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Bihar Election 2025: EC का बड़ा फैसला, हर वोटर का घर-घर जाकर सत्यापन

Bihar Election 2025: EC का बड़ा फैसला, हर वोटर का घर-घर जाकर सत्यापन

बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले चुनाव आयोग वोटर लिस्ट की पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए घर-घर जाकर वेरिफिकेशन कराएगा। इसका उद्देश्य फर्जी नाम हटाना और छूटे हुए वोटरों को जोड़ना है।

Bihar Election 2025: बिहार में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव प्रस्तावित हैं। ऐसे में चुनाव आयोग (Election Commission) ने मतदाता सूची को अधिक पारदर्शी और त्रुटिरहित बनाने के लिए एक अहम कदम उठाने का फैसला किया है। आयोग इस बार राज्यभर में घर-घर जाकर वोटरों का वेरिफिकेशन कराने की योजना पर काम कर रहा है।

2004 जैसी प्रक्रिया दोहराने की तैयारी

सूत्रों के अनुसार, यह प्रक्रिया 2004 की तरह व्यापक और गहन होगी। उस समय भी चुनाव से पहले बड़े पैमाने पर वोटर लिस्ट का भौतिक सत्यापन कराया गया था। इस बार भी यही मॉडल अपनाया जाएगा, ताकि गलत या दोहराव वाले नाम हटाए जा सकें और छूटे हुए पात्र नागरिकों को सूची में शामिल किया जा सके।

वोटर लिस्ट को लेकर क्यों उठ रहे थे सवाल

पिछले कुछ वर्षों में कई राजनीतिक दलों और सामाजिक संगठनों ने वोटर लिस्ट की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े किए हैं। कांग्रेस समेत कई विपक्षी दलों ने चुनाव आयोग पर यह आरोप लगाया कि वोटर डेटा में हेरफेर कर भारतीय जनता पार्टी को फायदा पहुंचाया जा रहा है। हालांकि आयोग ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा है कि सूची बनाने की पूरी प्रक्रिया राजनीतिक दलों की निगरानी में और तय नियमों के अनुसार पारदर्शिता से होती है।

फर्जी और दोहराव वाले नाम हटाना उद्देश्य

इस बार का लक्ष्य है कि कोई भी फर्जी नाम या एक से ज्यादा बार दर्ज नाम हटाए जा सकें। इसके अलावा जो नए वोटर किसी कारणवश सूची में शामिल नहीं हो पाए हैं, उन्हें भी जोड़ा जा सके। आयोग का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि हर पात्र नागरिक को मतदान का अधिकार मिले और कोई भी योग्य मतदाता अनावश्यक रूप से सूची से वंचित न रह जाए।

मतदाता जागरूकता अभियान भी चलेगा

वोटर वेरिफिकेशन के साथ-साथ चुनाव आयोग मतदाताओं के बीच जागरूकता अभियान भी चलाएगा। इसके तहत मतदाताओं को यह बताया जाएगा कि वे अपने नाम की स्थिति ऑनलाइन कैसे जांच सकते हैं, सुधार कैसे करा सकते हैं और नई एंट्री के लिए कैसे आवेदन दे सकते हैं।

डेटा की डिजिटल एंट्री और फील्ड वर्क एक साथ

इस बार आयोग डिजिटल तकनीक और फील्ड वर्क को एक साथ जोड़कर प्रक्रिया को अधिक प्रभावी बनाएगा। बूथ लेवल ऑफिसर (BLO) घर-घर जाकर वोटरों की जानकारी जुटाएंगे और साथ ही मोबाइल एप या टैबलेट के माध्यम से रीयल टाइम एंट्री भी करेंगे। इससे डेटा एरर की संभावना घटेगी और प्रक्रिया तेज होगी।

राजनीतिक दलों को दी जाएगी जानकारी

चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया है कि मतदाता सूची से जुड़े हर कदम की जानकारी सभी प्रमुख राजनीतिक दलों को दी जाएगी। वे चाहें तो अपने प्रतिनिधियों के माध्यम से वेरिफिकेशन प्रक्रिया की निगरानी भी कर सकते हैं। यह पारदर्शिता को और मजबूत करने का प्रयास है।

जनता से भी सहयोग की अपील

आयोग की ओर से आम जनता से भी अपील की जाएगी कि जब BLO उनके घर आएं तो वे पूरी जानकारी ईमानदारी से दें और आवश्यक दस्तावेज दिखाएं। इससे मतदाता सूची को सटीक बनाने में मदद मिलेगी।

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