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अजीत डोभाल का बड़ा बयान: '2013 के बाद भारत में नहीं हुआ कोई बड़ा आतंकी हमला'

अजीत डोभाल का बड़ा बयान: '2013 के बाद भारत में नहीं हुआ कोई बड़ा आतंकी हमला'

राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल ने एक महत्वपूर्ण बयान देते हुए कहा है कि भारत में अब आतंकवाद पर प्रभावी नियंत्रण हासिल कर लिया गया है। उन्होंने बताया कि देश में आखिरी बड़ी आतंकी घटना, जो जम्मू-कश्मीर के बाहर हुई थी, वह साल 2013 में हुई थी।

नई दिल्ली: भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल ने देश की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर एक बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि भारत ने आतंकवाद पर प्रभावी नियंत्रण हासिल कर लिया है और जम्मू-कश्मीर को छोड़कर देश के किसी भी हिस्से में 2013 के बाद कोई बड़ी आतंकी घटना नहीं हुई है।

डोभाल ने यह बयान सरदार पटेल स्मारक व्याख्यान में दिया, जहां उन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षा और आतंकी चुनौतियों पर विस्तृत रूप से चर्चा की। उन्होंने कहा कि भारत ने बीते एक दशक में आंतरिक सुरक्षा को मजबूत करने और आतंकवादी नेटवर्क को समाप्त करने में ऐतिहासिक सफलता पाई है।

भारत ने आतंकवाद पर काबू पाया — डोभाल

एनएसए अजीत डोभाल ने अपने संबोधन में कहा, तथ्य यह हैं कि भारत में आतंकवाद पर प्रभावी नियंत्रण किया गया है। आखिरी बड़ी आतंकी घटना 2013 में हुई थी और तब से अब तक देश के किसी भी हिस्से में ऐसा हमला नहीं हुआ है, जम्मू-कश्मीर को छोड़कर।  उन्होंने कहा कि भारत ने आतंकवाद की जड़ों को पहचानकर उस पर सटीक कार्रवाई की है। सुरक्षाबलों की सतर्कता, खुफिया एजेंसियों की बेहतर समन्वय प्रणाली और केंद्र-राज्य सहयोग के कारण भारत ने एक मजबूत काउंटर-टेररिज्म नेटवर्क विकसित किया है।

डोभाल ने स्वीकार किया कि जम्मू-कश्मीर की स्थिति बाकी देश से अलग है। उन्होंने कहा कि, जम्मू-कश्मीर पाकिस्तान के लिए लंबे समय से छद्म युद्ध (Proxy War) का अखाड़ा रहा है। यहां आतंकवाद की समस्या बाहरी ताकतों से प्रेरित रही है, लेकिन इसके बावजूद सुरक्षाबलों ने वहां भी आतंकवाद को काफी हद तक सीमित कर दिया है।

उन्होंने बताया कि बीते कुछ वर्षों में आतंकियों की घुसपैठ पर कड़ा नियंत्रण किया गया है और पाकिस्तान प्रायोजित आतंकी गतिविधियों को रोकने के लिए तकनीकी निगरानी, सर्जिकल ऑपरेशन और अंतरराष्ट्रीय सहयोग को प्राथमिकता दी गई है।

दुश्मन हमेशा सक्रिय रहे, लेकिन भारत सतर्क रहा - डोभाल 

एनएसए ने कहा कि भारत के दुश्मन लगातार देश को अस्थिर करने की कोशिश करते रहे हैं, लेकिन उनकी हर योजना को नाकाम किया गया है। दुश्मनों की गतिविधियां हमेशा जारी रहती हैं। उन्होंने कोशिशें कीं, लेकिन सौभाग्य से भारत के अंदरूनी हिस्सों में कोई बड़ा आतंकी हमला नहीं हुआ है, डोभाल ने कहा।उन्होंने बताया कि 2014 के बाद से वामपंथी उग्रवाद (Left Wing Extremism) में भी भारी गिरावट आई है।

2014 की तुलना में आज वामपंथी उग्रवाद 11 प्रतिशत से भी कम क्षेत्रों तक सिमट चुका है। यह इस बात का सबूत है कि भारत ने सुरक्षा के हर मोर्चे पर व्यापक प्रगति की है।

भारत ने बनाई मजबूत प्रतिरोधक क्षमता

अजीत डोभाल ने कहा कि भारत अब केवल रक्षा के लिए नहीं, बल्कि जवाब देने की क्षमता वाला राष्ट्र बन चुका है। भारत ने ऐसी प्रतिरोधक क्षमता (Deterrence) विकसित कर ली है, जो किसी भी राष्ट्रीय सुरक्षा खतरे का जवाब देने में सक्षम है। सिर्फ सुरक्षा उपाय करना ही पर्याप्त नहीं है, बल्कि हमें प्रत्येक भारतीय को यह विश्वास दिलाना होगा कि वे पूरी तरह सुरक्षित हैं। 

उन्होंने कहा कि सरकार का लक्ष्य सुरक्षा नीति को प्रतिक्रियात्मक से आगे बढ़ाकर प्रतिरोधक और आत्मनिर्भर बनाना है। डोभाल ने यह भी बताया कि भारत ने पिछले दशक में सुरक्षा ढांचे में कई बड़े बदलाव किए हैं।

  • इंटेलिजेंस नेटवर्क को आधुनिक तकनीक से लैस किया गया है।
  • साइबर सिक्योरिटी और ड्रोन सर्विलांस सिस्टम को और मजबूत किया गया है।
  • राज्य पुलिस और केंद्रीय एजेंसियों के बीच तालमेल बढ़ाया गया है।
  • सीमा सुरक्षा में डिजिटल मॉनिटरिंग और हाई-टेक सेंसर सिस्टम लागू किए गए हैं।

उन्होंने कहा कि इन सभी सुधारों ने आतंकवादी संगठनों की भारत में जड़ें जमाने की क्षमता को लगभग खत्म कर दिया है। एनएसए डोभाल ने अपने संबोधन के अंत में कहा कि भारत किसी भी बाहरी या आंतरिक खतरे से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है।

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