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बिहार चुनाव 2025: चुनाव आयोग ने बिहार में बढ़ाई सुरक्षा, 500+ CAPF कंपनियों की होगी तैनाती

बिहार चुनाव 2025: चुनाव आयोग ने बिहार में बढ़ाई सुरक्षा, 500+ CAPF कंपनियों की होगी तैनाती

बिहार चुनाव 2025 में 500 से अधिक CAPF कंपनियां तैनात की जाएंगी। CRPF, BSF, ITBP, CISF और SSB जवान मतदान केंद्रों की सुरक्षा और संवेदनशील क्षेत्रों में कानून व्यवस्था बनाए रखेंगे।

Patna: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के लिए सुरक्षा तैयारियों को लेकर राज्य में अभूतपूर्व इंतजाम किए जा रहे हैं। चुनाव आयोग और गृह मंत्रालय ने संयुक्त रूप से फैसला लिया है कि शांतिपूर्ण और निष्पक्ष मतदान (Free & Fair Election) सुनिश्चित करने के लिए पूरे राज्य में 500 से अधिक केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (CAPF) की कंपनियां तैनात की जाएंगी।

500 से ज्यादा कंपनियां, सुरक्षा का व्यापक घेरा

आगामी चुनावों को देखते हुए बिहार के विभिन्न जिलों में सुरक्षा की बहुस्तरीय व्यवस्था बनाई जा रही है। कुल 500 से अधिक CAPF कंपनियां, जिनमें लगभग 5,000 से ज्यादा जवान शामिल होंगे, राज्य भर में तैनात की जा रही हैं। इन बलों का उद्देश्य बूथ कैप्चरिंग, धमकी, और चुनावी हिंसा जैसी पुरानी चुनौतियों को रोकना है।

इस तैनाती में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) की 121 कंपनियां, सीमा सुरक्षा बल (BSF) की लगभग 400 कंपनियां, और भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP), केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) तथा सशस्त्र सीमा बल (SSB) की टुकड़ियाँ भी शामिल हैं।

बिहार पहुंची BSF की 99 कंपनियां

बीएसएफ की 99 कंपनियां पहले ही बिहार पहुंच चुकी हैं और बाकी बलों की आवाजाही जारी है। सुरक्षा एजेंसियों के अनुसार, यह केवल शुरुआती चरण है। गृह मंत्रालय (MHA) के अगले निर्देशों और सुरक्षा आकलन के बाद कंपनियों की कुल संख्या बढ़ाकर 1,600 तक की जा सकती है। यह बिहार में अब तक की सबसे बड़ी चुनावी सुरक्षा तैनाती मानी जा रही है।

क्यों जरूरी है इतनी सख्त सुरक्षा?

बिहार का चुनावी इतिहास हिंसा, बूथ कैप्चरिंग और धनबल के प्रयोग से भरा रहा है। हालांकि पिछले एक दशक में स्थिति में सुधार हुआ है, लेकिन चुनाव आयोग अब भी किसी जोखिम को नजरअंदाज नहीं करना चाहता। CAPF की तैनाती का मकसद है कि मतदान केंद्रों के आसपास भयमुक्त वातावरण बनाया जा सके ताकि हर मतदाता बिना किसी डर या दबाव के वोट डाल सके।

सुरक्षा रणनीति: हर चरण पर नजर

सूत्रों के अनुसार, CAPF की टुकड़ियाँ मतदान केंद्रों की सुरक्षा, गश्त (Patrolling) और संवेदनशील इलाकों में कानून व्यवस्था बनाए रखने की जिम्मेदारी संभालेंगी। इसके अलावा, ड्रोन कैमरों और डिजिटल निगरानी के जरिए रियल-टाइम मॉनिटरिंग की जाएगी। हर जिले में कंट्रोल रूम स्थापित किए जा रहे हैं जो सीधे चुनाव आयोग से जुड़े रहेंगे।

चुनाव कार्यक्रम का ऐलान आज संभव

मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार आज शाम बिहार चुनाव कार्यक्रम की घोषणा कर सकते हैं। उन्होंने पहले ही संकेत दिया था कि विधानसभा का कार्यकाल समाप्त होने से पहले चुनाव पूरे करा लिए जाएंगे। साथ ही, उन्होंने बताया कि विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision – SIR) अभियान के बाद मतदाता सूची को “शुद्ध” किया गया है, जो पिछले दो दशकों में पहली बार हुआ है।

चुनाव आयोग की सख्त निगरानी

चुनाव आयोग इस बार किसी भी गड़बड़ी को बर्दाश्त करने के मूड में नहीं है। आयोग ने निर्देश दिया है कि सभी जिलों में सुरक्षा बलों की मौजूदगी मतदान से पहले ही सुनिश्चित की जाए। संवेदनशील और अतिसंवेदनशील (Critical) मतदान केंद्रों की पहचान कर ली गई है और वहां अतिरिक्त सुरक्षाबल तैनात किए जाएंगे।

इसके अलावा, चुनाव आयोग ने यह भी स्पष्ट किया है कि हर चरण के मतदान के बाद सुरक्षा बल तुरंत अगले चरण के मतदान क्षेत्र में भेजे जाएंगे ताकि सुरक्षा का कोई अंतराल न रहे।

राजनीतिक समीकरण

बिहार विधानसभा की 243 सीटों का कार्यकाल 22 नवंबर को समाप्त हो रहा है। वर्तमान में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के पास बहुमत है। इसमें भारतीय जनता पार्टी (BJP) के 80, जनता दल (यूनाइटेड) के 45, हम (HAM) के 4 और 2 निर्दलीय विधायक शामिल हैं।

वहीं, महागठबंधन के पास 111 सीटें हैं, जिसमें राजद (RJD) के 77, कांग्रेस (INC) के 19, सीपीआई (ML) के 11, सीपीआई (M) के 2 और सीपीआई के 2 सदस्य हैं।

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