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भारतीय सेना ने USBRL पर पहला फ्रेट ट्रेन अभियान शुरू किया, कश्मीर से सेब की आपूर्ति बढ़ी

भारतीय सेना ने USBRL पर पहला फ्रेट ट्रेन अभियान शुरू किया, कश्मीर से सेब की आपूर्ति बढ़ी

भारतीय सेना ने जम्मू-कश्मीर में USBRL पर अपनी पहली समर्पित फ्रेट ट्रेन शुरू की है। यह कदम सर्दियों में भंडारण क्षमता बढ़ाने और नागरिक-सैनिक सहयोग को मजबूत करने के लिए उठाया गया है। वापसी यात्रा में कश्मीरी सेब पूरे भारत में बाजारों तक पहुंचेंगे।

Jammu Kashmir News: भारतीय सेना ने 12-13 सितंबर 2025 को जम्मू-कश्मीर के बानीहाल ड्राई पोर्ट से अनंतनाग तक अपनी पहली समर्पित फ्रेट ट्रेन शुरू की। इस पहल का उद्देश्य सर्दियों में भंडारण क्षमता बढ़ाना और नागरिक-सैनिक सहयोग को मजबूत करना है। ट्रेन की वापसी यात्रा में कश्मीरी सेब पूरे देश में बाजारों तक पहुंचेंगे।

भारतीय सेना की रणनीतिक फ्रेट ट्रेन की शुरुआत

भारतीय सेना ने जम्मू-कश्मीर में USBRL (Udhampur–Srinagar–Baramulla Rail Link) के माध्यम से अपनी पहली समर्पित फ्रेट ट्रेन शुरू की, जिसमें 753 मीट्रिक टन एडवांस विंटर स्टॉकिंग (AWS) सामग्री लदी गई। यह कदम सेना की सर्दियों में तैयारियों और हिमालयी इलाके में संचालन क्षमता बढ़ाने की रणनीति में महत्वपूर्ण बदलाव को दर्शाता है।

सेना की इस पहल से जम्मू-कश्मीर में तैनात सभी यूनिट्स और फॉर्मेशन के लिए आवश्यक आपूर्ति सुगमता से पहुंचाई जा सकेगी। इससे ऑपरेशनल रेडीनेस और क्षमता विकास में मदद मिलेगी और क्षेत्रीय सुरक्षा में मजबूती आएगी।

Dual-use लॉजिस्टिक्स से सेना और नागरिक दोनों को फायदा

इस फ्रेट ट्रेन की वापसी यात्रा में कश्मीरी सेब पूरे भारत में बाजारों तक पहुंचाए जाएंगे। इस पहल से सेना की सर्दियों की तैयारियां मजबूत होंगी और स्थानीय किसानों को आर्थिक राहत तथा जीविकोपार्जन सुरक्षा भी मिलेगी।

पहले सड़क अवरोध और भूस्खलन के कारण किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ता था। अब रेलवे के माध्यम से फलों का परिवहन सुचारू रूप से संभव हुआ है, जिससे कश्मीर के किसानों और व्यापारियों को फायदा मिल रहा है।

कश्मीर में सामाजिक-आर्थिक विकास में सेना की भागीदारी

भारतीय सेना ने रेल अवसंरचना का dual-use करके सेना और नागरिक दोनों उद्देश्यों को पूरा किया। इस पहल से क्षेत्रीय कनेक्टिविटी, लचीलापन और समृद्धि बढ़ी है।

सेना का यह कदम सुरक्षा तक सीमित नहीं रहकर कश्मीर में सामाजिक-आर्थिक विकास को भी मजबूती देता है। यह स्पष्ट करता है कि भारतीय सेना राष्ट्रनिर्माण और स्थानीय समुदायों के जीवन में सक्रिय योगदान कर रही है।

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