेन, जापान और रूस जैसे देशों में सेंधा नमक का निर्यात बढ़ाने की योजना बनाई है। लेकिन यह काम इतना आसान नहीं है।
हर देश के आयात नियम अलग हैं, टैक्स स्ट्रक्चर और गुणवत्ता मानकों में कड़े प्रावधान हैं। कई देशों में पहले से अन्य देशों के सप्लायर्स मौजूद हैं, जिनके सामने पाकिस्तान को जगह बनाना मुश्किल हो रहा है।
कारोबारी घाटे में, यूनिट्स पर लटक रहा ताला
पाकिस्तान नमक विनिर्माता संघ की अध्यक्ष साइमा अख्तर ने बताया कि भारत के बाजार को खोना एक बड़ा झटका है। भारत की बड़ी जनसंख्या, धार्मिक त्योहारों में नमक की मांग और खरीदारों की निरंतरता ने कारोबार को स्थिर आय का स्रोत बना दिया था।
अब स्थिति यह है कि खेवड़ा की कई यूनिट्स बंद होने की कगार पर हैं। छोटे कारोबारी कर्ज में डूब रहे हैं और सैकड़ों मजदूरों की रोजी-रोटी पर संकट मंडरा रहा है।
पाकिस्तान सरकार से नहीं मिल रहा सहयोग
बढ़ती आर्थिक चुनौतियों के बीच पाकिस्तान सरकार की तरफ से अब तक कोई ठोस राहत योजना सामने नहीं आई है। नमक कारोबार से जुड़े लोगों की मांग है कि सरकार सब्सिडी, टैक्स छूट और नए बाजार खोजने के लिए सहायता दे।
साथ ही वह अंतरराष्ट्रीय ट्रेड फेयर और डिप्लोमैटिक चैनल्स के माध्यम से नए ग्राहक देशों से संपर्क करे। लेकिन राजनीतिक अस्थिरता और सीमित संसाधनों के कारण यह संभव होता नहीं दिख रहा।
भारत के लिए आत्मनिर्भरता का अवसर
भारत में इस निर्णय को 'आत्मनिर्भर भारत' अभियान से जोड़कर देखा जा रहा है। विशेषज्ञ मानते हैं कि भारत अब घरेलू सेंधा नमक के उत्पादन को बढ़ावा देकर इस सेक्टर को मजबूत बना सकता है। राजस्थान, गुजरात और उत्तराखंड जैसे राज्यों में पहले से ही सेंधा नमक के स्रोत हैं जिन्हें बढ़ाने की जरूरत है।