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भारत-सिंगापुर डील! रक्षा और सेमीकंडक्टर सहयोग पर किए पांच अहम समझौते, व्यापार को मिलेगा बढ़ावा

भारत-सिंगापुर डील! रक्षा और सेमीकंडक्टर सहयोग पर किए पांच अहम समझौते, व्यापार को मिलेगा बढ़ावा

भारत और सिंगापुर ने व्यापार, निवेश, रक्षा, सेमीकंडक्टर (semiconductor), डिजिटल परिसंपत्ति (digital asset) और अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी में सहयोग बढ़ाने पर पांच समझौते किए। यह डील द्विपक्षीय संबंधों और आर्थिक वृद्धि के लिए अहम है।

नई दिल्ली। सिंगापुर के प्रधानमंत्री लॉरेंस वोंग तीन दिनों के भारत दौरे पर आए हैं और इस दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से महत्वपूर्ण बैठक की। इस बैठक में दोनों नेताओं ने व्यापार, निवेश, रक्षा, डिजिटल तकनीक और अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी जैसे कई क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर चर्चा की। सचिव (पूर्व) पी. कुमारन ने बताया कि बैठक का मुख्य उद्देश्य द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करना और आपूर्ति श्रृंखलाओं में विविधता लाना था।

सिंगापुर के प्रधानमंत्री लॉरेंस वोंग और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मुलाकात को दोनों देशों के बीच मजबूत सहयोग की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। बैठक के दौरान चर्चा का मुख्य फोकस सेमीकंडक्टर (semiconductor) इकोसिस्टम, हरित और डिजिटल शिपिंग कॉरिडोर, डिजिटल परिसंपत्ति नवाचार और अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी पर रहा।

व्यापार और निवेश में विस्तार

बैठक में दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय व्यापार में निरंतर वृद्धि पर संतोष जताया। उन्होंने बताया कि 2004-05 में भारत-सिंगापुर का व्यापार लगभग 6.7 बिलियन डॉलर था, जो 2024-25 में बढ़कर 35 बिलियन डॉलर हो गया है। दोनों पक्ष इस बात पर सहमत हुए कि व्यापार और निवेश संबंधों को और अधिक मजबूत बनाने के लिए सीईसीए (CECA) और आसियान-भारत व्यापार समझौतों की समीक्षा की जाए।

प्रधानमंत्री मोदी और लॉरेंस वोंग ने भारत और सिंगापुर के बीच निवेश प्रवाह को बढ़ाने पर भी जोर दिया। इसमें तकनीकी साझेदारी, कौशल विकास और अनुसंधान एवं विकास (R&D) को प्रमुख प्राथमिकता दी गई।

सेमीकंडक्टर (Semiconductor) सहयोग

पी. कुमारन ने बताया कि पिछले साल प्रधानमंत्री मोदी की सिंगापुर यात्रा के दौरान भारत-सिंगापुर के बीच सेमीकंडक्टर इकोसिस्टम साझेदारी पर एमओयू (MOU) हुआ था। इसके तहत दोनों देशों ने भारत में सेमीकंडक्टर इकोसिस्टम को बढ़ावा देने, निवेश और व्यापार को प्रोत्साहित करने, कौशल विकास और अनुसंधान पर सहयोग करने का निर्णय लिया।

यह साझेदारी आने वाले वर्षों में तकनीकी नवाचार (innovation) और औद्योगिक विकास के लिए महत्वपूर्ण साबित होगी। दोनों देश इस सहयोग से उच्च गुणवत्ता वाले सेमीकंडक्टर उत्पाद और तकनीकी प्रशिक्षण को सुनिश्चित करेंगे।

रक्षा सहयोग (Defense Cooperation) को मजबूती

बैठक में रक्षा सहयोग को द्विपक्षीय साझेदारी का अहम क्षेत्र माना गया। दोनों देशों की सेनाओं के बीच आदान-प्रदान और प्रशिक्षण कार्यक्रमों को बढ़ावा देने पर सहमति हुई। इसके अलावा रक्षा प्रौद्योगिकी में सहयोग और शोध को भी प्राथमिकता दी गई।

प्रधानमंत्री मोदी और वोंग ने भारत-सिंगापुर के बीच सांस्कृतिक और लोगों के बीच संबंधों को मजबूत बनाने पर भी चर्चा की। यह कदम दोनों देशों के सामरिक और सामाजिक संबंधों को नई दिशा देगा।

हरित और डिजिटल शिपिंग कॉरिडोर

बैठक में हरित और डिजिटल शिपिंग कॉरिडोर पर समझौता किया गया। इसका उद्देश्य शून्य-उत्सर्जन (zero-emission) ईंधन आपूर्ति श्रृंखलाओं को सुगम बनाना और समुद्री उद्योगों को अधिक टिकाऊ बनाना है। इसके तहत भारत और सिंगापुर समुद्री परिवहन में हरित तकनीक और डिजिटल समाधानों को बढ़ावा देंगे।

डिजिटल परिसंपत्ति (Digital Asset) नवाचार

सचिव पी. कुमारन ने बताया कि दोनों नेताओं ने डिजिटल परिसंपत्ति नवाचार में सहयोग के लिए भी एमओयू (MOU) पर हस्ताक्षर किए। इसमें केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा (CBDC) सहित डिजिटल क्षेत्र में सहयोग को बढ़ावा देने की दिशा में काम होगा। इस समझौते से वित्तीय लेन-देन और डिजिटल भुगतान प्रणालियों में नई तकनीकें लागू होंगी।

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