बिहार में आगामी अक्टूबर-नवंबर में होने वाले विधानसभा चुनाव को देखते हुए निर्वाचन आयोग ने वोटर लिस्ट की शुद्धता और निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए वोटर लिस्ट पुनरीक्षण अभियान की शुरुआत कर दी है।
पटना: बिहार विधानसभा चुनावों की तैयारी के तहत पटना में वोटर लिस्ट के विशेष पुनरीक्षण अभियान की शुरुआत हो चुकी है। राज्य में अक्टूबर-नवंबर 2025 में संभावित चुनावों को देखते हुए निर्वाचन आयोग ने मतदाता सूची की शुद्धता और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए बूथ लेवल अफसरों (BLO) की तैनाती के साथ घर-घर जाकर मतदाताओं से एनेमरेशन फॉर्म भरवाने का कार्य तेज कर दिया है। पटना के मौर्या पथ और राम नगरी जैसे इलाकों में बीएलओ सुबह से ही मतदाताओं के दरवाजे खटखटा रहे हैं और उन्हें आवश्यक जानकारी देकर फार्म भरने में मदद कर रहे हैं।
हालांकि, मतदाताओं में दस्तावेजों को लेकर कुछ भ्रम भी देखने को मिल रहा है। एबीपी न्यूज की टीम ने जब इलाके का दौरा किया, तो कई मतदाताओं ने बताया कि उन्हें इस प्रक्रिया की पूरी जानकारी नहीं थी, और दस्तावेजों को लेकर वे असमंजस में हैं। बीएलओ लगातार लोगों को समझा रहे हैं कि किन दस्तावेजों की जरूरत पड़ेगी और फॉर्म कैसे भरा जाएगा।
कौन से दस्तावेज जरूरी?
निर्वाचन आयोग के निर्देश के अनुसार, 1 जुलाई 1987 से पहले जन्मे लोगों को अपनी जन्म तिथि और जन्म स्थान की प्रमाणिकता सिद्ध करने के लिए फॉर्म के साथ कोई वैध दस्तावेज देना जरूरी होगा। इसमें शामिल हैं:
- 1987 से पहले जारी कोई पहचान पत्र
- सरकार, बैंक, पोस्ट ऑफिस, एलआईसी या पीएसयू द्वारा जारी प्रमाण पत्र
- जन्म प्रमाण पत्र
- पासपोर्ट
- किसी मान्यता प्राप्त बोर्ड या विश्वविद्यालय द्वारा जारी शैक्षणिक प्रमाण पत्र
- मूल निवास प्रमाण पत्र
- ओबीसी/एससी/एसटी जाति प्रमाण पत्र
- वन अधिकार प्रमाण पत्र
- परिवार रजिस्टर
- सरकार द्वारा जारी जमीन या मकान का प्रमाण पत्र
बढ़ी BLO और स्वयंसेवकों की तैनाती
वोटर लिस्ट वेरिफिकेशन की प्रक्रिया को सुचारू रूप से पूरा करने के लिए निर्वाचन आयोग ने पहले से कार्यरत 77,895 बीएलओ के अलावा 20,603 नए बीएलओ की नियुक्ति की है। इसके अलावा 1 लाख से अधिक स्वयंसेवकों को विशेष रूप से वृद्ध, दिव्यांग, बीमार और वंचित वर्ग के मतदाताओं की मदद के लिए लगाया गया है।
राजनीतिक दलों ने भी इस काम में अपनी सक्रिय भागीदारी निभाई है। अब तक 1,54,977 बूथ लेवल एजेंट (BLA) तैनात किए जा चुके हैं। बिहार की 243 विधानसभा सीटों पर करीब 7.89 करोड़ मतदाता इस विशेष पुनरीक्षण अभियान के दायरे में हैं।
कब जारी होगी संशोधित वोटर लिस्ट?
25 जुलाई तक घर-घर सर्वे का काम पूरा कर लिया जाएगा। उसके बाद निर्वाचन आयोग फॉर्म और दस्तावेजों की जांच करेगा। जिन लोगों का सत्यापन नहीं होगा या जो मृत पाए जाएंगे, उनके नाम सूची से हटा दिए जाएंगे। वहीं नए मतदाताओं के नाम जोड़े जाएंगे। 1 अगस्त को संशोधित वोटर लिस्ट का ड्राफ्ट प्रकाशित होगा, जिस पर 1 सितंबर तक दावा-आपत्ति दर्ज करवाई जा सकेगी। सभी दावों और आपत्तियों का निपटारा सितंबर के भीतर कर दिया जाएगा और 30 सितंबर को फाइनल वोटर लिस्ट जारी कर दी जाएगी।
विधानसभा चुनाव नजदीक आते ही फर्जी मतदाता और दोहरे नामों को हटाने की जरूरत सबसे बड़ी चुनौती बन जाती है। इस अभियान के जरिए निर्वाचन आयोग मतदाता सूची को शुद्ध, पारदर्शी और अद्यतन बनाना चाहता है ताकि चुनाव निष्पक्ष और भरोसेमंद तरीके से संपन्न हो सकें।