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भारतीय एस्ट्रोनॉट शुभांशु शुक्ला, Elon Musk की SpaceX से अंतरिक्ष में उड़ान भरेंगे, 19 जून को होगा Axiom-4 मिशन लॉन्च

भारतीय एस्ट्रोनॉट शुभांशु शुक्ला, Elon Musk की SpaceX से अंतरिक्ष में उड़ान भरेंगे, 19 जून को होगा Axiom-4 मिशन लॉन्च

भारतीय एस्ट्रोनॉट शुभांशु शुक्ला 19 जून को SpaceX के Axiom-4 मिशन से अंतरिक्ष यात्रा पर जाएंगे। वह पहले भारतीय स्पेसक्राफ्ट पायलट होंगे, जो ISS पर वैज्ञानिक रिसर्च करेंगे।

भारत के लिए अंतरिक्ष की दुनिया में एक और गौरवशाली अध्याय जुड़ने जा रहा है। भारतीय एस्ट्रोनॉट शुभांशु शुक्ला अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक बड़े मिशन का हिस्सा बनने जा रहे हैं। अमेरिकी कंपनी Axiom Space और Elon Musk की SpaceX द्वारा संचालित Axiom-4 मिशन अब 19 जून 2025 को लॉन्च किया जाएगा।

इस ऐतिहासिक मिशन में शुभांशु के साथ अमेरिका, पोलैंड और हंगरी के अनुभवी अंतरिक्ष यात्री भी शामिल हैं। खास बात यह है कि यह मिशन भारत के पहले अंतरिक्ष यात्री राकेश शर्मा के बाद पहली बार किसी भारतीय को अंतरराष्ट्रीय क्रू मिशन में शामिल करता है – और वह भी बतौर पायलट।

क्या खास है Axiom-4 मिशन में?

Axiom-4 एक प्राइवेट क्रू मिशन है, जो अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) तक जाएगा। यह पूरी तरह से कमर्शियल मिशन है, लेकिन इसमें सरकारी सहयोग भी शामिल है। मिशन के तहत अंतरिक्ष यात्री वहां पर विज्ञान, टेक्नोलॉजी और मेडिकल साइंस से जुड़ी रिसर्च करेंगे।

यह मिशन भारत, पोलैंड और हंगरी जैसे देशों के लिए खास है, क्योंकि पिछले 40 वर्षों में पहली बार अमेरिका ने इन देशों के एस्ट्रोनॉट्स को अपनी कमर्शियल फ्लाइट में भेजने की अनुमति दी है।

लॉन्च में देरी क्यों हुई?

यह मिशन पहले 29 मई 2025 को लॉन्च किया जाना था। लेकिन तकनीकी कारणों से इसे 8 जून, फिर 10 जून और फिर 11 जून को टालना पड़ा। SpaceX ने जानकारी दी कि उनके Falcon-9 रॉकेट में लिक्विड ऑक्सीजन (LOx) लीक हो रहा था, जिसे एक गंभीर तकनीकी समस्या माना गया।

ISRO प्रमुख वी नारायणन ने भी पुष्टि की थी कि रॉकेट के प्रोपल्शन बे में लीक के कारण सुरक्षा को देखते हुए उड़ान को रोका गया था। अंततः SpaceX और Axiom के इंजीनियरों ने मिलकर इस समस्या को हल कर दिया है और अब 19 जून को यह मिशन उड़ान भरेगा।

भारतीय एस्ट्रोनॉट शुभांशु शुक्ला कौन हैं?

शुभांशु शुक्ला एक प्रोफेशनल टेस्ट पायलट और भारतीय वायुसेना के पूर्व अधिकारी हैं। उन्होंने अत्याधुनिक विमानों की टेस्टिंग की है और लंबे समय से अंतरिक्ष अभियानों के लिए ट्रेनिंग ले रहे थे। इस मिशन के साथ वह न केवल अंतरिक्ष में जाने वाले भारत के दूसरे नागरिक बनेंगे, बल्कि पहले ऐसे भारतीय होंगे जो एक स्पेसक्राफ्ट को उड़ाने की जिम्मेदारी निभाएंगे।

उनकी भूमिका तकनीकी रूप से बेहद अहम मानी जा रही है क्योंकि वह क्रू ड्रैगन कैप्सूल की नेविगेशन और ऑपरेशंस में अहम भूमिका निभाएंगे।

Axiom-4 मिशन में कौन-कौन शामिल हैं?

इस मिशन में चार देशों के अंतरिक्ष यात्री शामिल हैं:

  • 🇮🇳 Shubhanshu Shukla (भारत) – मिशन पायलट
  • 🇺🇸 Peggy Whitson (अमेरिका) – मिशन कमांडर
  • 🇵🇱 Slawosz Uznanski Wisniewski (पोलैंड) – मिशन स्पेशलिस्ट
  • 🇭🇺 Tibor Kapu (हंगरी) – मिशन स्पेशलिस्ट

इस टीम के साथ एक विशेष ‘Joy’ नामक स्वैन शेप का सॉफ्ट टॉय भी भेजा जाएगा, जो शून्य गुरुत्वाकर्षण की स्थिति का संकेतक होगा।

SpaceX और Axiom Space की साझेदारी

Axiom Space अमेरिका की एक स्पेस इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी है, जो प्राइवेट मिशन और भविष्य के स्पेस स्टेशन पर काम कर रही है। इस कंपनी ने Elon Musk की SpaceX के साथ मिलकर इस मिशन को डिजाइन किया है। Falcon-9 रॉकेट और Crew Dragon कैप्सूल के जरिए यह क्रू उड़ान भरेगा।

Peggy Whitson, जो NASA की सबसे अनुभवी महिला अंतरिक्ष यात्री हैं, इस मिशन की कमांडर होंगी। वह इससे पहले तीन बार अंतरिक्ष की यात्रा कर चुकी हैं।

भारत के लिए क्यों है यह मिशन ऐतिहासिक?

  • शुभांशु शुक्ला बनेंगे भारत के पहले स्पेसक्राफ्ट पायलट
  • यह पहला मौका है जब कोई भारतीय Axiom और SpaceX के क्रू मिशन का हिस्सा बना है
  • मिशन से भारत की अंतरिक्ष साझेदारी और तकनीकी पहचान को नया विस्तार मिलेगा
  • युवा वैज्ञानिकों और एस्ट्रोनॉट्स के लिए यह एक नई प्रेरणा बनेगा

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