बिरलासॉफ्ट के शेयर में 23 अक्टूबर को 10.5% से ज्यादा की तेजी आई, जो मई 2021 के बाद सबसे बड़ा एक दिन का उछाल है। अमेरिकी प्रशासन द्वारा H-1B वीजा नियमों पर क्लैरिफिकेशन के बाद भारतीय IT कंपनियों को राहत मिली है। शेयर प्रमुख तकनीकी स्तरों को पार करते हुए 388 रुपये के उच्च स्तर पर पहुंचा।
Birlasoft Share: बिरलासॉफ्ट लिमिटेड के शेयर 23 अक्टूबर को 10.5% से अधिक उछलकर ₹388.20 तक पहुंच गए, जो मई 2021 के बाद सबसे बड़ा एक दिन का रिटर्न है। यह तेजी अमेरिकी प्रशासन द्वारा H-1B वीजा नियमों में क्लैरिफिकेशन के बाद आई, जिससे भारतीय IT कंपनियों को राहत मिली। अब शेयर अपने 50-डे और 100-डे मूविंग एवरेज को पार कर प्रमुख तकनीकी स्तरों के ऊपर स्थित है और कंपनी का मार्केट कैप ₹10,600 करोड़ से अधिक हो गया है।
अक्टूबर में गेन का माह बनने की संभावना
अगर शेयरों में यह तेजी बनी रहती है, तो लगातार तीन महीने की गिरावट के बाद अक्टूबर बिरलासॉफ्ट के लिए पहला मुनाफा वाला महीना साबित हो सकता है। हालांकि, एक साल में शेयर 36 प्रतिशत टूट चुका है। सितंबर 2025 के अंत तक कंपनी के प्रमोटर्स के पास 40.53 प्रतिशत हिस्सेदारी थी।
IT शेयरों में उछाल का कारण
बिरलासॉफ्ट सहित अन्य IT शेयरों में तेजी का मुख्य कारण अमेरिकी प्रशासन की ओर से H-1B वीजा नियमों पर आया क्लैरिफिकेशन है। डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन ने घोषणा की है कि H-1B वीजा आवेदन पर 100,000 डॉलर की फीस F-1 छात्र वीजा होल्डर्स, L-1 इंट्रा-कंपनी ट्रांसफरीज या मौजूदा H-1B वीजाहोल्डर्स के रिन्यूअल और एक्सटेंशन पर लागू नहीं होगी।
इस नियम के बदलाव से भारतीय IT कंपनियों को राहत मिली है और निवेशकों ने इसे सकारात्मक संकेत के रूप में लिया। H-1B वीजा नियमों में आए बदलाव ने भारतीय टेक्नोलॉजी और सर्विसेज सेक्टर में काम करने वाले पेशेवरों की नौकरी सुरक्षा को मजबूत किया है।
H-1B वीजा धारकों की स्थिति
वर्तमान में अमेरिका में लगभग 300,000 भारतीय कर्मचारी H-1B वीजा पर काम कर रहे हैं। इनमें से अधिकांश टेक्नोलॉजी और सर्विस सेक्टर में कार्यरत हैं। अमेरिकी प्रशासन के आंकड़ों के अनुसार, नए H-1B वीजा एलोकेशंस में भारतीयों की हिस्सेदारी लगभग 70 प्रतिशत है। इसके बाद चीनी नागरिकों की हिस्सेदारी 11-12 प्रतिशत के आसपास है। इस अपडेट के बाद भारतीय IT कंपनियों में निवेशकों की उम्मीदें बढ़ गई हैं।
शेयर में तकनीकी मजबूती
बिरलासॉफ्ट का शेयर तकनीकी दृष्टि से मजबूत दिख रहा है। 50-डे और 100-डे मूविंग एवरेज को पार करने के बाद शेयर के लिए नई खरीदारी का ट्रेंड बन गया है। निवेशक मान रहे हैं कि अगर यह तेजी बनी रहती है, तो आने वाले हफ्तों में शेयर नई ऊंचाइयों को छू सकता है।
IT सेक्टर पर असर
H-1B वीजा नियमों में बदलाव का असर केवल बिरलासॉफ्ट पर ही नहीं, बल्कि पूरे भारतीय IT सेक्टर पर पड़ा है। अन्य IT कंपनियों के शेयरों में भी उछाल देखने को मिला। निवेशकों ने इसे अमेरिकी प्रशासन की सकारात्मक नीति और भारतीय पेशेवरों की मांग के संकेत के रूप में देखा।
निवेशकों का उत्साह
निवेशकों का उत्साह इस बात से भी बढ़ा है कि लंबे समय तक अमेरिकी बाजार में काम करने वाले भारतीय पेशेवरों की स्थिरता बनी रहेगी। इसके साथ ही कंपनियों के नए प्रोजेक्ट और कॉन्ट्रैक्ट की संभावना भी बढ़ गई है। इस कारण निवेशकों ने Birlasoft के शेयरों को तेजी से खरीदा और शेयर ने दिन के कारोबार में नया रिकॉर्ड बनाया।
विशेषज्ञ मानते हैं कि H-1B वीजा नियमों में आए बदलाव से Birlasoft सहित अन्य IT कंपनियों की आने वाली तिमाहियों में वृद्धि की संभावना मजबूत हुई है। अगर अमेरिकी बाजार में भारतीय पेशेवरों की मांग स्थिर रहती है और कंपनियां अपने कॉन्ट्रैक्ट सफलतापूर्वक पूरा करती हैं, तो शेयर में और तेजी देखी जा सकती है।